माघ मेला 2023- संगम की भूमि पर मेला बसाने के लिए 11 से बांटी जाएगी संस्थाओं और साधु-संतों को भूमि
भूमि आवंटन 11 से 25 दिसंबर तक होगा। इस दौरान साधु-संतों,तीर्थपुरोहितों और आध्यात्मिक संस्थाओं को भूमि आवंटित की जाएंगी। तिथियां घोषित होने के साथ ही कई संस्थाओं के बीच भूमि सुविधा बढ़ाने के लिए खींचतान तेज हो गई है।
गत बीते शनिवार को प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने संगम की रेती पर माघ मेला बसाने के लिए भूमि आवंटन की तिथियां घोषित कर दी। भूमि आवंटन 11 से 25 दिसंबर तक होगा। इस दौरान साधु-संतों,तीर्थपुरोहितों और आध्यात्मिक संस्थाओं को भूमि आवंटित की जाएंगी। तिथियां घोषित होने के साथ ही कई संस्थाओं के बीच भूमि सुविधा बढ़ाने के लिए खींचतान तेज हो गई है।
बसे पहले भूमि दंडी स्वामी नगर और दंडी बाड़ा मार्ग में आवंटित की जाएगी। 14 व 15 दिसंबर को ख़ाक चौक, 17 व 18 दिसंबर को आचार्य स्वामी नगर (आचार्य बाड़ा), 19 दिसंबर को संगम लोवर मार्ग, संगम अपर मार्ग एवं सरस्वती मार्ग महावीर मार्ग पर संस्थाओं, 20 दिसंबर को अन्नपूर्णा मार्ग, सेक्टर 1 व 2, परेड शास्त्री गाटा, कबीर नगर में आवंटित की जाएगी भूमि। 21 दिसंबर को रामानुज मार्ग, गणपति मार्ग, जीटी मार्ग, अरैल व 22 को तुलसी मार्ग में भूमि का आवंटन होगा। 23 दिसंबर को त्रिवेणी मार्ग, हरिश्चंद्र मार्ग, 24 को काली मार्ग, गंगोली शिवाला मार्ग में भूमि आवंटन होगा।
25 दिसंबर को समुद्रकूप मार्ग, इंटर लॉकिंग मार्ग सेक्टर 3, समयामाई मार्ग में संस्थाओं को भूमि आवंटित की जाएगी। सुविधा पर्चियों के लिए फोटो सहित पहचान पत्र और आधार कार्ड लाना अनिवार्य होगा। मेला क्षेत्र के प्रत्येक शिविर को माघी पूर्णिमा तक शिविर बनाए रखना होगा। सुविधा पर्ची भूमि आवंटन के दो दिनों बाद जारी की जाएगी।
मेलाधिकारी अरविंद चौहान के मुताबिक भूमि आवंटन के दो दिन बाद सुविधा पर्ची जारी की जाएगी। सुविधा पर्चियों के लिए फोटोयुक्त पहचान पत्र एवं आधार कार्ड प्रस्तुत करना अनिवार्य है। प्रत्येक संस्थाओं को मेले की संपूर्ण अवधि माघी पूर्णिमा तक शिविर बनाए रखना होगा।
वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए कल्पवासियों, धार्मिक संस्थाओं को नियमों का पालन करना होगा। महामारी की स्थिति में जारी किसी भी आदेश का पालन हर संस्था को करना होगा।