अजित पवार के रुख से घबराया महाविकास अघाड़ी, शिंदे-फडणवीस से मिलने पर उद्धव शिवसेना चिंता में
राकांपा प्रमुख शरद पवार और अजित पवार ने ऐसे बयान दिए जो भाजपा के पक्ष में नजर आए। अदाणी मामले में शरद पवार की टिप्पणी ने मीडिया का सबसे अधिक ध्यान खींचा, जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार व्यवसायी गौतम अदाणी और उनके व्यापारिक समूह के खिलाफ सवाल उठाते रहे हैं।
विपक्ष के नेता अजित पवार ने बुधवार को सह्याद्री गेस्ट हाउस में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। करीब एक घंटे हुई तीनों के बीच मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
बता दे हाल ही में राकांपा प्रमुख शरद पवार और अजित पवार ने ऐसे बयान दिए जो भाजपा के पक्ष में नजर आए। अदाणी मामले में शरद पवार की टिप्पणी ने मीडिया का सबसे अधिक ध्यान खींचा, जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार व्यवसायी गौतम अदाणी और उनके व्यापारिक समूह के खिलाफ सवाल उठाते रहे हैं।
टीवी चैनल से बातचीत करते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अदाणी का समर्थन किया था। दूसरी तरफ अजित पवार अब तक प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी जीत और डिग्री विवाद को लेकर कांग्रेस-शिवसेना उद्धव बालासाहेब के रुख से उलट बयान दे चुके हैं।
इधर राउत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अजित पवार राकांपा के वरिष्ठ नेता हैं। मुझे नहीं लगता कि वे ऐसा कुछ करेंगे और भाजपा चले जाएंगे। उन्होंने कहा, "अजित पवार का राजनीतिक भविष्य राकांपा के साथ ही बेहतर है। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। वे उनके साथ नहीं शामिल होंगे और भाजपा के गुलाम नहीं बनेंगे। हमें एनसीपी नेता अजित पवार पर पूरा भरोसा है।"
गौरतलब है कि शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार से उनके आवास पर मुलाकात की थी। दक्षिण मुंबई के सिल्वर ओक में शरद पवार के आवास पर हुई मुलाकात के दौरान शिवसेना सांसद संजय राउत भी मौजूद थे।
उद्धव ठाकरे और शरद पवार की मुलाकात ऐसे समय में हुई जब हाल ही में शरद पवार ने अडाणी समूह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की जगह उच्चतम न्यायालय की एक समिति द्वारा जांच कराए जाने का समर्थन किया था। पवार ने कहा था कि अगर जेपीसी का गठन होता है तो लोकसभा और राज्यसभा में भाजपा की संख्या को देखते हुए, सत्ता पक्ष के पैनल में 14-15 सदस्य होंगे, जबकि विपक्ष के पास पांच से छह सांसद होंगे।
आपको बता दे कि ईडी ने एमएससीबी घोटाले के मामले में पीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। जिसमें अजित पवार और उनकी पत्नी का नाम शामिल नहीं किया, जिससे कुछ राजनीतिक अटकलें और प्रतिक्रियाएं भी हुईं। एमएससीबी घोटाले मामले में ईडी ने एक कंपनी के स्वामित्व वाली संपत्ति को कुर्क किया था जिसमें अजित पवार और उनकी पत्नी शेयरधारक हैं।
ईडी द्वारा चार्जशीट में अजित पवार और उनकी पत्नी का नाम हटाये जाने पर शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा, इसका साफ मतलब है कि आपने (बीजेपी) ईडी और सीबीआई का गलत इस्तेमाल किया। जांच शुरू की और उन्हें परेशान किया। उनके परिवार और रिश्तेदारों के यहां छापा मारा। अब चार्जशीट में उनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है। यह स्पष्ट है कि इस मामले में भी ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग हुआ है।