इस मकर संक्रांति २०२२ में इन चीजों का जरूर करे दान करेगा मालामाल जानिए सही समय मुहूर्त और दिन महत्व

14 जनवरी की रात 8:58 बजे सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होने के कारण यह स्तिथि बन रही है की १४ और १५ जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जायेगा और १५ जनवरी के दिन में ही पुण्य काल रहेगा। इसी के साथ ही मतमतान्तर होने के कारन १५ जनवरी को भी मकर संक्रांति का पर्व मनाया जायेगा। इस दिन रोहणी नक्षत्र रहेगा। उदय तिथि के महत्त्व के कारन १५ जनवरी को लोग स्नान दान करेंगे। इस वर्ष की संक्रांति का वाहन बाघ, उपवाहन अश्व और हाथो में गदा रूपी अस्त्र है. गमन पूर्व दिशा में वस्त्र पीला गंध द्रव्य कुमकुम वयः कुमारी और पात्र चाँदी का है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। खगोलीय दृष्टि से देखें तो सूर्य जब दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं, या पृथ्वी का उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है उस दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है।

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इस वर्ष सन्न २०२२ में मकर संक्रांति १४ जनवरी को पौष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को शुक्ल और ब्रह्म योग के शुभ संयोग में मनाई जाएगी।  14 जनवरी की रात 8:58 बजे सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होने के कारण यह स्तिथि बन रही है की १४ और १५ जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जायेगा और १५ जनवरी के दिन में ही पुण्य काल रहेगा। इसी के साथ ही मतमतान्तर होने के कारन १५ जनवरी को भी मकर संक्रांति का पर्व मनाया जायेगा।  इस दिन रोहणी नक्षत्र रहेगा।  उदय तिथि के महत्त्व के कारन १५ जनवरी को लोग स्नान दान करेंगे। इस वर्ष की संक्रांति का वाहन बाघ, उपवाहन अश्व और हाथो में गदा रूपी अस्त्र है. गमन पूर्व दिशा में वस्त्र पीला गंध द्रव्य कुमकुम वयः कुमारी और पात्र चाँदी का है।

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जैसा कि सब जानते हैं सूर्य शक्ति और यश का प्रतीक माना जाता है और साथ ही सूर्य ग्रहों का राजा भी कहा जाता है ऐसे में सूर्य जब किसी कुंडली में मजबूत स्थिति में होता है तब व्यक्ति कि नेतृत्व क्षमता, मान प्रतिष्ठा और समृद्धि में वृद्धि होती है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य का राशि परिवर्तन हो रहा है। सूर्य देव अभी धनु राशि में गोचर कर रहे हैं। 14 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर शनि की राशि है। वह कर्मफल दाता को सूर्य का पुत्र माना गया है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार सूर्य जब मकर राशि में आते हैं, तब महत्वपूर्ण खगोलीय घटना होती है। मकर संक्रांति धार्मिक दृष्टि से काफी शुभ है। सूर्य के मकर राशि में गोचर करते की खरमास समाप्त होगा। फिर शुभ कार्य आरंभ होंगे। ज्योतिष के अनुसार जब ग्रह राशि परिवर्तन करता है। तब इसका सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ता है।ऐसे में 14 जनवरी को मकर राशि में जब सूर्य प्रवेश करेंगे तो कुछ राशियों को सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं कौन से राशियां हैं जिस पर सूर्य देव मेहरबान होंगे। 

सिंह राशि: वृश्चिक राशि: मकर राशि:

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन देवता का दिन आरंभ हो जाता है।  देवता का दिन 6 माह के लिए प्रारंभ हो जाता है। सूर्य के उत्तरायण होने को देवताओं का दिन कहा जाता है। मकर संक्रांति पर सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं। इस नदी पवित्र नदियों में स्नान करने और उसके बाद दान करने का महत्व होता है। साल में 12 संक्रांतियां पड़ती हैं, लेकिन इनमें से मकर संक्रांति का विशेष महत्व है।

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पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 15 जनवरी दिन shanivaar  को मकर संक्रांति मनाई जाएगी. इस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में लगभग एक माह के लिए आते हैं. संक्रांति पर स्नान और दान पुण्य का विशेष महत्व है. सूर्य का मकर राशि में जाना कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसके बाद सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं, शुभ मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं और मौसम में भी गर्माहट आने लगती है।

मकर संक्रांति दान
मकर संक्रांति पर तिल-लड्डू, चावल,उड़द की छिलकेदार दाल तथा मौसम वाली सब्ज़ी, फल एवं सामर्थ्य के अनुसार वस्त्र, पात्र आदि का दान करने से अलौकिक फल की प्राप्ति होती है. ऐसा पुराणों में वर्णन प्राप्त होता है.

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तिल -  मकर संक्रांति पर  तिल का दान करना शुभ माना जाता है. तिल का दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.

खिचड़ी-  मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाना जितना शुभ है, उतना ही शुभ इसका दान करना भी माना जाता है.

गुड़- इस दिन गुड़ का दान करना भी शुभ होता है. गुड़ का दान करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है.

तेल- इस दिन तेल दान करना शुभ होता है. ऐसा करने से शनि देव का आर्शीवाद मिलता है.  

अनाज- मकर संक्रांति के दिन पांच तरह के अनाज दान करने से हर तरह की मनोकामना पूरी होती है

घी-  इस दिन घी का दान करने से करियर में सफलता मिलती है.

रेवड़ी - मकर संक्रांति के दिन रेवड़ी का भी दान करना भी शुभ माना जाता है. 

नमक -  इस दिन नमक का नया पैकेट लेकर दान करें. इससे शुक्र मजबूत होता है. 

कंबल - इस दिन कंबल का दान करना शुभ होता है. इससे राहु और शनि शांत होते हैं. 

चारा -  इस दिन गाय को हरा चारा खिलाना शुभ होता है.

नए वस्त्र - इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को नए वस्त्र दान करने चाहिए.

भविष्यपुराण के अनुसार सूर्य के उत्तरायण के दिन संक्रांति व्रत करना चाहिए. तिल को पानी में मिलाकार स्नान करना चाहिए. अगर संभव हो तो गंगा स्नान करना चाहिए. इस द‍िन तीर्थ स्थान या पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व अधिक है इसके बाद भगवान सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए मकर संक्रांति पर अपने पितरों का ध्यान और उन्हें तर्पण जरूर देना चाहिए.

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अब जानते है की पूरे देश में यह दिन किस तरह मनाया जाता है

उत्तर प्रदेश : मकर संक्रांति को खिचड़ी पर्व कहा जाता है. सूर्य की पूजा की जाती है. चावल और दाल की खिचड़ी खाई और दान में दी जाती है

गुजरात और राजस्थान : उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है. पतंग उत्सव का आयोजन किया जाता है

आंध्रप्रदेश : संक्रांति के नाम से तीन दिन का पर्व मनाया जाता है

तमिलनाडु : किसानों का ये प्रमुख पर्व पोंगल के नाम से मनाया जाता है. घी में दाल-चावल की खिचड़ी पकाई और खिलाई जाती है

महाराष्ट्र : लोग गजक और तिल के लड्डू खाते हैं और एक दूसरे को भेंट देकर शुभकामनाएं देते हैं

पश्चिम बंगाल : हुगली नदी पर गंगा सागर मेले का आयोजन किया जाता है

असम : भोगली बिहू के नाम से इस पर्व को मनाया जाता है

पंजाब : एक दिन पूर्व लोहड़ी पर्व के रूप में मनाया जाता है. धूमधाम के साथ समारोहों का आयोजन किया जाता है.

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