डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से मोदी सरकार ने डाले 25 ख़रब रूपये, बन गया एक रिकॉर्ड
मोदी सरकार में लाखों लाभार्थियों के बैंक खाते में पैसा सीधा ट्रांसफर होने का रिकॉर्ड बन गया है. साल 2014 से अब तक डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) स्कीम का आंकड़ा 25 ट्रिलियन (खरब) रुपये को पार कर गया है. इस स्कीम से नए-नए लाभार्थी जुड़ने की वजह से डीबीटी ट्रांसफर साल दर साल लगातार बढ़ रहा है.
यूपीए सरकार ने साल 2013-14 में डीबीटी स्कीम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया था. नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2014-15 में इस स्कीम को और बड़ा कर दिया. साल 2017-18 में डीबीटी स्कीम ने 1.9 ट्रिलियन रुपये का आंकड़ा छू लिया और साल 2019-20 तक इसमें कई और स्कीमें जोड़ दी गईं.
मोदी सरकार में लाखों लाभार्थियों के बैंक खाते में पैसा सीधा ट्रांसफर होने का रिकॉर्ड बन गया है. साल 2014 से अब तक डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) स्कीम का आंकड़ा 25 ट्रिलियन (खरब) रुपये को पार कर गया है. इस स्कीम से नए-नए लाभार्थी जुड़ने की वजह से डीबीटी ट्रांसफर साल दर साल लगातार बढ़ रहा है. साल 2019-20 में डीबीटी स्कीम के तहत 3 ट्रिलियन रुपये ट्रांसफर किए गए. वहीं साल 2021-21 में यह मात्रा बढ़कर 5.5 ट्रिलियन रुपये हो गया, जबकि आखिरी वित्तीय वर्ष में यह 6.3 ट्रिलियन हुआ. वहीं मौजूदा वित्तीय वर्ष के छह महीने से कम समय में ही 2.35 ट्रिलियन रुपये लाभार्थियों के खातों में जमा कर दिए गए हैं.
साल 2014 से शुरू हुई डीबीटी स्कीम में 56 फीसदी ट्रांसफर पिछले ढाई साल में पूरा हुआ है. सरकार इस स्कीम को आपदा में लोगों की मदद का अहम जरिया बना रही है. खासकर साल 2020 के मार्च में आई कोरोना महामारी में इसे बेहतर रूप से इस्तेमाल किया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि डीबीटी कोविड में लोगों की रक्षक थी. उन्हें सरकार से पैसा सीधे उनके बैंक खाते में मिला. अंतिम वित्तीय वर्ष में करीब 73 करोड़ लोगों ने डीबीटी स्कीम का नगद में फायदा उठाया, जबकि 105 करोड़ लोगों ने दूसरे जरियों से डीबीटी का लाभ उठाया.
इसके साथ ही सरकार यह भी दावा करती है कि डीबीटी स्कीम से 2.2 ट्रिलियन रुपये गलत हाथों में जाने से बचा लिए. सरकार ने बैंक अकाउंट को आधार से लिंक कराया, ताकि इस रकम का गलत इस्तेमाल न हो.