मुख्यमंत्री उद्यमी मित्र योजना को मिली मंजूरी, 105 उद्यमी मित्र भर्ती किए जाएंगे- योगी कैबिनेट
उद्यमी मित्र की तैनाती जिलों में औद्योगिक विकास प्राधिकरण और इन्वेस्ट उत्तर प्रदेश के मुख्यालय स्तर से की जाएगी। उद्यमी मित्र निवेशकों को परियोजना का स्थलीय दौरा कराएंगे। निवेश प्रक्रिया से अवगत कराने और विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित करने में मदद करेंगे।
उत्तर प्रदेश में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट- 2023 के जरिये प्रदेश में निवेश करने आ रहे देशी और विदेशी निवेशकों की मदद के लिए एक वर्ष के अनुबंध पर 105 उद्यमी मित्र नियुक्त किए जाएंगे। बता दे इसमें उद्यमी मित्र को 70 हजार रुपये महीने मानदेय और भत्ते दिए जाएंगे। कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री उद्यमी मित्र योजना का प्रस्ताव मंजूर किया गया।
प्रदेश के औद्योगिक विकास एवं अवस्थापना विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार ने बताया कि उद्यमी मित्र की तैनाती जिलों में औद्योगिक विकास प्राधिकरण और इन्वेस्ट उत्तर प्रदेश के मुख्यालय स्तर से की जाएगी। उद्यमी मित्र को प्राधिकारी इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश होंगे। उद्यमी मित्र निवेशकों को परियोजना का स्थलीय दौरा कराएंगे। निवेश प्रक्रिया से अवगत कराने और विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित करने में मदद करेंगे।
उद्यमी मित्र के लिए शैक्षिक अर्हता में व्यवसाय प्रशासन विषय में 60 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर, कम्प्यूटर ज्ञान, हिन्दी एवं अंग्रेजी में काम करने और धारा प्रवाह बोलना आवश्यक है। अभ्यर्थियों का चयन निर्धारित भारांक, कम्प्यूटर ज्ञान और साक्षात्कार के आधार पर चयन समिति के जरिये किया जाएगा।
कैबिनेट ने प्रदेश में संचालित प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलंबन (एग्री जंक्शन) योजना को आगामी 5 वर्ष के लिए संचालित करने के प्रस्ताव को अनुमति दे दी है। इस योजना में किसी भी तरह का संशोधन मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद किया जा सकेगा।
प्रदेश कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2022 को मंजूरी दे दी है। नीति में 12.5 एकड़ से अधिक भूमि खरीदने की अनुमति, गैर कृषि उपयोग घोषणा के लिए शुल्क से छूट, परियोजना में आने वाली सरकारी भूमि के विनिमय, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के भू उपयोग परिवर्तन के लिए 10 हजार रुपये प्रतीकात्मक शुल्क देने की व्यवस्था की गई है।
इससे प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास, पूंजी निवेश, रोजगार सृजन व स्टेक होल्डर की आय वृद्धि में सहायक होगी। बाहरी विकास के लिए 50 हजार रुपये प्रतीकात्मक शुल्क, स्टांप शुल्क से छूट, राज्य के बाहर से लाई कृषि उपज पर मंडी शुल्क व उपकर से छूट, बिजली आपूर्ति के सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर सब्सिडी, निर्यात के लिए परिवहन सब्सिडी का भी प्रावधान है।
वहीं विभाग राज्य में खाद्य प्रसंस्करण में अनुभव तथा पाठ्यक्रम चलाने वाले संस्थानों और कॉलेजों को भी सूचीबद्ध करेगा और परियोजनाओं व प्रस्ताव के मूल्यांकन व कार्यों का सत्यापन करेगा। यह नीति अधिसूचना जारी होने से पांच साल के लिए प्रभावी होगी।