'BJP के पीछे पड़ने पर या तो भगवान ले जाएंगे या CBI' राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष का बयान, बवाल शुरू

चाय पर चर्चा कार्यक्रम में घोष ने कहा कि जो भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पीछे पड़े हैं और देश को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, वे नहीं बचेंगे। घोष ने यहां तक कहा भाजपा के ज्यादा पीछे पड़ने पर या तो भगवान ले जाएंगे या सीबीआई। 

'BJP के पीछे पड़ने पर या तो भगवान ले जाएंगे या CBI' राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष का बयान, बवाल शुरू

अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व बंगाल के मेदिनीपुर से सांसद दिलीप घोष ने अब मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होने की कोशिश कर रहे विपक्षी दलों को कथित धमकी देकर विवाद खड़ा कर दिया है।

इधर, उनके बयान पर तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। तृणमूल के प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने कहा कि घोष ने स्वीकार किया है कि भाजपा विपक्ष के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। हम काफी समय से इस मुद्दे को उठा रहे हैं। वहीं, माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि दिलीप घोष ने बंगाल में राजनीतिक भाषा को एक नए निचले स्तर पर पहुंचा दिया है।

बांकुड़ा में शनिवार को चाय पर चर्चा कार्यक्रम में घोष ने कहा कि जो भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पीछे पड़े हैं और देश को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, वे नहीं बचेंगे। घोष ने यहां तक कहा भाजपा के ज्यादा पीछे पड़ने पर या तो भगवान ले जाएंगे या सीबीआई। 

बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को निशाने पर लेते हुए घोष ने कहा कि उद्धव ठाकरे, नीतीश कुमार व मुलायम सिंह यादव की तरह उनका भी हश्र होगा। उन्होंने तृणमूल को लुटेरों की पार्टी भी बताया।

केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री व बांकुड़ा से सांसद डा सुभाष सरकार ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि भौतिकी वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के फार्मूले से बहुत पहले से ही पदार्थ और ऊर्जा के संयोजन का प्रमाण हमारी संस्कृति में रहा है और हमारे मनीषियों ने पहले ही इसके बारे में बता दिया था। दुर्गापुर में स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) के हाल में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने यह टिप्पणी की।

विपक्ष द्वारा भाजपा पर शिक्षा का भगवाकरण किए जाने के आरोपों का जवाब देते हुए सरकार ने कहा कि लोगों को हमारी संस्कृति में मौजूद विज्ञान को जानना चाहिए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत ने ही दुनिया को शून्य दिया था। इधर, भौतिकी से जुड़े शिक्षकों और शोधकर्ताओं के एक समूह के साथ तृणमूल ने आइंस्टीन के फार्मूले पर सवाल उठाने के लिए उनकी आलोचना की है।

उन्होंने इसे विज्ञान के बारे में गलत भ्रांतियां फैलाने का आरोप लगाया है। तृणमूल के प्रदेश सचिव वी शिवदासन ने कहा कि यह आरएसएस की थ्योरी को जनता पर थोपने की कोशिश है।