नेपाल की सुप्रीम कोर्ट का फैसला- चार्ल्स शोभराज को रिहा करने का आदेश, बिकिनी किलर के नाम से मशहूर
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने कुख्यात सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया है। 15 दिनों के भीतर उसे उसके देश डिपोर्ट कर दिया जाएगा। कोर्ट ने उसकी उम्र को देखते हुए ये फैसला सुनाया है। आपको बता दें कि चार्ल्स शोभराज, दो अमेरिकी पर्यटकों की हत्या के मामले में 2003 से ही नेपाल की जेल में बंद है। साल 1976 से 1997 तक चार्ल्स शोभराज भारतीय जेल में भी सजा काट चुका है।
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने कुख्यात सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया है। 15 दिनों के भीतर उसे उसके देश डिपोर्ट कर दिया जाएगा। कोर्ट ने उसकी उम्र को देखते हुए ये फैसला सुनाया है। आपको बता दें कि चार्ल्स शोभराज, दो अमेरिकी पर्यटकों की हत्या के मामले में 2003 से ही नेपाल की जेल में बंद है। साल 1976 से 1997 तक चार्ल्स शोभराज भारतीय जेल में भी सजा काट चुका है। नेपाल में उसे गिरफ्तार कर कई मुकद्दमे चलाए गए थे और साल 2004 के अगस्त महीने में चार्ल्स शोभराज को आजीवन कारावास की सजा दी गई। नेपाली सर्वोच्च न्यायालय ने भी 30 जुलाई, 2010 को उसकी इस सजा को बरकरार रखा था।
बता दे चार्ल्स शोभराज बिकिनी किलर के नाम से भी मशहूर है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सपना प्रधान मल्ला और तिल प्रसाद श्रेष्ठ की बेंच ने शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट के प्रवक्ता के मुताबिक, शोभराज ने ही याचिका दायर की थी। वह निर्धारित वक्त से ज्यादा समय तक जेल में बंद था। इसी आधार पर उसे जेल से रिहा करने का आदेश दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, चार्ल्स शोभराज पर दो अमेरिकी पर्यटकों की हत्या करने के आरोप था। वह 2003 से नेपाल की जेल में बंद है। नेपाल की सर्वोच्च कोर्ट ने शोभराज के निर्वासन पर भी फैसला सुनाया है। कोर्ट ने रिहाई के 15 दिनों के अंदर उसके निर्वासन या डिपोर्टेशन का भी आदेश दिया है।
शातिर अंतरराष्ट्रीय अपराधी चार्ल्स शोभराज का जन्म वियतनाम में हुआ था। मीडिया सूत्रों के मुताबिक, दक्षिणपूर्वी एशिया के तकरीबन सभी मुल्कों के लोगों को अपना शिकार बनाने वाला चार्ल्स शोराज चोरी और ठगी का ऐसा माहिर खिलाड़ी है जिसकी मिसाल कम ही मिलती है। इसने कई देशों की पुलिस की नींद उड़ा रखी थी। बिकिनी किलर के नाम से मशहूर शोभराज ने 1970 के दशक में विदेशी पर्यटकों को अपना निशाना बनाना शुरू किया।
वह उनका फ्रेंड बनकर उन्हें नशीली दवाएं और फिर उनकी हत्या कर देता था। विदेशी महिलाएं उसका मुख्य शिकार बनतीं थीं। वो इतना शातिर था और इतनी सफाई से अपराधों को अंजाम देता था कि उसका सुराग लगे, इससे पहले ही वो अपराध कर निकल जाता था। इस तरह उसने अलग-अलग देशों में कई लोगों की हत्या की।
1986 में चार्ल्स अपने साथियों के साथ नई दिल्ली की तिहाड़ जेल से भाग निकला था, लेकिन बहुत जल्द ही उसे पकड़ लिया गया। 1997 में सजा पूरी करने के बाद चार्ल्स सोभराज रिहा हुआ। फिर साल 2003 में नेपाल आने के बाद उसे दो लोगों की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा दी गई।