चाचा शिवपाल की चिट्ठी पर भतीजे अखिलेश ने कसा तंज-बीजेपी ने लिखवाई चिट्ठी
राष्ट्रपति चुनाव के बीच मुलायम परिवार में एक बार फिर तेजी से खटास बढ़ती देखी जा रही है. शिवपाल यादव की खुली चिट्ठी और 'नेताजी के अपमान' पर बयानबाजी के बाद अब अखिलेश यादव ने पलटवार किया है. अखिलेश ने मंगलवार को साफ कहा है कि चाचा दिल्ली के इशारे पर काम कर रहे हैं.
राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के बाद समजावादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव से जब उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव और गठबंधन सहयोगी सुभासपा की ओर से द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के बारे में सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि 'जाने वालों को कोई रोक नहीं सकता।' यह भी कहने से नहीं चूके कि मुर्मू को समर्थन देने के बारे में शिवपाल सिंह यादव की ओर से उन्हें लिखी गई चिट्ठी भाजपा की साजिश का हिस्सा है।
बता दें राष्ट्रपति चुनाव के बीच मुलायम परिवार में एक बार फिर तेजी से खटास बढ़ती देखी जा रही है. शिवपाल यादव की खुली चिट्ठी और 'नेताजी के अपमान' पर बयानबाजी के बाद अब अखिलेश यादव ने पलटवार किया है. अखिलेश ने मंगलवार को साफ कहा है कि चाचा दिल्ली के इशारे पर काम कर रहे हैं. उन्हें दिल्ली से निर्देश मिल रहे हैं. शिवपाल यादव ने राष्ट्रपति चुनाव में सपा के विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का विरोध किया था. उन्होंने इस संबंध में अखिलेश को खुला खत लिखा था. इसमें अखिलेश को पुराना वाक्या याद दिलाया और कहा था कि यशवंत सिन्हा ने एक समय मुलायम सिंह यादव को आईएसआई का एजेंट कहकर संबोधित किया था. ऐसे में सिन्हा को समर्थन देने से पहले पुनर्विचार किया जाना चाहिए.
अखिलेश यादव ने कहा कि सपा सेक्युलर पालिटिक्स करती है और भाजपा सेक्युलर पालिटिक्स का विरोध करती है। कन्नौज और फैजाबाद में धार्मिक स्थलों पर मांस फेंके जाने की घटनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के पीछे भाजपा के विधायक और प्रशिक्षित लोग हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले प्रदेश में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की ऐसी तमाम कोशिशें भाजपा की ओर से की जाएंगी। अखिलेश ने अपने चाचा पर पलटवार किया और उन्हें भगवा पार्टी द्वारा 'नेताजी' और सपा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा के बारे में याद दिलाया. अखिलेश ने कहा- 'चाचा को हाल के यूपी चुनावों के दौरान भाजपा की भाषा को याद करना चाहिए. भाजपा की भाषा हमेशा नेताजी और समाजवादी के प्रति खराब रही है.
उन्होंने आगे कहा कि वह एक समर्थक के तौर पर नेताजी के खिलाफ लगाए गए आरोपों का कभी समर्थन नहीं करेंगे. यशवंत सिन्हा ने नेताजी के खिलाफ आरोप लगाए थे जब वह रक्षा मंत्री थे. तब पाकिस्तान भारत पर हमला करने की कोशिश कर रहा था. उस समय नेताजी ने कहा था कि यदि युद्ध छिड़ जाता है, यह भारत की धरती पर नहीं बल्कि दुश्मन की धरती पर लड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि 'लोकसभा सांसद के रूप में नेताजी ने हमेशा सरकार से आतंकवाद को खत्म करने की कोशिश की. और ऐसा करने में अपना समर्थन दिया.
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा कि बसपा ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर तथा पार्टी व मूवमेंट की सोच के मुताबिक आदिवासी समाज की महिला द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन देने की घोषणा की थी। उन्होंने यह भी कहा कि हमने कमजोर वर्गों के अन्य लोगों से भी मुर्मू को अपनी अंतरात्मा के आधार पर मतदान करने की अपील की थी। हमने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मुर्मू का समर्थन किया है।
ब्रजेश पाठक ने दावा किया कि मुलायम सिंह पर यशवंत सिन्हा की टिप्पणी की वजह से कई सपा विधायक यशवंत को वोट नहीं देना चाह रहे थे। पाठक ने तंज कसा कि भारतीय संस्कृति में अपने पिता के अपमान से समझौता नहीं किया जा सकता। इससे सपा कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी है।