आयी नयी गाइडलाइन्स ,यदि पॉजिटिव है तो अब 7 दिन का होम आइसोलेशन, दोबारा टेस्ट की नहीं जरूरत

ये है सरकार की नई गाइडलाइन - केंद्र सरकार ने अपनी गाइडलाइंस में कहा है कि कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव आने के 7 दिन बाद और लगातार 3 दिन तक बुखार नहीं आने के बाद होम आइसोलेशन खत्म हो जाएगा। - इस अवधि के बाद मरीज को डिस्चार्ज किया जा सकता है - होम आइसोलेशन पीरियड खत्म होने के बाद मरीज को दोबारा टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है।

आयी नयी गाइडलाइन्स ,यदि पॉजिटिव है तो अब 7 दिन का होम आइसोलेशन, दोबारा टेस्ट की  नहीं  जरूरत

भारत में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट से मौत का पहला मामला बुधवार को राजस्थान में सामने आया, जबकि जबकि कोविड-19 के नए मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 मरीजों को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है. यानी अब होम आइसोलेशन और कोरोना टेस्ट को लेकर नियमों में बदलाव किया गया है। दरअसल देश में रोजाना 50 हजार से ज्यादा कोविड केस सामने आने लगे हैं। वहीं कई राज्यों में एक दिन में 5 हजार से ज्यादा कोरोना केस दस्तक दे रहे हैं। इन आंकड़ों ने सरकार की नींद उड़ा दी है। 
केंद्र सरकार ने बुधवार को होम आइसोलेशन के हल्के और बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों के लिए रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी की हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले दो वर्षों में दुनिया के साथ-साथ भारत में भी ये देखने को मिला है कि कोरोना वायरस के ज्यादातर मामले बिना लक्षण और हल्के होते हैं। जानिए क्या है नयी गाइडलाइन्स -

कोरोना मरीजों को 7 दिनों में आइसोलेशन से छुट्टी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि होम आइसोलेशन के तहत कोविड-19 रोगियों को संक्रमित होने के कम से कम सात दिनों के बाद आइसोलेशन से छुट्टी दे दी जाएगी, अगर उन्हें लगातार तीन दिनों तक बुखार नहीं आता है.  लगातार 3 दिन तक बुखार ना रहने पर होम आइसोलेशन खत्म माना जाएगा और दोबारा टेस्ट की जरूरत नहीं होगी. इससे पहले लक्षण दिखने के 10 दिन बाद होम आइसोलेशन की अवधि समाप्त होती थी.

डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा ना लेने की सलाह

मंत्रालय ने लोगों को डॉक्टरों के परामर्श के बिना स्वयं दवाइयां लेने, रक्त जांच, छाती का एक्स-रे या सीटी स्कैन आदि के लिए जल्दबाजी नहीं करने की सलाह दी. मंत्रालय ने पॉइंट आउट किया कि खुद से स्टेरॉयड नहीं लेना चाहिए और इसके अति प्रयोग या अनुचित उपयोग से अतिरिक्त जटिलताएं पैदा हो सकती हैं.

नुस्खे को साझा करने से बचा जाना चाहिए

संशोधित दिशानिर्देशों में कहा गया है कि प्रत्येक रोगी के उपचार की, उसकी विशिष्ट स्थिति के अनुसार व्यक्तिगत रूप से निगरानी की जानी चाहिए और इसीलिए नुस्खे को साझा करने से बचा जाना चाहिए.

आइसोलेशन खत्म होने के बाद भी मास्क पहनना जरूरी

दिशानिर्देशों के अनुसार, संक्रमित होने के कम से कम कम सात दिन बाद होम आइसोलेशन के तहत मरीजों को आइसोलेशन से छुट्टी दे दी जाएगी,अगर उन्हें लगातार तीन दिनों तक बुखार नहीं आता हो. लेकिन वे मास्क पहनना जारी रखेंगे.

दोबारा टेस्‍ट की भी नहीं जरूरत

इसमें कहा गया है कि होम आइसोलेशन की अवधि खत्म होने के बाद दोबारा जांच की कोई आवश्यकता नहीं है. संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए, बिना लक्षण वाले लोगों को कोविड टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है और उन्हें होम आइसोलेशन में ही स्वास्थ्य की निगरानी करने की आवश्यकता है.

संशोधित दिशा-निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों की निगरानी के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की समग्र निगरानी में जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा. जमीनी स्तर की निगरानी टीम की जिम्मेदारियों को सूचीबद्ध करते हुए मंत्रालय ने कहा कि वे मरीज के प्रारंभिक मूल्यांकन के लिए जिम्मेदार होंगी और देखेंगी कि क्या होम आइसोलेशन के लिए आवश्यक सुविधाएं हैं.

इसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता को रोगी से प्रतिदिन संपर्क करना चाहिए, व्यक्तिगत रूप से या टेलीफोन या मोबाइल से संपर्क कर तापमान, नाड़ी, ऑक्सीजन स्तर, रोगियों का समग्र स्वास्थ्य और लक्षणों का विवरण प्राप्त करना चाहिए. उनकी टीम राज्य सरकार की नीति के अनुसार रोगी व देखभाल करने वाले को होम आइसोलेशन किट भी प्रदान कर सकती हैं. किट में मरीजों और परिवार के सदस्यों को शिक्षित करने के लिए स्थानीय भाषा में विस्तृत पुस्तिका के साथ मास्क, सैनिटाइटर, पैरासिटामोल दवाई आदि को शामिल किया जा सकता है.