दूसरी लहर में ऑक्सीजन के कमी से प्रदेश में नहीं हुयी कोई मौत उत्तर प्रदेश सरकार का दावा

भारत में कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल से जून के बीच आई थी. इस दौरान हजारों लोगों की मौत हुई। देश के तमाम हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी की खबरें आई थी। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह द्वारा पूछे गए एक सवाल पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा

दूसरी लहर में ऑक्सीजन के कमी से प्रदेश में नहीं हुयी कोई मौत उत्तर प्रदेश सरकार का दावा

उत्तर प्रदेश में तीन दिन का शीतकालीन सत्र चल रहा है।  यह उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा का आखिरी सत्र बताया जा रहा है।  कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने विधान परिषद में कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से मौत के बारे में जानकारी मांगी थी।  इसके लिखित जवाब में राज्य स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने बताया कि दूसरी लहर में यूपी में ऑक्सीजन की कमी से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई। 

भारत में कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल से जून के बीच आई थी. इस दौरान हजारों लोगों की मौत हुई।  देश के तमाम हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी की खबरें आई थी।  प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह द्वारा पूछे गए एक सवाल पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा, 

‘‘प्रदेश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी भी व्यक्ति की मौत की सूचना नहीं है.''

दीपक सिंह ने इस पर अपना पक्ष रखते हुए कहा, 

‘‘सरकार के ही कई मंत्रियों ने पत्र लिखकर कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी के कारण मौतें हो रही हैं. इसके अलावा कई सांसद भी ऐसी शिकायत कर चुके हैं. उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से मौत की अनेक घटनाएं सामने आई हैं. क्या पूरे प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से जो मौतें हुई थीं उनके बारे में सरकार के पास कोई सूचना नहीं है. क्या गंगा में बहती लाशें और ऑक्सीजन की कमी से तड़पते लोगों को राज्य सरकार ने नहीं देखा था.''

संसद के शीतकालीन सत्र में भी ऑक्सीजन की कमी से मौत की जानकारी मांगी गई थी।  लोकसभा में इसका लिखित जवाब देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों की मौतों की जानकारी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मांगी गई थी, लेकिन अभी तक सिर्फ पंजाब और अरुणाचल प्रदेश ने ही इसका आंकड़ा दिया है।  उन्होंने बताया कि पंजाब के अमृतसर जिले में एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 4 मरीजों की मौत हुई थी।