"अब गेंद हमारे पाले में ये अवसर हमें नहीं गंवाना..." : स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से बोले पीएम मोदी, किया 3 D का जिक्र, पढ़ें 10 बड़ी बातें

पहले पीएम मोदी ने राजघाट पहुंच महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. आज देशभर में खास कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. लाल किले की प्रचीर से ये पीएम मोदी का दसवां संबोधन है. 

"अब गेंद हमारे पाले में ये अवसर हमें नहीं गंवाना..." : स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से बोले पीएम मोदी, किया 3 D का जिक्र, पढ़ें 10 बड़ी बातें

आज पूरा देश पूरे हर्षोल्लास के साथ 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इस मौके पर पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से दसवीं बार झंडा फहराया. अब पीएम मोदी लाल किले से देश को संबोधित कर रहे हैं. सबसे पहले पीएम मोदी ने लाल किले से देशवासियों को आजादी की बधाई दी. 

इस दौरान पीएम मोदी ने देश के कई स्वतंत्रता सैनानियों को याद किया. इससे पहले पीएम मोदी ने राजघाट पहुंच महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. आज देशभर में खास कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. लाल किले की प्रचीर से ये पीएम मोदी का दसवां संबोधन है. 

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में मणिपुर का खास जिक्र करते हुए कहा कि वहां कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा, लेकिन अब शांति की खबरें आ रही है. देश मणिपुर के लोगों के साथ है. 

पीएम मोदी ने इतिहास को याद करते हुए कहा कि कुछ लम्हें ऐसे होते हैं जिनका प्रभाव हमेशा रहता है जो कि शुरुआत में महज छोटी सी घटना लगती है, लेकिन वो समस्या की बड़ी जड़ बन जाती है. घटना छोटी क्यों न हो, लेकिन अपना प्रभाव नहीं छोड़ती. आजादी को पाने के लिए मर-मिटने वालों की बड़ी फौज तैयार हो गई थी. 

गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने में लगे थे. आजादी के अमृतकाल में कालखंड में जो कदम उठाएंगे. देश को सशक्त बनाने का संकल्प लें. आज पूरे विश्व में कई देशों की उम्र ढलाव पर है जबकि भारत युवाओं की बदौलत आगे बढ़ रहा है. पीएम ने कहा कि ना हमें रुकना है और ना ही दुविधा में जीना है. 

हम जो करेंगे, जो कदम उठाएंगे. वो 1000 साल तक भारत की दिशा निर्धारित करने वाला है. पीएम मोदी ने कहा कि युवा शक्ति मेरा भरोसा है. आज हमारे युवाओं ने दुनिया में पहले तीन स्टार्टअप इकोसिस्टम में भारत को अलग पहचान दिला दी है.

आज इस ताकत को देख दुनिया दंग रह गई है. आने वाला युग तकनीक का रहने वाला है. हमारे छोटे शहर आकार और आबादी में छोटे हो सकते हैं लेकिन इनका प्रभाव किसी से कम नहीं है. अवसरों की कमी नहीं है, आप जितने चाहेंगे ये देश उससे ज्यादा मौके देने का माद्दा रखता है.

देश आज कृषि क्षत्रे में आगे बढ़ रहा है. देश जो आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है, उसके पीछे मेरे देश के मजदूरों का बड़ा योगदान है, ये मेरे परिवारजन इन सभी का सम्मान करते हैं. भारत का सामर्थ्य विश्वास की नई बुलंदियां पार करने वाली है. भारत की डॉयवर्सिटी को दुनिया अचम्भे से देख रही है. अब भारत रुकने वाला नहीं है. 

दुनिया की हर रेटिंग एजेंसी भारत का गौरव कर रही है. कोरोना के बाद दुनिया नए स्तर पर सोचने लगी. आज जो भारत ने कमाया है वो दुनिया में स्थिरता की गांरटी लेकर आया है. विश्वास बन चुका है अब गेंद हमारे पाले में है और हमें ये अवसर गंवाना नहीं चाहिए. किसान भाइयों का पुरुषार्थ है कि आज देश कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है.

भारत का सबसे बड़ा सामर्थ्य बना है विश्वास, सरकार के प्रति जन जन का विश्वास और विश्व का भारत के प्रति विश्वास. बदलते हुए विश्व को आकार देने में आज 140 करोड़ देशवासियों का सामर्थ्य नजर आ रहा है, आप निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं.

स्थिर सरकार चाहिए, पूर्ण बहुमत वाली सरकार चाहिए और 30 साल के अनिश्चितता के कालखंड के बाद देश के लोगों ने एक स्थिर सरकार दी, 2014 और 2019 में एक पूर्ण बहुमत वाली, स्थिर सरकार बनाई तो मोदी में सुधार की हिम्मत आई. 

जब आपने एक मजबूत सरकार ‘फार्म' (गठित) की तो मोदी ने ‘रिफॉर्म' (सुधार) किया, नौकरशाही ने ‘परफॉर्म' (अच्छा काम) किया तथा जनता जुड़ गई तो ‘ट्रांसफार्म' (बदलाव) हुआ. विश्वभर में भारत की चेतना के प्रति विश्वास पैदा हुआ है, मेरी सरकार और मेरी देशवासियों का मान ‘राष्ट्र प्रथम' के वाक्य से जुड़ा है. हमने सहकार से समृद्धि का रास्ता अपनाया है.

जब देश आर्थिक रूप से समृद्ध होता है, तब केवल देश की तिजोरी ही नहीं भरती है बल्कि देश का सामर्थ्य भी बढ़ता है. मैं तिरंगे को साक्षी मानकर अपने देशवासियों को 10 साल का हिसाब दे रहा हूं. हम विश्वकर्मा जयंती के मौके पर ‘विश्वकर्मा योजना' शुरू करेंगे. 

हम देश में 25 हजार जन औषधि केंद्र बनाने के लक्ष्य को लेकर काम करेंगे. आज दुनिया महंगाई की समस्या से जूझ रही है, हम जब सामान बाहर से मंगाते हैं तब महंगाई भी आती है, देश में महंगाई का बोझ कम से कम हो, इस दिशा में हमारा प्रयास जारी रहेगा. यह मोदी की गारंटी है कि अगले पांच साल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा. हम जिन योजनाओं का शिलान्यास करते हैं, उनका उद्घाटन भी करते हैं, इन दिनों जिन योजनाओं का शिलान्यास कर रहा हूं, उसका भी उद्घाटन करना आपने (जनता ने) हमारे लिए रख छोड़ा है. यह काम करने वाली सरकार है, यह नया भारत है.. यह भारत न रूकता है, न हांफता है.

आज देश में आतंकी हमलों में कमी आई है, नक्सली घटनाएं बीती बात हो गई हैं. कोविड महामारी के बाद एक नयी वैश्विक व्यवस्था, एक नया भू राजनीतिक समीकरण बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. हमें संतुलित विकास पर बल देना है, क्षेत्रीय अकांक्षाओं को पूरा करना है.

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देश के नाम संबोधन में पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मणिपुर में हिसा का दौर चला और कई लोगों को अपनी जीन देनी पड़ी. लेकिन कुछ दिनों से लगातार शांति की खबर आ रही है. 

देश मणिपुर के लोगों के साथ है. पिछले कुछ दिनों से शांति की स्थिति जो बनी है, उस शांति के पर्व को आगे बढ़ाएं. पीएम ने कहा कि शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा. राज्य और केंद्र सरकार मिलकर उन समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही है.

पीएम ने कहा कि ये अमृतकाल का पहला वर्ष है. इस काल खंड में हम ऐसे फैसले लेंगे, जिससे आने वाले 1000 साल को देश का स्वर्णिम इतिहास उससे अंकुरित होनेवाला है. इस काल खंड में होने वाली घटनाएं आगामी 1000 साल तक के लिए इसका प्रभाव पैदा करने वाली है.

पिछले 8-9 साल में पूरे विश्व में भारत के प्रति एक नया आकर्षण और एक नया विश्वास पैदा हुआ है. भारत से उठे इस प्रकाशपुंज से विश्व को इसमें अपने लिए ज्योति नजर आ रही है. विश्व को एक नया विश्वास पैदा हो रहा है.

इसके आगे पीएम मोदी ने कहा आगे आज हमारे पास डोमोग्राफी (जन सांख्यिकी) है.. डोमोक्रेसी (लोकतंत्र) है..और डायवर्सिटी (विविधता) है. ये त्रिवेणी भारत के सपने को आगे बढ़ाने का सार्मथ्य रखती है. 

आज भारत का एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ा है. दुनिया के एक्सपर्ट इन सारे मानदंडों के आधार पर कह रहे हैं कि अब भारत रुकने वाला नहीं है. दुनिया की कोई भी रेटिंग एजेंसी वो भारत का गौरव कर रही है.

सुधार, निष्पादन और परिवर्तन से देश बदल रहा है.

आज भारत को G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी का अवसर प्राप्त हुआ है। बीते वर्ष में जिस प्रकार भारत के कोने-कोने में G20 के अनेक आयोजन हुए, उससे दुनिया को भारत के सामान्य जन के सामर्थ्य, भारत की विविधता का परिचय हुआ है.

2014 में जब हम सत्ता में आए तो वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में हम 10वें स्थान पर थे। आज 140 करोड़ भारतीयों के प्रयास से हम वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं। यह ऐसे ही नहीं हुआ  जब भ्रष्टाचार के राक्षस ने देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया था तब हमने इसे रोका और एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाई.

सरकार अगले महीने पारंपरिक कौशल वाले लोगों के लिए 13,000 से 15,000 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ विश्वकर्मा योजना शुरू करेगी.


इस बार प्राकृतिक आपदा ने देश के कई हिस्सों में अकल्पनीय संकट पैदा कर दिया है। मैं इसका सामना करने वाले सभी परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं.