अब 'प्राइम मिनिस्टर ऑफ़ भारत' ने दी देश का नाम बदलने के विवाद को हवा

आसियान-इंडिया शिखर वार्ता में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात इंडोनेशिया जाने वाले हैं. इस दौरे के लिए आधिकारिक नोट में पीएम मोदी को प्राइम मिनिस्टर ऑफ़ भारत लिखा गया है. 

अब 'प्राइम मिनिस्टर ऑफ़ भारत' ने दी देश का नाम बदलने के विवाद को हवा

'भारत' और 'इंडिया' को लेकर बीते कुछ दिनों से चल रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के इंडोनेशिया दौरे को लेकर अपने आधिकारिक नोट में बड़ा बदलाव किया है. 

नए बदवाल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंडोनेशिया दौरे के आधिकारिक नोट पर 'The Prime Minister Of BHARAT लिखा गया है. बता दें कि पीएम मोदी आज 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इंडोनेशिया जाएंगे.

गौरतलब है कि राष्ट्रपति मुर्मू ने पिछले दिनों जी20 सम्मेलन में शामिल होने दिल्ली आए मेहमानों को भोज पर न्योता दिया था. इस न्योते में ही पहली बार प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया था. 

इसके बाद से इस मुद्दे पर चर्चा शुरू हो गई. इस निमंत्रण पत्र के सामने आने से चार दिन पहले एक सितंबर को आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी देश के नाम के तौर पर भारत शब्द का इस्तेमाल करने पर जोर दिया था. इस बयान के तीन-चार दिन के अंदर ही राष्ट्रपति के निमंत्रण पत्र में ऐसी ही बात सामने आने पर देश की सियासत और गरमा गई है. इस मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष के नेता आमने-सामने आ गए हैं.

आसियान-इंडिया शिखर वार्ता में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात इंडोनेशिया जाने वाले हैं. इस दौरे के लिए आधिकारिक नोट में पीएम मोदी को प्राइम मिनिस्टर ऑफ़ भारत लिखा गया है. 

पीएम मोदी कल ही इंडोनेशिया से लौट भी आएंगे. आसियान को क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है और भारत तथा अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद भागीदार हैं.

2 सितंबर को गुवाहाटी के एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि लोगों को इंडिया नाम का इस्तेमाल बंद करके भारत का नाम इस्तेमाल करना चाहिए. उन्‍होंने कहा था, 

"हमारे देश का नाम सदियों से भारत ही है. भाषा कोई भी हो, नाम एक ही रहता है. हमारा देश भारत है और हमें सभी व्यवहारिक क्षेत्रों में 'इंडिया' शब्द का प्रयोग बंद करके भारत का उपयोग शुरू करना होगा, तभी परिवर्तन आएगा. हमें अपने देश को भारत कहना होगा और दूसरों को भी समझाना होगा."