सिर्फ 2 दिन बाकी, बदल जायेगा डेबिट-क्रेडिट कार्ड यूज करने का तरीका, जानिए RBI का नया नियम
भुगतान के लिए पहले ग्राहक को अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारियों ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के साथ साझा करनी पड़ती थी. जिससे जानकारियों के चोरी होने का खतरा बना रहता था. इससे बचने के लिए रिजर्व बैंक ने टोकनाइजेशन का नियम बनाया है. दरअसल टोकन आपकी क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारियों के बदले जारी किया जाएगा.
साल २०२२ का सितंबर का महीना खत्म होने वाला है और अक्टूबर कई बदलाव लेकर आने वाला है.अगर आप क्रेडिट या डेबिट कार्ड के पेमेंट करते हैं, तो फिर आपके भुगतान का तरीका भी बदलने जा रहा है. 1 अक्टूबर से डेबिट और क्रेडिट कार्ड के ऑनलाइन पेमेंट के नियम बदल जाएंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस साल 30 सितंबर तक ऑनलाइन, पॉइंट-ऑफ-सेल और इन-ऐप लेनदेन में उपयोग किए जाने वाले सभी क्रेडिट और डेबिट कार्ड डेटा को टोकन के साथ बदलना अनिवार्य कर दिया है. इससे पहले समय सीमा जुलाई से शुरू होने वाले तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई थी. टोकन के जरिए से डेबिट और क्रेडिट पेमेंट करना ज्यादा सुरक्षित होगा. इससे डिजिटल भुगतान भी बढ़ने की उम्मीद है.
भुगतान के लिए पहले ग्राहक को अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारियों ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के साथ साझा करनी पड़ती थी. ये जानकारियां ऑनलाइन प्लेटफार्म अपने साथ सुरक्षित रखते थे और आगे किसी भी ट्राजेक्शन के लिए इन जानकारियों का इस्तेमाल करते थे. जिससे जानकारियों के चोरी होने का खतरा बना रहता था. इससे बचने के लिए रिजर्व बैंक ने टोकनाइजेशन का नियम बनाया है. दरअसल टोकन आपकी क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारियों के बदले जारी किया जाएगा. जब आप ऑनलाइन पेमेंट करेंगे तो मर्चेंट को ये टोक नंबर ही मिलेगा न कि क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी. नियम के मुताबिक हर ट्रांजेक्शन के लिए कोड या टोकन नंबर अलग होगा और पेमेंट के लिए आपको ये कोड या टोकन नंबर ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के साथ साझा करना होगा. टोकनाइजेशन से ग्राहकों की जानकारियां और सुरक्षित हो जाएंगी और उनके साथ धोखाधड़ी की घटनाओं पर लगाम लगाया जा सकेगा.
नया नियम लागू होने के बाद ग्राहक को ऑनलाइन खरीदारी करते समय अपने कार्ड की पूरी जानकारी देगी देनी होगी. एक बार जब ग्राहक किसी वस्तु को खरीदना शुरू कर देते हैं, तो व्यापारी टोकनाइजेशन शुरू कर देगा और कार्ड को टोकन करने के लिए सहमति मांगेगा. एक बार सहमति दिए जाने के बाद मर्चेंट कार्ड नेटवर्क को अनुरोध भेज देगा. इसस हर कार्ड के लिए एक टोकन नंबर जनरेट हो जाएगा. जिसे भविष्य में खरीदारी के लिए ऑनलाइन या मर्चेंट प्लेटफॉर्म पर सेव किया जा सकता है.
वर्तमान में ऑनलाइन मर्चेंट प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन कार्ड लेनदेन के लिए कार्ड डेटा जैसे कार्ड नंबर और एक्सपायरी डेट जैसी जानकारी सेव करनी पड़ती है. मर्चेंट ऐसा भविष्य में लेनदेन करने के लिए ग्राहकों की सुविधा का हवाला देते करते हैं. अगली बार जब आप उसी साइट पर खरीदारी करते हैं, तो आपको केवल सीवीवी डालना होता है और फिर खरीदारी करने के लिए बैंक द्वारा ओटीपी जनरेट होता है. हालांकि, यह इस तरीके से कई संस्थाओं के साथ कार्ड डेटा चोरी या दुरुपयोग होने का खतरा बढ़ जाता है.
कैसे क्रेडिट और डेबिट कार्ड को टोकन में बदलें
पहले किसी भी ई-कॉमर्स वेबसाइट या एप पर शॉपिंग करें और भुगतान की प्रक्रिया शुरू करें.
भुगतान के लिए अपनी क्रेडिट या डेबिट कार्ड की जानकारी भरें.
भुगतान से पहले ‘टोकनाइज योर कार्ड एज पर आरबीआई गाइडलाइन’ विकल्प का चुनाव करें.
रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी को भरें.
ओटीपी भरते ही आपका टोकन जनरेट हो जाएगा और अब आपके कार्ड की जगह ये टोकन ही इस प्लेटफार्म पर सेव रहेगा.