मोदी का नेतृत्व ही दुनिया को संकट से उबार सकता है- बोले CM योगी आदित्यनाथ

दुनिया इस बात को मान रही है कि वैश्विक संकट के इस दौर में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूप में एक मात्र ऐसा यशस्वी नेतृत्व हैं, जो दुनिया को संकट से उभार सकते हैं। ये मेरा है और ये तेरा है की भावना कभी भारत की नहीं रही। भारतीय मनीषियों ने हमेशा वसुधैव कुटुम्बकम के जरिए पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में मानने की बात कही है।

मोदी का नेतृत्व ही दुनिया को संकट से उबार सकता है- बोले CM योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के चार शहरों में फरवरी माह से आयोजित होने जा रहे जी-20 सम्मेलन को लेकर व्यापक जन जागरूकता का प्रसार करने के लिए शनिवार को ‘रन फॉर जी-20 वॉकाथन’ का आयोजन किया गया, जिसके लिए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने अपने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास से झंडी दिखाकर एकसाथ चारों शहरों में वॉकाथन की शुरुआत की। इस दौरान राजधानी लखनऊ सहित आगरा, वाराणसी और गौतमबुद्धनगर में वॉकाथन का आयोजन किया गया।

मुख्यमंत्री योगी ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश को जी-20 सम्मेलन के आतिथ्य का सुअवसर प्राप्त हुआ है और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के ध्येय वाक्य और एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य के संकल्प के साथ इस वर्ष भारत में जी-20 सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इस अवसर पर लखनऊ, वाराणसी, आगरा और गौतम बुद्धनगर के जिलों में इसमें भाग ले रहे सभी प्रतिभागियों, जन प्रतिनिधियों और प्रशासन के लोगों का हृदय से अभिनंदन करता हूं। देश आजादी का अमृत महोत्सव उत्साह मना रहा है। इसके साथ ही अनेक उपलब्धियां हमें प्राप्त होती दिख रही हैं। 

दुनिया इस बात को मान रही है कि वैश्विक संकट के इस दौर में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूप में एक मात्र ऐसा यशस्वी नेतृत्व हैं, जो दुनिया को संकट से उभार सकते हैं। ये मेरा है और ये तेरा है की भावना कभी भारत की नहीं रही। भारतीय मनीषियों ने हमेशा वसुधैव कुटुम्बकम के जरिए पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में मानने की बात कही है। यही भारत की सनातन सोच रही है। उस सोच को उजागर करने का अवसर आज भारत के पास आया है। 

आज भारत को जी-20 की अध्यक्षता करने का अवसर मिला है। जी-20 दुनिया के वे बीस बड़े देश हैं, जहां विश्व की 60 फीसदी आबादी निवास करती है। 75 प्रतिशत ट्रेड पर उनका अधिकार है। साथ ही 85 प्रतिशत जीडीपी, इनोवेशन, रिसर्च और पेटेंट पर अधिकार है। आज हमारे लिए ये गर्व का विषय है कि इस जी-20 का नेतृत्व भारत को और इसके आतिथ्य का अवसर यूपी को प्राप्त हुआ है। 

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के अंदर एक संदेश देने की आवश्यकता है कि दुनिया जब भी संकट में होगी, मानवता के ऊपर कोई खतरा आएगा, उस वक्त आशा भरी निगाहें कहीं भारत की ओर होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘भारत उस काल में दुनिया को नेतृत्व देगा और संकट से उबारकर नयी राह दिखाने का कार्य करेगा।’’

 योगी ने कहा कि आज मौनी अमावस्या का पावन पर्व है और इस अवसर पर जी-20 की जो चार शहरों लखनऊ, वाराणसी, आगरा और नोएडा में 11 बैठकें होनी है, उसके प्रति आम जन मानस की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए यह आयोजन प्रदेश सरकार की ओर से प्रारंभ हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस अवसर पर लखनऊ, आगरा, वाराणसी और गौतमबुद्धनगर जिलों में आयोजित हो रहे वॉकाथन व मिनी मैराथन में भाग ले रहे सभी प्रतिभागियों को हृदय से उनका अभिनंदन करता हूं।’’

उन्होंने कहा कि आज दुनिया इस बात को मान रही है कि वैश्विक संकट के इस दौर में भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एकमात्र ऐसा नेतृत्व है, जो दुनिया को इस वैश्विक संकट से उबार कर भारत की उस पवित्र भावना को आम जनमानस के कल्‍याण के लिए लगा सकता है जो कभी भारतीय मनीषियों ने सोचा था।

योगी ने कहा, ‘‘ये मेरा है और ये तेरा है की भावना कभी भारत की नहीं रही, भारतीय मनीषियों ने हमेशा वसुधैव कुटुम्बकम के जरिए पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में मानने की बात कही है और यही भारत की सनातन सोच रही है।”  

मुख्यमंत्री ने बताया कि फरवरी माह उत्तर प्रदेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। यूपी 10 से 12 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन की तैयारी रहा है। पूरी दुनिया और देशभर से हर बड़ा निवेशक और उद्यमी यहां आकर प्रदेश की समृद्धि और सामर्थ्य के साथ अपने को जोड़ने का प्रयास करेगा। 10 हजार से ज्यादा उद्यमी यहां आने वाले हैं। 

इसके बाद 13 से 15 फरवरी के बीच जी-20 के प्रतिनिधिगण, अलग-अलग सेक्टर से आएंगे उनके स्वागत का अवसर लखनऊ को प्राप्त होगा। यूपी 24 जनवरी को अपने स्थापना दिवस का आयोजन करेगा। हर जनपद को इन कार्यक्रमों के साथ जुड़ना चाहिए। अपनी प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना चाहिए। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जिन्होंने कुछ भी नया किया है, उन्हें आगे बढ़ने के लिए मंच देना चाहिए। स्थापना दिवस से लेकर 15 फरवरी तक निरंतर कार्यक्रमों की शृंखला शुरू होगी। जी-20 सम्मेलन के सभी आयोजन लगातार अगस्त तक होते रहेंगे।