G20 बैठक: पीएम मोदी-बाइडेन करेंगे इन मुद्दों पर चर्चा- न्यूक्लियर रिएक्टर्स, जेट डील, वीजा, यूक्रेन की साझा मदद
आम तौर पर जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दो देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत को शामिल नहीं किया जाता है, लेकिन भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति और सऊदी क्राउन प्रिंस के साथ द्विपक्षीय बातचीत की मंजूरी दे दी है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन गुरुवार (7 सितंबर) को जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आ रहे हैं. इस दौरान उम्मीद जताई जा रही है कि वे कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा करेंगे. जो बाइडन राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार भारत आएंगे. इससे पहले फरवरी 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत आए थे.
आम तौर पर जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दो देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत को शामिल नहीं किया जाता है, लेकिन भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति और सऊदी क्राउन प्रिंस के साथ द्विपक्षीय बातचीत की मंजूरी दे दी है.
बाइडन के दौरे से पहले भारत और अमेरिका अपने द्विपक्षीय जुड़ाव के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं पर काम कर रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बाइडन के भारत दौरे के दौरान दोनों देश छोटे मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों पर संभावित परमाणु समझौता कर सकते हैं. इसके अलावा ड्रोन सौदे, जेट इंजन पर रक्षा सौदे के लिए अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी पर प्रगति पर भी चर्चा संभावित है.
साथ ही दोनों देश के नेता यूक्रेन के लिए संयुक्त मानवीय सहायता देने पर भी चर्चा करेंगे. इस दौरान भारत कोशिश करेगा कि अमेरिका में भारतीयों के लिए अधिक 'उदार' वीजा व्यवस्था तय हों और एक-दूसरे के देशों में नए वाणिज्य दूतावास स्थापित किए जाने पर भी चर्चा संभव है.
इंडियन एक्सप्रेस सूत्रों के हवाले से लिखता है, भारतीय और अमेरिकी अधिकारी जो बाइडन की पहली भारत यात्रा (राष्ट्रपति के तौर पर) के लिए एक 'मजबूत' और 'परिणाम देने वाले' संयुक्त विज्ञाप्ति तैयार करने को लेकर पिछले कुछ हफ्तों से लगातार बातचीत कर रहे हैं.
जून में पीएम मोदी के अमेरिका में राजकीय दौरे के दौरान दोनों देशों ने भारत में छह परमाणु रिएक्टरों के निर्माण के लिए न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) और वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक कंपनी (डब्ल्यूईसी) के बीच बातचीत की थी. अब छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर प्रौद्योगिकियों को विकसित करने पर चर्चा चल रही है, संभव है बाइडन और पीएम मोदी इस पर चर्चा करेंगे.
भारत ने यूक्रेन को अब तक लगभग 100 टन मानवीय सहायता भेजी है, जिसमें जरूरी दवाएं, मेडिकल डिवाइस, कंबल, तंबू, भोजन शामिल हैं. अमेरिका और भारत अब यूक्रेन को साझा मदद देने की योजना बना रहे हैं, हालांकि अब तक इस योजना को अंतिम रूप दिए जाने की खबर नहीं है.