पराग अग्रवाल होंगे ट्विटर के नए मुख्य कार्यकारी जॉइंट फाउंडर ने छोड़ा अपना पद

पराग अग्रवाल ने अब अपने ट्विटर अकाउंट का बायो अपडेट करते हुए खुद को कंपनी का सीईओ करार दिया है. दरअसल, जैक डोर्सी ने बीते दिन ट्वीट किया, "पता नहीं किसी ने सुना है या नहीं पर, मैंने ट्विटर से इस्तीफा दे दिया है." जैक के पद को अब भारतीय अमेरिकन पराग अग्रवाल संभालेंगे. पराग अग्रवाल को एक मिलियन डॉलर यानी करीब साढ़े सात करोड़ रुपये सालाना का पैकेज मिलेगा। इसके अलावा उन्हें बोनस के साथ प्रतिबंधित शेयर यूनिट समेत 12.5 मिलियन डॉलर मूल्य के प्रदर्शन-आधारित स्टॉक यूनिट भी दिए जाएंगे। 

पराग अग्रवाल होंगे ट्विटर के नए मुख्य कार्यकारी जॉइंट फाउंडर ने छोड़ा अपना पद

37 साल के पराग अग्रवाल ट्विटर के नए सीईओ होंगे. वह जैक डोर्सी की जगह लेंगे जिन्होंने पद और कंपनी दोनों छोड़ने का ऐलान किया. इसके साथ ही दुनिया की सबसे नामी कंपनियों का नेतृत्व कर रहे भारतीयों की सूची में एक और नाम शामिल हो गया. पराग अग्रवाल को एक मिलियन डॉलर यानी करीब साढ़े सात करोड़ रुपये सालाना का पैकेज मिलेगा। इसके अलावा उन्हें बोनस के साथ प्रतिबंधित शेयर यूनिट समेत 12.5 मिलियन डॉलर मूल्य के प्रदर्शन-आधारित स्टॉक यूनिट भी दिए जाएंगे। 

इसके बाद पराग अग्रवाल को ढेरों बधाइयां मिल रही हैं और दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क से लेकर भारत के दिग्गज इंडस्ट्रियलिस्ट आनंद महिंद्रा ने बधाई के ट्वीट किए. हालांकि आनंद महिंद्रा ने ट्वीट में कुछ ऐसा लिखा है जो अनोखा है और मौजूदा काल को बताने वाला साबित हो रहा है. आनंद महिंद्रा और एलन मस्क ने ये ट्वीट पैट्रिक कोलिसन के ट्वीट के जवाब में किए जिन्होंने लिखा था कि गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एडोबे, आईबीएम और पालो एल्टो नेटवर्क्स के बाद ट्विटर भी एक भारतीय सीईओ के नेतृत्व में आगे बढ़ेगा. 

सोशल मीडिया साइट ट्विटर के सह संस्थापक जैक डोर्सी ने सीईओ के पद से इस्तीफा देकर कंपनी छोड़ दी है. उनकी जगह भारतीय मूल के पराग अग्रवाल को नियुक्त किया गया है. जैक ने पद छोड़ने और पराग अग्रवाल को नियुक्त किए जाने के बाद अपने एक ट्वीट में उनकी जमकर तारीफ की है। जैक ने कहा है कि कहा कि पराग उनके हर महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे रहे हैं, जिन्होंने इस कंपनी को बदलने में मदद की है।

जैक डोर्सी वित्तीय भुगतान कंपनी स्क्वायर के भी सीईओ हैं। स्क्वायर की स्थापना उन्होंने ही की है। ऐसे में कुछ बड़े निवेशकों ने जैक डोर्सी के एक साथ दो कंपनी के सीईओ होने पर सवाल उठाए थे। सवाल किए जा रहे थे कि क्या वह प्रभावी रूप से दोनों कंपनियों का नेतृत्व कर सकते हैं? इसी के चलते उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया। जैक डोर्सी ने ही 15 पहले मार्च 2006 में ट्विटर की स्थापना की थी और फिर 2008 तक कंपनी के सीईओ भी रहे। 

पराग अग्रवाल ने पर्दे के पीछे से एकाएक इस अहम भूमिका में पदार्पण किया है. हालांकि संभव है कि उनकी सशक्त तकनीकी क्षमता और उनके नाम पर कोई विवाद ना होना ही उनके पक्ष में गया हो. क्यों चुने गए अग्रवाल भारतीय मूल के प्रवासी अग्रवाल अब तक कोई बहुत ज्यादा खबरों में नहीं रहे हैं. हालांकि वह 15 साल से ट्विटर में काम कर रहे थे और चार साल से कंपनी के चीफ टेक्निकल ऑफिसर थे लेकिन जैक डोर्सी, मार्क जकरबर्ग या ईलॉन मस्क की तरह हाई प्रोफाइल नहीं हैं.पराग अग्रवाल 2011 में ट्विटर के साथ जुड़े थे। इससे पहले वह याहू और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियों के साथ काम कर चुके हैं। आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की है। 

बता दें, पराग अग्रवाल ने अब अपने ट्विटर अकाउंट का बायो अपडेट करते हुए खुद को कंपनी का सीईओ करार दिया है. दरअसल, जैक डोर्सी ने बीते दिन ट्वीट किया, "पता नहीं किसी ने सुना है या नहीं पर, मैंने ट्विटर से इस्तीफा दे दिया है." जैक के पद को अब भारतीय अमेरिकन पराग अग्रवाल संभालेंगे.

ट्विटर के सिर्फ 20 करोड़ ऐसे यूजर हैं जो प्रतिदिन सक्रिय होते हैं. इसलिए पराग अग्रवाल के सामने चुनौतियां काफी बड़ी हैं. उन्हें तकनीकी विकास ही नहीं देखना है बल्कि राजनीतिक और सामाजिक चुनौतियों का भी सामना करना होगा. इनमें फेक न्यूज, ट्रोलिंग और मानिसक स्वास्थ्य पर असर जैसे गंभीर मुद्दे भी हैं. पराग अग्रवाल की एक चुनौती भारत सरकार के साथ बेहतर संबंध बनाना भी होगा. हाल के महीनों में कंपनी के भारत सरकार से रिश्ते खराब हुए हैं. कंपनी के भारत में प्रमुख को कई बार अधिकारियों का सामना करना पड़ा है और अब भारत सरकार के कई नेता ट्विटर की स्थानीय प्रतिद्वन्द्वी कू को समर्थन दे रहे हैं.

जैक डॉर्सी ने पराग अग्रवाल की तारीफ करते हुए ट्वीट किया कि ट्विटर के सीईओ के रूप में पराग में मेरा विश्वास गहरा है. पिछले 10 वर्षों में उनका काम शानदार  रहा है. मैं उनके कौशल, दिल और व्यक्तित्व से बहुत आभारी हूं. यह उनके नेतृत्व करने का समय है. 
वहीं, ट्विटर के सीईओ बनाए गए पराग अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा, "जैक डोर्सी और हमारी पूरी टीम का आभार और आने वाले कल के लिए बेहद उत्साहित हूं. ये वो नोट है जिसे मैंने कंपनी को भेजा है. सभी का विश्वास जताने और समर्थन करने के लिए शुक्रिया."

जब से यह खबर आई है तभी से पराग अग्रवाल को लेकर सोशल मीडिया और गूगल  पर काफी सर्च कर रहे हैं. जैक डोर्सी ने कहा है कि उन्हें पराग अग्रवाल  पर भरोसा है और पिछले 10 वर्षों से उनका काम शानदार रहा है. पराग अग्रवाल की उम्र 37 साल है और वह IIT बॉम्बे  से ग्रेजुएट हैं. पराग अग्रवाल टॉप 500 कंपनियों में सबसे कम उम्र के सीईओ हैं. बड़ी बात यह है कि ट्विटर के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने सर्वसम्मति से पराग अग्रवाल को अपना नया सीईओ नियुक्त किया है.

पराग अग्रवाल के बारे में ये  जरूरी पांच बातें -

पराग अग्रवाल ने IIT-Bombay से ग्रेजुएशन की है और इसके बाद उन्होंने स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की डिग्री ली.
पराग ने अक्टूबर 2011 में ऐड्स इंजीनियर के तौर पर ट्विटर ज्वाइन किया था. कुछ ही समय बाद वह कंपनी के प्रतिष्ठित सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन गए.
साल 2017 में ट्विटर ने पराग अग्रवाल को चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर नियुक्त किया.
साल 2011 में ट्विटर ज्वाइन करने से पहले पराग अग्रवाल ने AT&T, माइक्रोसॉफ्ट और याहू में रिसर्च इंटर्नशिप की थी.
ट्विटर के नए सीईओ नियुक्त होने के साथ ही पराग अग्रवाल अब सिलिकॉन वैली में भारतीय मूल के अन्य सीईओ सुंदर पिचाई और सत्य नडेला की श्रेणी में आ गए हैं.

सीईओ के पद पर नियुक्ति से पहले पराग अग्रवाल ट्विटर में सीटीओ यानी चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे। एडम मेसिंगर के दिसंबर 2016 में कंपनी छोड़ने के बाद पराग को यह जिम्मेदारी मिली थी। हालांकि आधिकारिक रूप से उन्हें सीटीओ पद पर नियुक्त करने की घोषणा 8 मार्च 2018 में हुई। पराग अग्रवाल ने ट्विटर पर ट्वीट्स की अहमियत को बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर जो काम किया था, उसकी खूब सराहना हुई थी।