उठने लगे सवाल- अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल को अब तक नहीं दी कोई जिम्मेदारी, क्या होगी वजह?

विलय के बाद कई राजनीतिक अटकलें शुरू हुई. तब कहा गया कि शिवपाल यादव सपा के संगठन में अच्छी पैठ रखते हैं. इस वजह से उन्हें संगठन में प्रदेश अध्यक्ष या पार्टी महासचिव का पद दिया जाएगा. उनके जिम्मे संगठन को धार देने की जिम्मेदारी होगी. लेकिन इन अटकलों को चलते हुए करीब एक महीना हो गया. लेकिन चाचा की पार्टी में कोई जिम्मेदारी नहीं तय हो सकती है.

उठने लगे सवाल- अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल को अब तक नहीं दी कोई जिम्मेदारी, क्या होगी वजह?

उत्तर प्रदेश के जसवंतनगर से विधायक शिवपाल यादव ने 8 दिसंबर को अपनी पार्टी प्रसपा का विलय समाजवादी पार्टी में कर दिया था. इसके बाद से ही चर्चा होने लगी थी कि अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल को बड़ी जिम्मेदारी दे सकते हैं, लेकिन एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है और अभी तक कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है. 

दरअसल, विलय के बाद कई राजनीतिक अटकलें शुरू हुई. तब कहा गया कि शिवपाल यादव सपा के संगठन में अच्छी पैठ रखते हैं. इस वजह से उन्हें संगठन में प्रदेश अध्यक्ष या पार्टी महासचिव का पद दिया जाएगा. उनके जिम्मे संगठन को धार देने की जिम्मेदारी होगी. लेकिन इन अटकलों को चलते हुए करीब एक महीना हो गया. लेकिन चाचा की पार्टी में कोई जिम्मेदारी नहीं तय हो सकती है. हालांकि इस दौरान कई बार चाचा ने सफाई दी. 

कई मौकों पर शिवपाल यादव ने जिम्मेदारियों को लेकर बयान दिया. उन्होंने यहां तक कह दिया, "मैं प्रदेश अध्यक्ष रह चुका हूं. महासचिव रह चुका हूं. नेता विपक्षी दल रह चुका हूं और साथ ही मैंने चार बार समाजवादी पार्टी की सरकार बनवाई है, लेकिन इसके बावजूद किसी पद को पाने की कोई लालसा नहीं है. जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे वह ठीक से निभाऊंगा."

शिवपाल का कहना है कि उनका फोकस जिम्मेदारी से ज्यादा भारतीय जनता पार्टी को हराने पर है. इसके साथ ही उन्होंने कई बार यह साफ किया है कि पार्टी में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जो जिम्मेदारी दी जाएगी वो उसको निभाएंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले सबको जोड़ने का प्रयास है, ताकि बीजेपी को हराया जाए. 

बता दें कि 2017 से ठीक पहले सपा कुनबे में मुलायम सिंह की सियासी विरासत को लेकर छिड़ी संघर्ष सड़क पर आ गई थी. चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश के बीच तलवारें खिंची हुई थीं. इसके बाद शिवपाल ने सपा से अलग होकर 2018 में अपनी अलग प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना ली. शिवपाल का साथ छोड़ने के बाद सपा के तमाम जमीनी नेताओं ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया था. मुलायम सिंह यादव की तमाम कोशिशों के बावजूद चाचा-भतीजा का मिलन संभव नहीं हो सका.

चाचा शिवपाल यादव को जिम्मेदारी देने पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुप्पी साध रखी है. हाल ही में, सैफई में एक कार्यक्रम के दौरान जब अखिलेश यादव से चाचा शिवपाल यादव को नई जिम्मेदारी देने बारे में पूछा गया था तो उन्होंने इक पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था. शिवपाल यादव को जिम्मेदारी देने के सवाल पर अखिलेश ने कहा था, 'अब तो चाचा साथ में आ गए हैं.'