रेलवे अफसर रिश्वतखारी कांड: सात लाख दो वरना कर दूंगा ब्लैक लिस्ट, साहब इतना माल खाए, दाग तो लगेगा ही, चर्चे जोशी के
मंगलवार दोपहर दो बजे ही शिकायतकर्ता प्रणव त्रिपाठी केसी जोशी के सरकारी के आवास पर पहुंच गया था। इस दौरान सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम के सदस्य भी उसके साथ ही थे। सीबीआई की टीम बाहर रुक गई, जबकि प्रणव के शर्ट के ऊपरी जेब में माइक्रो चिप डिवाइस ( रिकार्डिंग) रखकर और तीन लाख रुपये (पांच सौ की छह गड्डी) के साथ सरकारी आवास के अंदर भेजा गया।
पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक केसी जोशी को रिश्वत लेते पकड़वाने वाले शिकायतकर्ता प्रणव त्रिपाठी की फर्म मेसर्स सूक्ति एसोसिएट 15 सितंबर को ब्लैक लिस्ट होने वाली थी। प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक ने फर्म को 23 अगस्त और 5 सितंबर को काली सूची में डालने के लिए जेम पोर्टल पर लिख दिया था।
रेलवे में भंडार डिपो और इंजीनियरिंग विभाग तो काजल की कोठरी है। यहां से बेदाग बचकर निकलना आसान नहीं है...अब इतना माल खाएं हैं, अब दाग तो लगेगा ही..। यह कहकर रेलकर्मी ठहाके मारकर हंसने लगे। फिर बोले, विभाग तो कबाड़ का है, पर कबाड़ तो सोने उगल रहा था।
दोनों बार फर्म के प्रोपराइटर से केसी जोशी ने लिखित में जवाब मांगा था। 15 सितंबर को अंतिम मौका देकर सात लाख रुपये की रिश्वत के लिए धमकाया था। खुद की फर्म को बचाने के लिए प्रणव ने सबूतों के साथ सीबीआई से शिकायत की और केसी जोशी को घूस लेते रंगेहाथ पकड़वा दिया।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार दोपहर दो बजे ही शिकायतकर्ता प्रणव त्रिपाठी केसी जोशी के सरकारी के आवास पर पहुंच गया था। इस दौरान सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम के सदस्य भी उसके साथ ही थे। सीबीआई की टीम बाहर रुक गई, जबकि प्रणव के शर्ट के ऊपरी जेब में माइक्रो चिप डिवाइस ( रिकार्डिंग) रखकर और तीन लाख रुपये (पांच सौ की छह गड्डी) के साथ सरकारी आवास के अंदर भेजा गया।
अंदर जाने पर केसी जोशी ने पहले प्रणव से जेम पोर्टल की अंतिम तिथि की याद दिलाई। फिर जब प्रणव ने अपने पास रखे तीन लाख रुपये दिए तो केसी जोशी भड़क गया। नसीहत देते हुए बाकी की रकम को 14 तारीख तक उपलब्ध कराने की चेतावनी दी। इसके बाद उसने प्रणव से लिए रकम को सोफे पर रखे बैग में रखने की सलाह दी, जिसे उसने बैग में रख दिया। ये सारी बात उस डिवाइस में रिकॉर्ड हो गई।
सूत्रों के मुताबिक, प्रणव को ज्यादा देर तक अंदर रहकर बातों को रिकॉर्ड करवाना था, लेकिन वह जल्द ही निकल गया। इसके बाद सीबीआई की टीम ने आवास पर छापा मार दिया। तलाशी ली गई तो एक कमरे में एक अटैची में रकम मिली, जिसे केसी जोशी ने बैग से निकाल कर रखा था।
इसी बीच सीबीआई की टीम ने केसी जोशी का हाथ पकड़ते हुए खुद का परिचय दिया और अपने साथ लाए पानी के डिब्बे में उंगलियां डालने को कहा। उंगली डालते ही डिब्बे में बंद पानी का रंग सफेद से बदलकर गुलाबी हो गया। इसके बाद सीबीआई की टीम ने अटैची में रखे तीन लाख रुपये कब्जे में ले लिए। वहीं कमरे में दो लाख रुपये और मिले, जिसे जब्त कर लिया गया।
लगता है साहब सारी मलाई अकेले चट कर गए..। रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचे गए प्रमुख मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में ही तैनात कर्मचारी बुधवार को लंच के समय कैंटीन में खाने से ज्यादा रिश्वत कांड पर चर्चाओं में मशगूल थे।
दबी जुबान में पूछा- साहब कहां हैं अब। पहले वाले ने जवाब दिया, साहब तो गए सीबीआई के साथ। फिर दोनों कर्मचारी शांत हो गए। वहीं, दोपहर ढाई बजे उप मुख्य सामग्री प्रबंधक कार्यालय के सामने हलचल दिखी। यहां सरकारी गाड़ियां बाहर भी खड़ी थीं। एक कार चालक ने बताया कि कुछ साहब लोग आए थे, अब गए।
इसके इतर कौवाबाग में केसी जोशी के बंगला नंबर 23 पर मेन गेट में अंदर से ताला लगा था। परिसर में न तो कोई गाड़ी थी और न ही कर्मचारी। सन्नाटा पसरा था। कर्मचारी संगठनों के दफ्तर में तो सिर्फ सीबीआई के छापा की ही चर्चा थी।
कोई कह रहा था कि नहीं जानते हैं, अप्रैल में जो डिप्टी साहब नपे हैं, उनके ही आदमी थे शिकायत करने वाले। यह कनेक्शन वहां से ही लग रहा है। फिर एक कर्मचारी नेता ने कहा कि देखिए, सौ की सीधी बात, जे गुड़ खाई ओकर कान छेदाई। यह सुनकर सभी हंसने लगे।
प्रमुख मुख्य कारखाना प्रबंधक केसी जोशी की गिरफ्तारी के बाद तीन-चार और अफसरों के नाम चर्चा में हैं, जिनकी इस मामले में संलिप्तता मानी जा रही है। इसमें दो ऐसे अफसर हैं, जो केसी जोशी के खास माने जाते हैं। हालांकि, सीबीआई की तरफ से किसी और नाम का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि ये अफसर भी रडार पर हैं।