हिमाचल में बारिश : कुल्लू में गिरीं इमारतें, भूस्खलन से सड़क बंद, फंसे सैकड़ों लोग
बृहस्पतिवार को कुल्लू जिले में कई इमारतें ढह गईं और मंडी जाने वाली सड़क अवरुद्ध होने के चलते सैकड़ों यात्रियों को राहत शिविरों की शरण लेनी पड़ी. बुधवार रात को कुल्लू-मंडी मार्ग पर पंडोह के पास शिविरों में 900 से अधिक लोग थे. शिमला के समर हिल इलाके में 14 अगस्त को हुए भूस्खलन में एक शिव मंदिर मलबे में दब गया था. बृहस्पतिवार को उसके मलबे से तीन और शव बरामद किए गए.
बारिश से प्रभावित हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण बृहस्पतिवार को कुल्लू जिले में कई इमारतें ढह गईं और मंडी जाने वाली सड़क अवरुद्ध होने के चलते सैकड़ों यात्रियों को राहत शिविरों की शरण लेनी पड़ी.
बुधवार रात को कुल्लू-मंडी मार्ग पर पंडोह के पास शिविरों में 900 से अधिक लोग थे. शिमला के समर हिल इलाके में 14 अगस्त को हुए भूस्खलन में एक शिव मंदिर मलबे में दब गया था. बृहस्पतिवार को उसके मलबे से तीन और शव बरामद किए गए.
अधिकारियों ने बताया कि कुल्लू के आनी कस्बे में गिरी सात या आठ इमारतों को पहले ही खाली करा लिया गया था और कोई हताहत नहीं हुआ. अधिकारियों ने शुक्रवार को शिमला के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है.
इस महीने राज्य में भूस्खलन और बारिश से संबंधित अन्य घटनाओं में लगभग 120 लोगों की मौत हो चुकी है. 14 अगस्त के बाद से ही लगभग 80 लोग मारे गए हैं. 24 जून को मानसून शुरू होने के बाद से हिमाचल प्रदेश में कुल 242 लोगों की मौत हुई है.
अधिकारियों ने कहा कि कुल्लू-मंडी राजमार्ग पर फंसे लोगों को पंडोह, औट और बजौरा में होटलों, विश्राम गृहों और घरों में बनाए गए राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है.
भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के दोनों ओर कई वाहन फंसे हुए देखे जा सकते हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा कि बुधवार को राहत शिविरों में लगभग 950 लोगों को भोजन के पैकेट वितरित किए गए.
आनी के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) नरेश वर्मा ने कहा कि दुकानों, बैंकों और घरों के अलावा अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों वाली सात से आठ इमारतों में चार-पांच दिन पहले दरारें आ गईं थीं. उन्होंने कहा कि इमारतों को हाल ही में असुरक्षित घोषित कर खाली करा लिया गया था और नुकसान का आकलन किया जा रहा है.