Rakshabandhan2022, 12 तारीख को ही बंधी जाएगी राखी, बस जरूर करे ये काम, राखी बांधने का मंत्र

राखी 11 अगस्त को बांधे या फिर 12 अगस्त को, राखी बांधने का कौन सा शुभ मुहूर्त रहेगा? अगर आप भी दुविधा में हैं तो बता दें कि इस बार राखी का त्योहार आप अपनी सुविधा एवं आस्थानुसार,दोनों दिन भी यह पर्व मना सकते हैं।

Rakshabandhan2022, 12 तारीख को ही बंधी जाएगी राखी, बस जरूर करे ये काम, राखी बांधने का मंत्र

इस बार रक्षाबंधन के त्योहार की तारीख को लेकर लोगों में बहुत असमंजस है राखी 11 अगस्त को बांधे या फिर 12 अगस्त को, राखी बांधने का कौन सा शुभ मुहूर्त रहेगा? अगर आप भी दुविधा में हैं तो बता दें कि इस बार राखी का त्योहार आप अपनी सुविधा एवं आस्थानुसार,दोनों दिन भी यह पर्व मना सकते हैं। 

भद्रायां द्वे न कर्त्तव्ये, श्रावणी फाल्गुनी तथा।

श्रावणी नृपतिं हन्ति, ग्रामं दहति पावकी।।

श्रावण और फाल्गुनी महीने में पूर्णिमा के दिन यदि भद्रा काल हो तो दो काम बिलकुल भी नहीं करने चाहिए। श्रावण पूर्णिमा वाले दिन भद्राकाल में रक्षाबंधन नहीं करना चाहिए और फाल्गुन मास की पूर्णिमा में होलिका दहन नहीं करना चाहिए। यदि श्रावण पूर्णिमा में रक्षाबंधन किया जाए तो वह राजा के लिए घातक होता है और यदि फाल्गुन की पूर्णिमा में भद्राकाल की अवधि में होलिका दहन किया जाए तो होलिका की अग्नि पूरे गांव को जला देती है।

ज्योतिषीय एवं विभिन्न ग्रंथों में दिए गए नियमों के अनुसार हम इसे स्पष्ट करने का प्रयास करेंगे। दिवाकर पंचांग के अनुसार 11 अगस्त,गुरुवार को चंद्रमा मकर राशि एवं भद्रा पाताललोक में होने से भद्रा का परिहार होगा। अतः गुरुवार को भद्रा के बाद प्रदोषकाल में रात्रि 18 बजकर 20 मिनट से लेकर 21 बजकर 50 मिनट तक रक्षाबंधन मनाना चाहिए। परंतु उत्तर भारत में उदय-व्यापिनी पूर्णिमा के दिन,प्रातःकाल को ही यह त्योहार मनाने का प्रचलन है। अतः 12 अगस्त,शुक्रवार को उदयकालिक पूर्णिमा में भी राखी बांध सकते हैं। 

11 अगस्त पूर्णिमा को चंद्रमा मकर राशि का होने के कारण भद्रावास स्वर्ग में है अर्थात शुभ फलदायी है और यह दिवस पूर्णतया रक्षा बंधन मनाने योग्य है। 12 अगस्त शुक्रवार को पूर्णिमा तिथि सुबह 7 बजकर 17 मिनट तक ही है, इसीलिए रक्षा बंधन  11 अगस्त, बृहस्पतिवार को लगभग सुबह 9.30 बजे के बाद पूर्णिमा तिथि लगने के उपरान्त ही मनाया जाएगा। 

भाइयो को राखी बांधने के लिए जरूर करे ये काम 

रक्षा बंधन के दिन बहने भाईयों की कलाई पर रक्षा-सूत्र या राखी बांधती हैं। साथ ही वे भाईयों की दीर्घायु, समृद्धि व ख़ुशी आदि की कामना करती हैं।

रक्षा-सूत्र या राखी बांधते हुए निम्न मंत्र पढ़ा जाता है, जिसे पढ़कर पुरोहित भी यजमानों को रक्षा-सूत्र बांध सकते हैं–

राखी बांधने का मंत्र  

ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।

तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

इस साल सावन मास की पूर्णिमा 11 अगस्त को 10 बजकर 39 मिनट पर शुरू हो रही है। इसी समय से भद्रा भी लग रही है जो रात 08 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी। 11 अगस्त को प्रदोष काल में शाम 05 बजकर 18 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक के बीच रक्षा सूत्र बंधवा सकते हैं। इसके बाद भद्रा समाप्त होने पर रात 08 बजकर 54 मिनट से रात 09 बजकर 49 मिनट तक राखी बांध सकते हैं। लेकिन हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार,सूर्यास्त के बाद राखी बांधना वर्जित है। इस कारण से 12 अगस्त को राखी का त्योहार शुभ माना जा रहा है। 

रक्षाबंधन के त्योहार का मुहूर्त 

पूर्णिमा तिथि समाप्त - 12 अगस्त सुबह 7 बजकर 17 मिनट तक 

शुभ समय - 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट 

अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक 

अमृत काल - दिन में दोपहर 2 बजकर 09 मिनट से 3 बजकर 47 मिनट तक 

सर्वोत्तम रहेगा कि रक्षा बंधन में भाइयो को राखी बांधने का कार्य 12 अगस्त को सुबह-सुबह 7 बजे से पहले मनाया जाए। क्योंकि 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि भी होगी और भद्रा भी नहीं रहेगा।