Red Fort Terror Attack- लाल किले पर हमला करने वाले दोषी आरिफ को, फांसी पर लटकाने की तैयारी, डेथ वारंट के लिए अदालत को चिट्ठी

सजा तो कई साल पहले ही हो चुकी थी, अब उसे अंजाम देने का वक्त आ गया है. तिहाड़ जेल की तरफ से निचली अदालत को डेथ वारंट को लेकर चिट्ठी लिखी गई है. अदालत का फैसला ही तय करेगा कि आरिफ को कब और कितने बजे फांसी पर लटकाना है. इस मामले में आरोपी आरिफ को भी नोटिस भेजा गया था, लेकिन उसने सात दिन के भीतर कोई जवाब नहीं दिया, ऐसे में प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया गया है.

Red Fort Terror Attack- लाल किले पर हमला करने वाले दोषी आरिफ को, फांसी पर लटकाने की तैयारी, डेथ वारंट के लिए अदालत को चिट्ठी

लाल किले पर हमला करने वाले आरोपी आरिफ उर्फ अशरफ को फांसी देने की तैयारी है. सजा तो कई साल पहले ही हो चुकी थी, अब उसे अंजाम देने का वक्त आ गया है. तिहाड़ जेल की तरफ से निचली अदालत को डेथ वारंट को लेकर चिट्ठी लिखी गई है. अदालत का फैसला ही तय करेगा कि आरिफ को कब और कितने बजे फांसी पर लटकाना है. इस मामले में आरोपी आरिफ को भी नोटिस भेजा गया था, लेकिन उसने सात दिन के भीतर कोई जवाब नहीं दिया, ऐसे में प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया गया है.
दिल्ली की तिहाड़ जेल के प्रशासन ने डेथ वारंट जारी करवाने के लिए निचली अदालत को लेटर लिखा है. तिहाड़ प्रशासन अदालत से डेथ वारंट जारी करवाने की मांग की है, ताकि यह तय हो जाए कि आरिफ को किस तारीख, कितने बजे फांसी दी जाए. फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट या अन्य कोर्ट में मामले से जुड़ी कोई याचिका पेंडिंग नहीं है. दोषी को 7 दिन का समय दिया गया था कि सुप्रीम कोर्ट में या राष्ट्पति के आगे कोई दया याचिका लगाना चाहता है. लेकिन आरिफ की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है.
फिलहाल, तिहाड़ जेल ने कोर्ट में डेथ वारंट जारी करने की अपील की है. अब 27 फरवरी को कोर्ट में सुनवाई होगी. हालांकि, आरिफ को अभी फांसी देने में वक्त लगेगा.  क्योंकि आरिफ के पास अंत समय में भी दोबारा सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्पति से दया याचिका लगाने का मौका रहता है. कानूनी दावपेच से फांसी टलेगी तो नहीं, लेकिन इसमें देरी जरूर हो सकती है.
अब निचली अदालत का फैसला तय करेगा कि आरिफ को फांसी पर कब लटकाया जाएगा. अगर अशरफ को फांसी हो जाती है, तो वो चौथा आतंकी होगा जिसे सजा-ए-मौत मिलेगी. अशरफ से पहले मुंबई हमले को अंजाम देने वाले अजमल कसाब को 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई थी.