बापू पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए धर्मगुरु कालीचरण महाराज गिरफ्तार
महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर विवादों में घिरे कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी पर मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कड़ी आपत्ति जताई है। गृह मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने संघीय मर्यादाओं का उल्लंघन किया है, छत्तीसगढ़ पुलिस को गिरफ्तारी के पहले प्रदेश पुलिस को सूचना देनी चाहिए थी या छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें नोटिस देकर भी बुला सकती थी।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी करने और नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करने के आरोप में हिंदू धर्मगुरु कालीचरण महाराज और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की हुयी है। रायपुर के पूर्व मेयर और कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे की शिकायत पर पुलिस ने टिकरापारा थाने में आईपीसी की धारा 505(2), 294 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। बता दे गत 26 दिसंबर रविवार को रायपुर में 'धर्म संसद' कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जानकारी के अनुसार, संत कालीचरण को रायपुर पुलिस ने खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित धर्मसंसद कार्यक्रम में समापन के आखिरी दिन संत कालीचरण ने महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया था, उन्होंने देश के बंटवारे के लिए बापू को जिम्मेदार ठहराया। महात्मा गांधी को लेकर दिए गए इस विवादित बयान से नाराज होकर कांग्रेस समेत दूसरे दलों के नेताओं ने तीखी आलोचना की थी। महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई थी। वहीं, कांग्रेस नेता व रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे की शिकायत के बाद टिकरापारा थाने में गैर जमानती धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था।
बता दें कि केस दर्ज होने के बाद कालीचरण महाराज ने कहा था कि उन्हें अपने बयान पर कोई अफसोस नहीं है। आठ मिनट का एक वीडियो जारी करते हुए उन्होंने कहा था, “महात्मा गांधी को गाली देने का मुझे कोई अफसोस नहीं है। मुझे फांसी भी दे दोगे तब भी मैं अपने सुर बदलने वाला नहीं हूं। ऐसी एफआईआर से मुझ पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है। मैं गांधी विरोध हूं और इसके लिए फांसी भी दोगे तो भी मुझे स्वीकार है।”
मध्य प्रदेश सरकार ने कालीचरण की गिरफ्तारी पर कहा कि, छत्तीसगढ़ पुलिस के तरीके पर आपत्ति है। छत्तीसगढ़ सरकार चाहती तो कालीचरण महाराज नोटिस देकर भी बुला सकती थी. मध्य प्रदेश DGP से कहा गया है कि मामले को लेकर छत्तीसगढ़ के DGP से बात करें। गिरफ़्तारी के इस तरीके पर आपत्ति व्यक्त कराएं।
जानकारी के लिए बता दे रायपुर के रावण भाटा मैदान में आयोजित 2 दिवसीय कार्यक्रम के समापन दिवस पर बोलते हुए, कालीचरण महाराज ने कहा था,
“इस्लाम का लक्ष्य राजनीति के माध्यम से राष्ट्र पर कब्जा करना है. हमारी आंखों के सामने उन्होंने 1947 में कब्जा कर लिया था। उन्होंने पहले ईरान, इराक और अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। साथ ही राजनीति के माध्यम से बांग्लादेश और पाकिस्तान पर कब्जा कर लिया था। मैं नाथूराम गोडसे को सलाम करता हूं कि उन्होंने मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या की। "
17 से 20 दिसंबर तक आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हरिद्वार में इसी तरह की घटना होने की सूचना मिली थी। सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिपिंग प्रसारित की गई थी, जिसमें कहा गया था कि 'हिंदुओं को म्यांमार की तरह हथियार उठाना चाहिए, हर हिंदू को हथियार उठाना चाहिए, और 'सफाई अभियान' चलाना चाहिए' तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन एक विवादास्पद धार्मिक नेता यती नरसिम्हनंद द्वारा किया गया था, जिन पर अतीत में हिंसा भड़काने का आरोप लगा है। उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और हाल ही में हिंदू धर्म अपनाने वाले जितेंद्र नारायण त्यागी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर विवादों में घिरे कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी पर मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कड़ी आपत्ति जताई है। गृह मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने संघीय मर्यादाओं का उल्लंघन किया है, छत्तीसगढ़ पुलिस को गिरफ्तारी के पहले प्रदेश पुलिस को सूचना देनी चाहिए थी या छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें नोटिस देकर भी बुला सकती थी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो टूक कहा है कि किसी भी प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं हुआ है. कालीचरण के परिजन और वकील को गिरफ्तारी की सूचना दे दी गई है. 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश किया जाएगा।