12 करोड़ की रोल्स-रॉयस कार और 200 से ज्यादा की स्पीड, नूंह में हो गया भीषण सड़क हादसा
रोल्स-रॉयस की स्पीड 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से भी ऊपर थी। तभी तेल का टैंकर यू टर्न ले रहा था कि तेज स्पीड से चली आ रही कार ने टैंकर में टक्कर मार दी। बताया जा रहा है कि इस हादसे में 2 लोगों की मौत भी हुई है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश की सबसे उन्नत सड़कों में से एक है। इसका उद्घाटन कुछ दिनों पहले ही हुआ था। अब इस एक्सप्रेसवे पर एक भीषण हादसे की खबर आ रही है। समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, मंगलवार को हरियाणा के नूंह में रोल्स-रॉयस की फैंटम कार ने एक तेल के टैंकर में टक्कर मार दी। इस हादसे के समय कार में कुबेर ग्रुप के मालिक विकास मालू सवार थे। इसमें वह बुरी तरह से घायल हुए हैं और उनका गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार को विकास मालू किसी निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राजस्थान के जयपुर जा रहे थे। इस दौरान उनकी रोल्स-रॉयस की स्पीड 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से भी ऊपर थी। तभी तेल का टैंकर यू टर्न ले रहा था कि तेज स्पीड से चली आ रही कार ने टैंकर में टक्कर मार दी। बताया जा रहा है कि इस हादसे में 2 लोगों की मौत भी हुई है। हालांकि अभी यह साफ नहीं हुआ है कि हादसे के समय कार कौन चला रहा था।
हादसे में ट्रक में सवार दो लोगों की मौत हो गई, जबकि ट्रक में सवार एक अन्य और कार में सवार तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों की पहचान उत्तर प्रदेश निवासी कुलदीप और रामप्रीत के रूप में हुई है। रोल्स-रॉयस कार सवारों की पहचान विकास, तसबीर और दिव्या के रूप में हुई, जो हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि घायलों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि रॉल्स-रॉयस 20 कारों के काफिले का हिस्सा था, जिसमें लाल बत्ती लगी हुई थी और नीले सफारी सूट में सुरक्षाकर्मी थे। सीसीटीवी फुटेज में अलीपुर में काफिले को सुबह 11 बजकर 11 मिनट पर राजस्थान की ओर बढ़ते हुए दिखाया गया है। नूंह में एक्सप्रेसवे के 40.9 किमी के निशान पर वो टैंकर से टकरा गया।
नूंह के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रोल्स-रॉयस में आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन जब तक इसे बुझाया गया, कार पूरी तरह से जल चुकी थी। अधिकारी ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि टक्कर के बाद टैंकर में डीजल नहीं गिरा। अगर डीजल का रिसाव होता, तो हादसा और भी बदतर हो सकता था।