दूसरी बार फिर गयी सपा नेता आजम खां के बेटे अब्‍दुल्‍ला आजम की विधायकी

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अगर किसी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसे तत्काल विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य मान लिया जाता है और सजा काटने के बाद वह छह और सालों तक चुनाव नहीं लड़ सकता. समाजवादी पार्टी के नेता अब्दुल्ला आजम की स्वार विधानसभा सीट से सदस्यता रद्द कर दी गई है. छजलैट केस में सजा सुनाए जाने के बाद यह फैसला लिया गया है. उनके पिता और सपा नेता आजम खां की रामपुर विधानसभा सीट से विधायकी पहले ही अन्य मामलों में दोषसिद्धि के कारण जा चुकी है

दूसरी बार फिर गयी सपा नेता आजम खां के बेटे अब्‍दुल्‍ला आजम की विधायकी

समाजवादी पार्टी के नेता अब्दुल्ला आजम की स्वार विधानसभा सीट से सदस्यता रद्द कर दी गई है. छजलैट केस में सजा सुनाए जाने के बाद यह फैसला लिया गया है. उनके पिता और सपा नेता आजम खां की रामपुर विधानसभा सीट से विधायकी पहले ही अन्य मामलों में दोषसिद्धि के कारण जा चुकी है. रामपुर सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव में इस पर बीजेपी के आकाश सक्सेना ने सपा प्रत्याशी पर जीत दर्ज की थी.

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अगर किसी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसे तत्काल विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य मान लिया जाता है और सजा काटने के बाद वह छह और सालों तक चुनाव नहीं लड़ सकता.

गौरतलब है कि मुरादाबाद की एक अदालत ने वर्ष 2008 में गलत तरीके से धरना-प्रदर्शन करने के मामले में पिछले सोमवार को आजम खां और अब्दुल्ला को दो-दो साल की सजा सुनाई थी. हालांकि अदालत ने दोनों को जमानत भी दे दी थी. दोनों पर 31 दिसंबर 2007 को रामपुर में स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर जांच के लिए दो जनवरी 2008 को अपना काफिला रोके जाने के विरोध में राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना प्रदर्शन कर रास्ता जाम करने का आरोप था.

मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बुधवार को यह फैसला सुनाया. फैसला सुनाए जाने के बाद विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया कि स्‍वार टांडा विधानसभा सीट रिक्‍त हो गई. यहां फिर से चुनाव होने जा रहे हैं.  

बता दें कि इससे पहले फर्जी प्रमाणपत्र मामले में सपा नेता अब्‍दुल्‍ला आजम की विधानसभा सदस्‍यता निरस्‍त कर दी गई थी. फर्जी प्रमाणपत्र मामले में भी अब्‍दुल्‍ला को 2 साल की सजा सुनाई गई थी. अब एक बार फिर 15 साल पुराने मामले में अब्‍दुल्‍ला आजम को दोषी पाया गया है. 

वहीं, अब्‍दुल्‍ला आजम की सदस्‍यता रद्द होने पर सपा के प्रवक्‍ता अमीक जामेई ने सीएम योगी पर निशाना साधा है. अमीक ने कहा कि अब्‍दुल्‍ला आजम की सदस्‍यता रद्द करवाने पर सीएम योगी को मुबारक. पूरा सदन खत्‍म कर दें, आपको क्‍यों चाहिए विपक्ष.  

बता दे अब्दुल्ला दूसरी बार सदन की सदस्यता के अयोग्य घोषित किए गए हैं. इससे पहले वर्ष 2020 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनके चुनाव को रद्द कर दिया था. न्यायालय ने कहा था कि वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से जीत हासिल करने वाले अब्दुल्ला चुनाव लड़ने के लिए निर्धारित न्यूनतम आयु 25 वर्ष से कम उम्र के थे.