एक ही कॉलेज, एक हफ्ता और तीन छात्राओं की ख़ुदकुशी, चौथी ने काटी हाथ की नस, ब्लैकमेलिंक का शक

कमलापुर में स्थित आरबीएसएस कॉलेज की अंदर तीन छात्राओं के सात दिन के अंदर एक के बाद एक आत्महत्या करने से इलाके में सनसनी फैल गई है। तीनों लड़कियां नाबालिग थी। तीनों लड़कियों का अंतिम संस्कार बिना पोस्टमार्टम ही कर दिया गया। पहले 11वीं में पढ़ने वाली एक छात्रा ने आत्महत्या की. उसके बाद 12वीं में पढ़ने वाली दो छात्राओं ने आत्महत्या की।

एक ही कॉलेज, एक हफ्ता और तीन छात्राओं की ख़ुदकुशी, चौथी ने काटी हाथ की नस, ब्लैकमेलिंक का शक

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के एक कॉलेज में तीन छात्राओं ने सात दिन के अंदर आत्महत्या कर लिया है।  वहीं, एक छात्रा के हाथ की नस कटने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।  जिले के कमलापुर में स्थित आरबीएसएस कॉलेज की अंदर तीन छात्राओं के सात दिन के अंदर एक के बाद एक आत्महत्या करने से इलाके में सनसनी फैल गई है।  तीनों लड़कियां नाबालिग थी।  तीनों लड़कियों का अंतिम संस्कार बिना पोस्टमार्टम ही कर दिया गया।  पहले 11वीं में पढ़ने वाली एक छात्रा ने आत्महत्या की. उसके बाद 12वीं में पढ़ने वाली दो छात्राओं ने आत्महत्या की। 

कॉलेज में शनिवार को एक और छात्रा के साथ हादसा पेश आया। सहपाठियों की छींटाकशी से तंग इंटर की छात्रा ने कक्षा में ही ब्लेड से कलाई के पास हाथ काट लिया। अफरातफरी के बीच जख्मी छात्रा का प्राथमिक उपचार कराने के बाद घर भेज दिया गया। 

एक छात्रा की बहन ने कहा कि यह आत्महत्या नहीं हत्या है। आरोप लगाया कि छात्रा का कॉलेज के कुछ दबंग लड़कों ने मानसिक शोषण किया। जिसके कारण एक ऐसी लड़की ने कथित आत्महत्या कर ली जो आत्महत्या के नाम से चिढ़ती थी। शिवपुरी कुर्सिनपुरवा में फंदे पर लटककर जान देने वाली इंटर की छात्रा की मां से जब घटना को लेकर बात की गई तो वह बिलख उठी।

अब उनके अभिभावकों का कहना है कि दबंग छात्रों के शोषण के चलते बेटियों ने जान दी। खुदकुशी करने वाली एक छात्रा की बहन ने बताया कि कॉलेज के ही दबंग छात्रों ने उसकी बहन का शोषण किया था। अब उसे भी खतरा है।

भर्राई आवाज में बोलीं कि ह्रदय रो-रोकर कह रहा है, बिटिया को पढ़ाने कॉलेज न भेजते तो यह घटना न होती। पिता ने बताया कि एक माह पहले ही अचानक बेटी का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ा। बात-बात पर चिड़चिड़ाने लगी थी। गुस्से में चीजें तोड़ने लगती थी। पिता ने कॉलेज के अनुशासन पर सवाल उठाए हैं। 

कॉलेज के प्रिंसिपल साकिब जमाल अंसारी का कहना है कि तीनों छात्राएं कॉलेज में पढ़ती तो जरूर थीं।  मगर, कोरोना की वजह से सबकी ऑनलाइन क्लॉसेज शुरू हो गई थीं।  सभी के पास मोबाइल था।  जिस ग्रुप के जरिए लड़कियां पढ़ाई करती थीं, उसमें लड़के भी जुड़े थे।  अभी पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।  हमने भी जांच कमेटी बनाई है। 

प्रिंसिपल अंसारी ने बताया, 'पुलिस ने एक ऐसे शख्स को हिरासत में लिया है, जो अपने आपको आर्मी का कैप्टन बताता था।  शक है कि यह शख्स इन लड़कियों के साथ जुड़ा हुआ था।  वह इन लड़कियों को अग्निवीर बनाने के बहाने उनके करीब आया, फिर दोस्ती बढ़ गई और हो सकता है उसके पास इन लड़कियों के कुछ वीडियो हों, जिससे वह इन्हें ब्लैकमेल करता होगा।'

इस मामले में सीतापुर के एडिशनल सुपरिटेंडेंट पुलिस एनपी सिंह का कहना है, 'तीनों सुसाइड में यह कॉमन है कि सभी एक ही स्कूल की छात्राएं हैं।  मगर, उनके खुदकुशी करने का तरीका अलग-अलग है. हम हर पहलू की जांच कर रहे हैं।  फिलहाल चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आगे की कार्यवाही की जा रही है।'