सिर पर सेहरा, बग्गी की सवारी, दुल्हन ने तोड़ी सदियों पुरानी परंपरा पिता बोला- म्हारी छोरी क्या छोरों से कम हैं
बीटेक पास बेटी ने अपनी बरात आने से पहले घुड़चढ़ी की रस्म निभाकर नई परंपरा की शुरुआत की तो राह चलते लोगों के कदम ठिठक गए। कॉलोनी वाले गदगद नजर आए और ससुराल के लोगों ने भी शाबाशी दी। मुजफ्फरनगर के देहाती परिवेश में पली-बढ़ी इकलौती बिटिया के पिता भी सीना चौड़ा कर बोले ‘म्हारी छोरी क्या छोरों से कम हैं।
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर की एक शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, इस शादी में दूल्हे की जगह एक दुल्हन बग्गी पर सेहरा बांध कर पहुंची। भारतीय समाज में वैसे तो दूल्हे को सेहरा बांध कर आने की परंपराएं और रीति-रिवाज प्रचलित हैं। लेकिन दुष्यंत और सिमरन ने अपनी शादी में पुरानी प्रथाओं को तोड़ते हुए एक अलग परंपरा विकसित की है।
बीटेक पास बेटी ने अपनी बरात आने से पहले घुड़चढ़ी की रस्म निभाकर नई परंपरा की शुरुआत की तो राह चलते लोगों के कदम ठिठक गए। कॉलोनी वाले गदगद नजर आए और ससुराल के लोगों ने भी शाबाशी दी। मुजफ्फरनगर के देहाती परिवेश में पली-बढ़ी इकलौती बिटिया के पिता भी सीना चौड़ा कर बोले ‘म्हारी छोरी क्या छोरों से कम हैं।
मुजफ्फरनगर के खतौली निवासी किसान विनय चौधरी की इकलौती बेटी सिमरन चौधरी ने आईटी से बीटेक किया है। वह दुबई की एक कंपनी में नौकरी करती है। उसका रिश्ता काशीपुर निवासी दुष्यंत से तय हुआ। दुष्यंत के पिता केपी सिंह मूलत: मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं और 25 वर्षों से काशीपुर में रह रहे हैं।
वह मुरादाबाद रोड स्थित प्रकाश पाइप फैक्टरी में वाइस प्रेसीडेंट हैं। दुष्यंत नागपुर में रिलायंस कंपनी में एरिया मैनेजर है। दुष्यंत के जीजा दिव्य सिरोही ने जीवन साथी डॉट कॉम पर अपने साले की शादी के लिए इश्तेहार दिया था। इसके जरिये ही रिश्ते के बाद पक्की हुई।
सिमरन चौधरी कुछ दिन पहले ही दुबई से लौटी। 28 नवंबर को उसकी बरात आनी थी। परिवार में कोई बेटा न होने के कारण विनय के परिजन बेटी के जरिये विवाह के सारे अरमान पूरे करना चाहते थे। फूफा प्रदीप धामी ने बताया कि परिवार के लोगों ने सिमरन के सामने उसकी घुड़चढ़ी कराने का प्रस्ताव रखा तो उसने हां कर दी।
परिजन और रिश्तेदारों ने इस दौरान बैंड बाजे के साथ जमकर डांस किया। इस दौरान 25 वर्षीय सिमरन ने खुद को दूल्हे से कम नहीं आंका और बारात में राजशाही अंदाज में एंट्री ली। बग्गी पर सवार सिमरन ने दूल्हे की तरह पगड़ी पहनी। फिर अपने परिवार व दोस्तों के साथ शादी की रस्म के लिए गईं। 29 नवंबर को सिमरन की विदाई हुई और वह काशीपुर आईं। यहां 30 नवंबर को जसपुर रोड स्थित पवार रिजॉर्ट में प्रीतिभोज का आयोजन किया गया। फिलहाल सिमरन की घुड़चढ़ी का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
सिमरन ने बताया कि उन्होंने यह सब समाज में एक संदेश देने के मकसद से किया है। शादी की सभी रस्में लड़के और लड़की दोनों पक्ष की ओर से निभाई जाती हैं, जबकि घुड़चढ़ी की रस्म केवल वर पक्ष द्वारा की जाती है। समाज में लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों से कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हैं इसीलिए इस परंपरा में भी लड़की को लड़के के बराबर तवज्जो देते हुए आगे बढ़ना चाहिए। सिमरन ने बताया कि उन्होंने अपनी दीदी और जीजा से प्रेरणा लेते हुए तथा परिवार की सहमति से यह सब किया।