नामांकन दाखिल करते ही बोले शशि थरूर- यथास्थिति चाहिए तो खड़गे को वोट करें, बदलाव के लिए मुझे

नामांकन भरने के बाद थरूर ने कहा कि हम कोई दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं। यह एक दोस्ताना मुक़ाबला है। शशि थरूर ने इस बात पर भी जोर दिया कि कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि पार्टी का कोई आधिकारिक उम्मीदवार नहीं है।

नामांकन दाखिल करते ही बोले शशि थरूर- यथास्थिति चाहिए तो खड़गे को वोट करें, बदलाव के लिए मुझे

आज ३० सितम्बर शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन था. शशि थरूर के साथ ही इस पद की दौड़ में पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी आगे आए हैं।  नामांकन भरने के बाद थरूर ने कहा कि हम कोई दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं।  यह एक दोस्ताना मुक़ाबला है। शशि थरूर ने इस बात पर भी जोर दिया कि कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि पार्टी का कोई आधिकारिक उम्मीदवार नहीं है। उसी भावना से मैंने अपनी उम्मीदवारी को आगे बढ़ाया है। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष चुनाव में शुक्रवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाहर होने के बाद अंतिम समय में खड़गे का आना हुआ है। यहां तक की राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह भी मैदान छोड़ चुके हैं। उन्होंने खड़गे का समर्थन किया है।  

कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कहा कि जो लोग चाहते हैं कि पार्टी में यथास्थिति बनी रहे उन्हें पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे को वोट देना चाहिए। थरूर ने आगे कहा कि जो लोग पार्टी में बदलाव और प्रगति चाहते हैं वो उन्हें वोट करें। थरूर ने कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि उनके पास पार्टी को मजबूत करने का नजरिया है, जो बदलाव लाएगा।

थरूर ने कहा, 'उन्हें यथास्थिति बनाए रखने को लेकर पार्टी की सोच पर कोई आश्चर्य नहीं है। यदि आप यथास्थिति बनाए रखना चाहते हैं तो खड़गे जी को वोट दें। अगर आप 21वीं सदी के नजरिए से बदलाव और विकास चाहते हैं तो मैं उम्मीद करता हूं कि मैं वह बदलाव ला पाऊंगा।' कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए मतदान 17 अक्टूबर को होगा और मतों की गिनती 19 अक्टूबर को होगी।

तिरुवनंतपुरम सीट से सांसद थरूर को राज्यसभा में मौजूदा विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ चुनाव लड़ना इतना आसान नहीं है क्योंकि मल्लिकार्जुन खड़गे गांधी परिवार के करीबी हैं और अध्यक्ष पद के लिए पसंदीदा उम्मीदवार भी हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे से मुकाबले के सवाल पर थरूर ने कहा कि वह कांग्रेस के भीष्म पितामह हैं। पार्टी अध्यक्ष पद के लिए खड़गे ने भी नामांकन भरा है। 

थरूर ने हिंदी भाषा के विस्तार पर भी बात की. थरूर और खड़गे दोनों दक्षिण भारत से नाता रखते हैं, जबकि पार्टी के अधिकतर प्रतिनिधि जो चुनाव में मतदान करेंगे, वह हिंदी भाषी राज्यों से हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह भ्रम है कि वे केवल जी-23 के नेता हैं, उन्हें सभी नौ हज़ार से अधिक कार्यकर्ताओं का समर्थन चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मेरे पास कांग्रेस के लिए एक दृष्टिकोण है और मैं इसे 9,000 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ साझा करूंगा और उनका समर्थन मांगूंगा. मेरा नामांकन पत्र मुझे मिले व्यापक समर्थन को दर्शाता है।  मेरे नामांकन पर एक दर्जन राज्यों के पार्टी कार्यकर्ताओं ने हस्ताक्षर किए हैं। ’ उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कहा, ‘भारत की एकमात्र ऐसी पार्टी की सेवा करना सम्मान की बात है जो अपने नेता का चुनाव खुली लोकतांत्रिक प्रक्रिया से करती है। ’