शिंदे की हिम्मत नहीं- उद्धव के तंज पर शिंदे की दहाड़, बोले एक इंच जमीन भी नहीं जाने देंगे
उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलने का साहस नहीं है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के इस दावे के बाद यह विवाद पैदा हो गया है कि महाराष्ट्र के कई सीमावर्ती गांव कभी उनके राज्य का हिस्सा बनना चाहते थे। पत्रकारों से बात करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, "हम सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी लोगों को न्याय दिलाने का काम कर रहे हैं. महाराष्ट्र से एक इंच भी जगह नहीं जाने दी जाएगी."
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद को लेकर चल रहे विवाद के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार महाराष्ट्र की एक इंच जमीन भी किसी की नहीं ले जाने देगी. गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, "हम सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी लोगों को न्याय दिलाने का काम कर रहे हैं. महाराष्ट्र से एक इंच भी जगह नहीं जाने दी जाएगी." उन्होंने कहा, "40 गांवों की समस्याओं को हल करना हमारी सरकार की जिम्मेदारी है."
बता दे शिवसेना- उद्धव गुट अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलने का साहस नहीं है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के इस दावे के बाद यह विवाद पैदा हो गया है कि महाराष्ट्र के कई सीमावर्ती गांव कभी उनके राज्य का हिस्सा बनना चाहते थे। उद्धव ठाकरे ने शिंदे पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘क्या हमने अपना साहस खो दिया है क्योंकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री आसानी से महाराष्ट्र के गांवों पर दावा कर रहे हैं।’’ इस बीच, राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ‘कर्नाटक के मुद्दे से भाग नहीं सकती है।’
इससे पहले कर्नाटक के सीएम बोम्मई ने पहले कहा था कि सीमा रेखा महाराष्ट्र में एक राजनीतिक उपकरण बन गई है, और सत्ता में कोई भी पार्टी राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस मुद्दे को उठाएगी. बोम्मई ने कहा था कि मेरी सरकार कर्नाटक की सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है और उसने कदम भी उठाए हैं. बोम्मई ने दावा किया कि महाराष्ट्र के सांगली जिले के कुछ गांव, जो पानी के संकट से जूझ रहे हैं, ने कर्नाटक के साथ विलय की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है. इसी के बाद दोनों राज्यों के नेताओं के बीच विवाद शुरू हुआ.
दरअसल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के इस दावे के बाद यह विवाद पैदा हो गया है कि महाराष्ट्र के कई सीमावर्ती गांव कभी उनके राज्य का हिस्सा बनना चाहते थे। बोम्मई ने दावा किया था कि महाराष्ट्र के सांगली जिले के जाट तालुका में कुछ ग्राम पंचायतों ने पूर्व में एक प्रस्ताव पारित कर कर्नाटक में विलय की मांग की थी, जब वे गंभीर जल संकट का सामना कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार ने पानी मुहैया कराकर उनकी मदद के लिए योजनाएं तैयार की हैं और उनकी सरकार जाट गांवों के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है।
हालांकि, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बोम्मई के दावों का खंडन किया और कहा कि किसी गांव ने हाल ही में कर्नाटक के साथ विलय की मांग नहीं की है.