Shivaji Jayanti 2023: आगरा किले में पहली बार शिवाजी शौर्य गाथा की गूंज, महाराष्ट्र के सीएम शिंदे भी पहुंचे

अजिंक्य अजिंक्य देवगिरी प्रतिष्ठान और महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से आगरा किले के दीवाने आम में शिवजन्मोत्सव समारोह का शुभारंभ हुआ। शिवाजी के जीवन को नाट्य महाराष्ट्रीयन संस्कृति के माध्यम से जीवंत किया गया। इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शामिल हो रहे हैं। 

Shivaji Jayanti 2023: आगरा किले में पहली बार शिवाजी शौर्य गाथा की गूंज, महाराष्ट्र के सीएम शिंदे भी पहुंचे

आगरा किले में छत्रपति शिवाजी जयंती समारोह का शुभारंभ हो गया है। इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी आगरा पहुंच चुक हैं। खेरिया एयरपोर्ट पर उनके पहुंचने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। यहां से वे सीधे आगरा किला पहुचेंगे।
अजिंक्य अजिंक्य देवगिरी प्रतिष्ठान और महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से आगरा किले के दीवाने आम में शिवजन्मोत्सव समारोह का शुभारंभ हुआ। शिवाजी के जीवन को नाट्य महाराष्ट्रीयन संस्कृति के माध्यम से जीवंत किया गया। इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शामिल हो रहे हैं। 
खेरिया हवाई अड्डे पर भाजपा जिला अध्यक्ष गिरिराज कुशवाहा आदि ने उनका स्वागत  किया । वहीं इससे पहले कोल्हापुर, पुणे व महाराष्ट्र के अन्य जगह से 4000 से अधिक लोग बस व ट्रेनों के माध्यम से कल रात से ही आगरा पहुंच गए थे। हालांकि कार्यक्रम में 800 लोगों के शामिल होने की ही अनुमति है।  
बता दे आगरा के किले का मुगल और मराठा साम्राज्य के इतिहास में एक विशेष महत्व है। मुगल बादशाह औरंगजेब ने 350 साल पहले आगरा किले में शिवाजी महाराज और उनके बेटे युवराज संभाजी को धोखे से कैद किया था। उन्हें मारने की साजिश भी रची गई थी। लेकिन जेल की सुरक्षा को चकमा देते हुए शिवाजी महाराज अपने वफादारों के साथ वहां से सकुशल निकल गए थे।
1666 की गर्मियों में शिवाजी महाराज को मुगल सम्राट औरंगजेब ने आगरा में शाही दरबार में उनके 50वें जन्मदिन समारोह में शामिल होने का न्योता भेजा था। जिसके बाद शिवाजी महाराज, अपने बेटे राजकुमार संभाजी के साथ 12 मई 1666 को आगरा पहुंचे. हालांकि औरंगजेब ने उनके साथ छल किया उन्हें बंदी बना लिया। लेकिन 17 अगस्त 1666 में मिठाई के बक्सों में वह भागने में सफल रहे।