समाजवादी पार्टी को लगा झटका, यूपी विधानपरिषद उपचुनाव में बीजेपी ने जीतीं दोनों सीटें

दोनों सीटों का नतीजा बीजेपी के पक्ष में गया. भाजपा के कैंडिडेट पद्मशेन चौधरी को 279 वोट पाकर विजयी हुए.सपा के उम्मीदवार को 114 वोट मिले. यूपी विधान परिषद की दूसरी सीट पर बीजेपी के मानवेंद्र सिंह भी जीत गए. 

समाजवादी पार्टी को लगा झटका, यूपी विधानपरिषद उपचुनाव में बीजेपी ने जीतीं दोनों सीटें

उत्तर प्रदेश विधानपरिषद उपचुनाव में सोमवार को मतगणना के बाद देर शाम को नतीजे जारी हुए.  दोनों सीटों का नतीजा बीजेपी के पक्ष में गया. भाजपा के कैंडिडेट पद्मशेन चौधरी को 279 वोट पाकर विजयी हुए.सपा के उम्मीदवार को 114 वोट मिले. यूपी विधान परिषद की दूसरी सीट पर बीजेपी के मानवेंद्र सिंह भी जीत गए. 

यूपी विधान परिषद के सोमवार को ही हुए उपचुनाव में 396 वोट पड़े थे. कांग्रेस ने यूपी विधान परिषद मतदान से किया किनारा. कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा मोना और वीरेंद्र चौधरी ने नहीं किया मतदान।

 वीरेंद्र चौधरी ने बताया की हमसे अखिलेश यादव या समाजवादी पार्टी से किसी भी व्यक्ति ने नही करी थी वोट की अपील.बीएसपी ने भी विधान परिषद चुनाव मतदान से किया किनारा, बीएसपी विधायक उमाशंकर सिंह ने भी नहीं डाला वोट.

सपा विधायक मनोज पारस भी मतदान में अनुपस्थित रहे. यूपी विधानसभा के तीन विधायक कानूनी अड़चनों के चलते नहीं डाल सके वोट.विधायक रमाकांत यादव, अब्बास अंसारी और इरफान सोलंकी नहीं डाल सके वोट.

विधानसभा के कुल निर्वाचित 403 सदस्यों को विधानपरिषद की इन दोनों सीटों पर मतदान का अधिकार होता है. यूपी में इन सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर बीजेपी ने पार्टी विधायकों को पहले ही व्हिप जारी कर दिया था. उन्हें मतदान संबंधी प्रशिक्षण भी दिया गया था. 

क्रास वोटिंग की आशंका को देखते हुए भाजपा ने मंत्रियों और सचेतक को भी नियुक्त किया था. हालांकि चुनाव में शुरुआत से ही बीजेपी का पलड़ा भारी लग रहा था. योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार की बात करें तो 403 विधायकों वाली विधानसभा में बीजेपी के 255 विधायक हैं.अपना दल (सोनेलाल) की 13 और निषाद पार्टी की छह सीटें हैं.

सपा के 109 विधायक और उनके गठबंधन में शामिल रालोद के 9 विधायक हैं.सिक्किम के राज्यपाल बनने के बाद 15 फरवरी को बीजेपी एमएलसी लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने इस्तीफा दिया था.बनवारी लाल दोहरे के निधन के बाद  15 फरवरी को एक सीट रिक्त हुई थीं.लक्ष्मण प्रसाद आचार्य का 30 जनवरी 2027 तक कार्यकाल था. 6 जुलाई 2028 तक बनवारी लाल दोहरे का कार्यकाल था. 

इन दोनों सीटों पर बीजेपी ने पद्मसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया था. सपा ने मऊ के पूर्व एमएलसी रामजतन राजभर को टिकट देकर पूर्वांचल के अति पिछड़े वर्ग में शामिल राजभर समुदाय को लुभाया था. दूसरी सीट पर कौशांबी के रहने वाले रामकरण निर्मल अति पिछड़ी जाति को टिकट मिला था.