Shraddha-Aftab Case- खुलासे पर खुलासे सुनाई उस रात की कहानी,कई लड़कियों से थे संपर्क मिटाता था सिगरेट बीयर पीकर अपनी थकान
आफताब अमीन पूनावाला को श्रद्धा के शव के टुकड़े करने पर कोई पछतावा नहीं है। उसका कहना है कि उसने अपने बचाव में यानि खुद को बचाने के लिए शव के टुकड़े किए थे। उसके पास शव को ठिकाने लगाने का कोई और चारा नहीं था। हालांकि उसे श्रद्धा की मौत पर पछतावा जरूर है।
दिल्ली के महरौली इलाके में हुए श्रद्धा हत्याकांड में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। हर तरफ इस हत्याकांड की चर्चा हो रही है। आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को श्रद्धा के शव के टुकड़े करने पर कोई पछतावा नहीं है। उसका कहना है कि उसने अपने बचाव में यानि खुद को बचाने के लिए शव के टुकड़े किए थे। उसके पास शव को ठिकाने लगाने का कोई और चारा नहीं था। हालांकि उसे श्रद्धा की मौत पर पछतावा जरूर है। उसका कहना है कि उसे उसकी मौत पर पछतावा है। उसकी किस्मत खराब है, ऐसा नहीं होना चाहिए था। आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उसका श्रद्धा से मुंबई के समय से ही झगड़ा होना शुरू हो गया था। श्रद्धा उसे बर्तनों से मारती थी तो वह उसे थप्पड़ मारता था। इस झगड़े में उसने श्रद्धा की हत्या कर दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी पूछताछ में हंसता रहा। पुलिस उसे मना करती थी तब भी वह हंसता रहता था।
इस हत्याकांड के तार मुंबई से जुड़े हुए है, जिसको सुलझाने की कोशिश वसई पुलिस भी कर रही है. मुंबई के वसई इलाक़े के रीगल अपार्टमेंट में ही आफताब और और श्रद्धा किराये पर रहते थे. साल 2020 से लेकर साल 2021 तक श्रद्धा और आफ़ताब रीगल अपार्टमेंट के 302 नंबर फ्लैट में रहते थे। फ़्लैट को किराये पर लेते समय आफताब और श्रद्धा ने खुद को पति-पत्नी बताकर रेंट एग्रिमेंट भी बनवाया था. फ्लैट की मालिक जयश्री पाटकर के मुताबिक़, फ्लैट को किराये पर लेते समय आफ़ताब और श्रद्धा ने उनके रियल एस्टेट एजेंट से यह कहा कि वे परिवार के अन्य सदस्यों के साथ वहां रहने जा रहे हैं और दोनों पति-पत्नी है। जयश्री पाटकर के अनुसार, उनको यह पता चला था कि दोनों अक्सर लड़ते थे और दोनों के बीच बहुत झगड़ा होता था।
दक्षिण जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार आरोपी आफताब ने पूछताछ में ये भी खुलासा किया है कि वह व श्रद्धा दोनों ही सहमति संबंधों में रहने को गलत नहीं मानते थे। दोनों ही अपनी जिंदगी अपनी मर्जी से मौजमस्ती के साथ जीना चाहते थे। जब-जब उनके माता-पिता ने सहमति संबंधों में रहने के लिए मना किया तो दोनों ही कहते थे कि सहमति संबंधों में रहना गलत नहीं है।
पुलिस जांच में पता चला है कि वह साइबर सिटी के किसी कॉल सेंटर में काम कर चुका है। यह भी पता चला है कि इन कॉल सेंटर में काम करने वाली कई लड़कियां भी उसके संपर्क में थीं। इसे लेकर भी श्रद्धा और आफताब के बीच आए दिन झगड़ा होता था। जब पुलिस को आफताब का गुरुग्राम कनेक्शन पता लगा तो दिल्ली पुलिस ने गुरुग्राम पुलिस से संपर्क किया। स्थानीय पुलिस के हरकत में आने के साथ ही यहां का खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट मोड पर आ गई हैं।
आफताब ने गुरुवार की पूछताछ में कबूल किया कि उसने श्रद्धा के सिर समेत शरीर के कई टुकड़ों को फ्रिज में पांच महीने से ज्यादा समय तक रखा था। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से भी इसकी पुष्टि हुई है। शव के कुछ टुकड़े उसने हत्या करने के बाद ही फेंक दिए थे। जबकि श्रद्धा के शव को दो दिन घर में रखा था। एक दिन श्रद्धा का शव कमरे में ही पड़ा रहा था। शव के नजदीक बैठकर उसने खाना खाया था। आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि उसने श्रद्धा के शव के सिर्फ 16 टुकड़े किए थे। इस दौरान पहले की तरह वह मुस्कुराता रहा।
पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, श्रद्धा ने आफताब से शादी का प्रस्ताव रखा। आफताब शादी नहीं करना चाह रहा था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच लड़ाई हो गई। आफताब ने एक हाथ से श्रद्धा का मुंह दबाया। जब श्रद्धा चिल्लाने लगी तो आरोपी ने दूसरे हाथ से उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने शव को बाथरूम में रखा।
रातभर शव के साथ रहने के बाद दूसरे दिन आफताब मिनी आरी लेकर आया और श्रद्धा के शव को 35 टुकड़ों में काट दिया। पहले हाथ, फिर पैर और एक-एक करके शरीर के सारे अंगों को काटने के बाद उसने पानी से उसे साफ किया। फिर उसपर बोरिक पाउडर छिड़कर अलग-अलग पन्नी में सारे टुकड़ों को भर दिया। इसके बाद पन्नी को फ्रीजर में रख दिया। रोज फ्रिज से शव के एक दो टुकड़े लेकर अपने बैग में रखता था और उसे महरौली के जंगल में फेंक आता। पूरे शव को ठिकाने लगाने के बाद आफताब ने फ्लैट बदल दिया। जांच में श्रद्धा के मोबाइल की आखिरी लोकेशन महरौली के जंगल में मिली है। अब पुलिस उसकी तलाश कर रही है। ये भी सामने आया है कि श्रद्धा के अकाउंट से 55 हजार रुपये निकाले गए थे।
दक्षिण जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आरोपी आफताब ने बताया है कि उसने श्रद्धा की रात आठ बजे हत्या की थी। श्रद्धा का शव एक दिन कमरे में पड़ा रहा। आफताब जघन्य हत्याकांड के बाद अपने मन को बहुत ठंडा रखने की कोशिश करता रहा। इसलिए सबूत मिटाने के लिए उसने काफी वक्त लिया। इन 10 घंटों के दौरान उसने बड़ी सावधानी से शव के न सिर्फ टुकड़े किये, उन्हें धोने के लिए भी बहुत वक्त लिया। आफताब ने पुलिस को बताया कि शव के टुकड़े करने और उन्हें अच्छे से धोने में उसे 10 घंटे लगे। बीच-बीच में थकने पर वह ब्रेक लेता था। इस दौरान वह कभी सिगरेट तो कभी बीयर पीकर अपनी थकान मिटाता था। खुद को शांत रखने के लिए उसने नेटफ्लिक्स पर एक मूवी भी देखी।
अगले दिन उसने श्रद्धा के शव को बाथरूम में रख दिया था। शव एक दिन बाथरूम में पड़ा रहा। आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि इसके बाद उसने श्रद्धा के शरीर के कुछ टुकड़े पॉलिथीन में पैक कर जंगल में फेंक दिए थे। श्रद्धा का सिर, धड़, पैरों के पंजे और हाथों की उंगुलियों को फ्रीज में पॉलिथीन में पैककर रख दिया था। आरोपी का कहना है कि उसे इन शव के टुकड़ों को फेंकने का मौका नहीं मिला था।
बता दे श्रद्धा मुंबई के मलाड़ में रहती थी और एक कॉल सेंटर में काम करती थी। आफताब अमीन पूनावाला भी मुंबई का रहने वाला है। दोनों की मुलाकात एक डेटिंग एप के जरिए हुई। इसके बाद दोनों के प्रेम संबंध बन गए। दोनों लिव-इन में रहने लगे। श्रद्धा के घरवालों को इस रिश्ते की जानकारी हुई तो उन्होंने श्रद्धा को आफताब का साथ छोड़ने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं मानी। हिमाचल और उत्तराखंड घूमने की बात कहकर श्रद्धा आफताब के साथ मुंबई से निकल गई। दोनों ऋषिकेश घूमने गए और वापस आकर दिल्ली में ही रहने लगे। यहां इन्होंने छतरपुर, महरौली में किराए पर कमरा लिया।