सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मुख्य आरोपी गोल्डी बराड़ कैलिफोर्निया में पकड़ा गया
खुफिया सूत्रों के मुताबिक आरोपी गोल्डी बराड़ को कैलिफोर्निया शहर में डिटेन किया गया है। इंटरनेशनल सोर्स से भारत की खुफिया एजेंसियों को एक बड़ा इनपुट मिला है। हालांकि, गोल्ड की गिरफ्तारी के बारे में अभी कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। गोल्डी को खुद कनाडा में जान का खतरा बना हुआ है, और इसके लिए वह कैलिफोर्निया में राजनीतिक शरण लेने की फिराक में है।
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के हत्याकांड मामले में बड़ी कामयाबी मिली है। मूसेवाला हत्याकांड के मुख्य आरोपियों में शामिल गोल्डी बराड़ के अमेरिका में पकड़े जाने की खबर है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक आरोपी गोल्डी बराड़ को कैलिफोर्निया शहर में डिटेन किया गया है। इंटरनेशनल सोर्स से भारत की खुफिया एजेंसियों को एक बड़ा इनपुट मिला है। हालांकि, गोल्ड की गिरफ्तारी के बारे में अभी कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
बता दें, इसी साल 29 मई को सिद्धू मूसेवाला की मानसा के गांव जवाहरके में हत्याकर दी गई थी। जिस समय यह हत्याकांड हुआ, मूसेवाला अपनी थार जीप में सवार होकर कहीं जा रहे थे। इसी दौरान छह हमलावरों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया और फायरिंग शुरू कर दी। इस मामले में चार शूटर गिरफ्तार हुए हैं, वहीं दो एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।
गोल्डी बराड़ को मूसेवाला हत्याकांड का मास्टरमांडइ माना जाता है। पुलिस के मुताबिक, मूसेवाला कांड में सारे निर्देश कनाडा में बैठा गोल्डी ही दे रहा था। हत्या के ठीक बाद गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने कथित तौर पर हमले की जिम्मेदारी भी ली थी। बराड़ के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी कर रखा था। बताया जाता है कि पंजाब में अपना उगाही रैकेट चलाने के बाद वह कनाडा से ही राज्य में अपना हिट स्कवॉड और बिजनेस चलाता है। उस पर भारत में हत्या, आपराधिक साजिश, अवैध हथरियों की आपूर्ति जैसे कई मामले दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि गोल्डी को खुद कनाडा में जान का खतरा बना हुआ है, और इसके लिए वह कैलिफोर्निया में राजनीतिक शरण लेने की फिराक में है।
मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने गोल्डी बराड़ की गिरफ्तारी ना होने पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि जो भी गोल्डी की पता बताएगा, उसे वह अपनी जमीन बेचकर दो करोड़ रुपये देंगे। इसके ठीक एक दिन बाद गोल्डी की गिरफ्तारी की खबर सामने आई है। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियां इसकी पुष्टि के लिए अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क साध रही हैं।