17 साल के लड़के की हत्या को लेकर फ्रांस में हालात नाजुक, चारों तरफ दंगे; भारी मात्रा में पुलिसवाले तैनात
हालात इतने बिगड़े हैं कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को इमरजेंसी मीटिंग बुलानी पड़ी. उन्होंने इस हिंसा की निंदा की है. वहीं नाबालिग लड़के पर गोली चलाने वाले पुलिस अधिकारी को हिरासत में ले लिया गया है.
फ्रांस दंगे की चपेट में है. वहां पुलिस की गोलीबारी में एक लड़के की मौत के बाद बड़ी हिंसा भड़क उठी है. कई जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ की गई है. हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों ने बसों, कारों समेत इमारतों में भी आग लगा दी. कुछ पुलिस स्टेशनों के बाहर तोड़फोड़ की रिपोर्ट्स आई हैं.
17 साल के लड़के की हत्या को लेकर फ्रांस में भयानक हिंसा का माहौल है। चारों तरफ दंगे हो रहे हैं, तो वहीं पूरे देश में इमरजेंसी जैसी स्थिति हो गई है। इसके लिए सरकार ने पूरे देश में 40 हजार से ज्यादा पुलिसवालों की तैनाती की है।
पेरिस पुलिस ने कार रोकने के आदेश को नहीं मानने के कारण एक 17 साल के लड़के पर गोली चला दी थी, जिसमें लड़की की मौत गई। पुलिस की इस निर्ममता के बाद पूरे फ्रांस में हिंसा भड़क उठी। लोगों ने कई वाहनों में आग लगा दिए तो वहीं पुलिस पर भी हमला बोल दिया।
गुरुवार को फ्रांस प्रशासन ने बताया कि फ्रांस में राष्ट्रीय स्तर पर 150 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस हिंसा में अभी तक 170 से ज्यादा पुलिसवाले घायल हो गए हैं। हालांकि, किसी को भी गंभीर चोटें नहीं आई हैं।
फ्रांस के आंतरिक मामलों के नेता गेराल्ड डारमानिन ने कहा है कि राज्य की स्थिति बेहद नाजुक है। हालांकि, राज्य में इमरजेंसी लगाने की बात से उन्होंने अभी इनकार किया है। उनका कहना है कि साल 2005 के दंगे जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं होने दी जाएगी।
आ रही मीडिया के हवाले से खबरों के मुताबिक मामला इतना गंभीर हो गया है कि सिटी हॉल के अधिकारियों ने 3 जुलाई तक के लिए कर्फ्यू लगा दिया है. इसके तहत रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगा रहेगा. ट्राम और बस सेवाएं गुरुवार रात 9 बजे बंद हो जाएंगी. रात में चलने वाली बसें भी नहीं चलेंगी. इस बीच पुलिस ने दंगे में शामिल 180 से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हालात इतने बिगड़े हैं कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को इमरजेंसी मीटिंग बुलानी पड़ी. उन्होंने इस हिंसा की निंदा की है. वहीं नाबालिग लड़के पर गोली चलाने वाले पुलिस अधिकारी को हिरासत में ले लिया गया है.
रांस में स्थिति इतनी खराब हो गई है कि साल 2005 के दंगे की याद ताजा हो गई है। उस दौरान तीन हफ्ते तक फ्रांस में स्थिति बेहद नाजुक थी। तत्कालीन राष्ट्रपति जैक शिराक ने राज्य में इमरजेंसी लगा दी थी। उस हिंसा को लेकर 6000 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस से छिपने के कारण बिजली सबस्टेशन में करंट लगने से दो युवाओं की मौत के बाद हिंसा की लहर पेरिस के क्लिची-सूस-बोइस में भड़की थी और देखते ही देखते पूरे देश में फैल गई थी। 10 साल बाद इस मामले में दो पुलिसवालों पर कार्रवाई की गई थी।