Smallest Day- आज है साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लम्बी रात, जाने इसके पीछे का विज्ञान

सूर्य के चारों तरफ पृथ्वी के चक्कर लगाने के समय 22 दिसंबर 2022 को सूर्य मकर रेखा पर लंबवत होगा. इससे धरती के उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात होगी. अगर आप मध्य भारत की बात करें तो वहां पर सूर्योदय सुबह 7.05 मिनट पर होगी. सूर्यास्त शाम को 5.46 मिनट पर होगी. यानी दिन का समय 10 घंटे 41 मिनट होगा. और रात का समय 13 घंटे 19 मिनट.

Smallest Day- आज है साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लम्बी रात, जाने इसके पीछे का विज्ञान

इस साल का सबसे छोटा दिन आज है. यानी 22 दिसंबर 2022 को. वजह खगोलीय घटनाक्रम है. वो भी समझाएंगे. लेकिन पहले आप ये समझें कि आज आपका दिन 10 घंटे 41 मिनट का होगा और रात 13 घंटे 19 मिनट की. हालांकि आपके स्थान पर भी निर्भर करता है रोशनी और अंधेरे का समय.  

ये फेनोमेनन सिर्फ धरती के नॉर्थेर्न हेमिस्फेयर में ही होती है. साउथर्न हेमिस्फेयर में बिलकुल इसके विपरीत चीज़े रहती है. बता दें कि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक के समय को दिन कहा जाता है. 

सूर्य के चारों तरफ पृथ्वी के चक्कर लगाने के समय 22 दिसंबर 2022 को सूर्य मकर रेखा पर लंबवत होगा. इससे धरती के उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात होगी. अगर आप मध्य भारत की बात करें तो वहां पर सूर्योदय सुबह 7.05 मिनट पर होगी. सूर्यास्त शाम को 5.46 मिनट पर होगी. यानी दिन का समय 10 घंटे 41 मिनट होगा. और रात का समय 13 घंटे 19 मिनट.

दरअसल पृथ्वी लगातार सूर्य के चक्कर लगती है. 22 दिसंबर के दिन पृथ्वी और सूर्य की पोजीशन कुछ ऐसी रहती है की सूर्य , मकर रेखा के सीध में होता है. इस दिन सूर्य की रोशनी का एंगल 23 डिग्री 26 मिनट 17 सेकेंड दक्षिण की तरफ होगी. अगले साल 21 मार्च सूर्य विषुवत रेखा पर होगा, तब दिन-रात बराबर समय के होंगे. इसे अंग्रेजी में विंटर सॉल्सटिस कहते हैं. इस वजह से नॉर्थेर्न हेमिस्फेयर के देशों तक सूर्य की रोशनी लम्बे समय तक नहीं पहुंच पाती है. यहीं कारण होता है कि नॉर्थेर्न हेमिस्फेयर के देशों में 22 दिसंबर को सबसे छोटा दिन होता है. 

वैज्ञानिकों के मुताबिक, 22 दिसंबर को सूर्य कर्क रेखा की ओर से मकर रेखा की ओर दक्षिण की तरफ बढ़ता है. इस दिन से बर्फ़बारी में और तेज़ी आती है साथ ही मैदानी इलाकों में भी ठण्ड अधिक होने लगती है. इस दिन को  विंटर सॉल्सटिस भी कहते है. सॉल्सटिस एक लैटिन शब्द है जो सोल्स्टिम से बना है. लैटिन शब्द सोल का अर्थ होता है सूर्य जबकि सेस्टेयर का अर्थ होता है स्थिर खड़ा रहना.  इन दोनों शब्दों को मिलाकार सॉल्सटिस शब्द बनता है जिसका अर्थ होता है सूर्य का स्थिर रहना.

विंटर सॉल्सटिस के दौरान साउथर्न हेमिस्फेयर में सूर्य की किरणें अधिक पड़ती हैं. साउथर्न हेमिस्फेयर में सूर्य सबसे ज्यादा देर तक रहता है और इस इलाके में पड़ने वाले देशों में इस दिन सबसे बड़ा दिन होता है. अर्जेंटिना, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में इस दिन से गर्मी की शुरुआत हो जाती है.