Solar Eclipse-सूर्य ग्रहण सूर्य ग्रहण दुष्प्रभाव से कैसे बचेंगे Predictions & Remedies सरल उपाय से बच सकेंगे

इस वीडियो के अंत मे ग्रहण से होने वाले दुष्प्रभाव से बचने के लिए कुछ उपायों की चर्चा की गयी है जिनके द्वारा आप अपने परिवार और आसपास के वातावरण को सुरक्षित कर सकते है ज्योतिष मे ग्रहण के बनने वाले गृह स्थिति से आने वाले ६ माह के राजनीतिक सामाजिक आर्थिक मौसम और आमजन जीवन पर होने वाले असर की भविष्यवाणी करने की सदियों पुरानी परंपरा रही है ज्योतिष से यह बताया जा सकता है कि जब एक माह मे दो ग्रहण से अधिक हो रहे हो साथ ही पाप गहो का भी उन पर प्रभाव पड़ रहा हो तो वह समय जनता के लिए कैसा होगा

ग्रहण शुभ फल लेकर नहीं आते हैं. ये भविष्य में आने वाली परेशानियों के बारे में भी इंगित करते हैं.

देशकाल की बात करें तो एक माह में दो ग्रहण प्राकृतिक आपदाओं का भी कारण बनते हैं. इसके अतिरिक्त सीमा विवाद, तनाव जैसी स्थिति की तरफ भी इशारा करते हैं. दो ग्रहण कई क्षेत्रों में हानि का सूचक भी होता है.

वैज्ञानिक आधार से ग्रहण सिर्फ एक खगोलीय घटना है जिसका प्रायः कुछ लोग बड़ी तत्परता से आनंद उठाते है लेकिन सनातन धर्म मे ग्रहण काल मे कुछ शुभ काम करना ग्रहण होते हुए देखना इसके अलावा भी कई कार्य वर्जित बताये गए है जिन्हे कुछ तथाकथित आधुनिक सोच वाले अब तक परिहास का विषय समझा करते थे लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना ने समूचे विश्व को एक बार फिर से हमारे सनातन धर्म स्वस्थ जीवन जीने के लिए बनाये गए सिद्धांतो को पुनः अपनाने के लिए विवश किया

एक व्याहारिक बात स्वयं सोचिये कि क्या जब हमको हमारे सामने किसी व्यक्ति जीव जंतु या किसी  भी अन्य को कोइ कष्ट पहुंच रहा हो या वो मुसीबत मे हो या फिर वो किसी पीड़ा से गुजर रहा हो तो क्या हम सुख का अनुभव करते है या हमें ऐसी  प्रसन्नता होती की दूसरे का कष्ट देखकर हम कह उठे वाह क्या सुन्दर नज़ारा है कितना सुन्दर दृश्य है वाह वाह

ऐसा ही ग्रहण काल भी है ग्रहण से सूर्य चन्द्रमा का क्षय होता है उनकी ऊर्जा का ह्रास की प्रक्रिया होती है वो भी कष्टकारी प्रक्रिया से गुजरते है इसीसलिए ग्रहण काल की घटना को देखना वर्जित बताया गया है धर्म  के अनुसार यह समय पूजा मंत्र जाप और ग्रहण से होने वाले दुष्प्रभाव से बचने का समय होता है  ज्योतिष शास्त्र मे इससे होने वाले नुक्सान से बचने के लिए कई सरल उपाय बताये गए है जिनका सामूहिक पालन करने से विश्व व्यापी संकट को दूर किया जा सकता है

गोचर में शनि और गुरु मकर राशि में स्थित हैं। 58 वर्षों बाद इस प्रकार का ग्रहण, छह ग्रहों की धनु राशि मे युति के साथ होगा। इसके पहले फरवरी 1962 में भारत-चीन युद्ध के समय भी इन दोनों ग्रहों की यही स्थिति थी। उस समय भी चीन ने मंगल-शनि की दशा में भारत पर धोखे से हमला किया था मकर राशि मे 7 ग्रहों की युति बनी थी। यानी इस तरह के ग्रहण का हिंसात्मक और राजनीतिक असर प्रभावशाली होता है। वर्तमान में भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा पर चल रहे तनाव के बीच यह सूर्य ग्रहण मेदिनी ज्योतिष के दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील है। 26 दिसंबर 2019 को धनु राशि में हुए सूर्य ग्रहण के बाद विश्वभर में फैली कोरोना महामारी से जहां लाखों लोगों की जान गई है। वहीं अमेरिका और चीन के बीच शीत-युद्ध छिड़ने से वैश्विक राजनीति में अब बड़े बदलाव नजर आ रहे हैं जिसमें भारत की एक महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। भारत और चीन के बीच सीमा पर बढते तनाव के मद्देनजर 21 जून को लगने वाले ग्रहण शुभ संकेत नहीं दे रहा है 

इस वीडियो के अंत मे ग्रहण से होने वाले दुष्प्रभाव से बचने के लिए कुछ उपायों की चर्चा की गयी है जिनके द्वारा आप अपने परिवार और आसपास के वातावरण को सुरक्षित कर सकते है

ज्योतिष मे ग्रहण के बनने वाले गृह स्थिति से आने वाले ६ माह के राजनीतिक सामाजिक आर्थिक मौसम और आमजन जीवन पर होने वाले असर की भविष्यवाणी करने की सदियों पुरानी  परंपरा रही है ज्योतिष से यह बताया जा सकता है कि जब एक माह मे  दो ग्रहण से अधिक हो रहे हो साथ ही पाप गहो का भी उन पर प्रभाव पड़ रहा हो तो वह समय जनता के लिए कैसा होगा इस वर्ष आषाढ़ के महीने में ५  जून से 5 जुलाई के बीच तीन ग्रहण  लग रहे है यानि ३० दिन या एक माह की अवधि मे ३ ग्रहण  इस स्थिति में संपूर्ण विश्व में बड़ी उथल-पुथल मचेगी  भारत और विश्व के लिए 21 जून का सूर्य ग्रहण बेहद संवेदनशील है  मिथुन राशि में होने जा रहे इस ग्रहण के समय मंगल जलीय राशि मीन में स्थित होकर सूर्य, बुध, चंद्रमा और राहु को देखेंगे जिससे अशुभ स्थिति का निर्माण होगा। इसके अलावा ग्रहण के समय 6 ग्रह शनि, गुरु, शुक्र और बुध वक्र होंगे। राहु केतु हमेश वक्र चलते हैं इसलिए इनको मिलकर कुब 6 ग्रह वक्री रहेंगे, जो शुभ फलदायी नहीं है। इस स्थिति में संपूर्ण विश्व में बड़ी  उथल-पुथल मचेगी।ग्रहण के समय इन बड़े ग्रहों का वक्री होना प्राकृतिक आपदाओं जैसे अत्यधिक वर्षा, समुद्री चक्रवात, तूफान, महामारी आदि से जन-धन की हानि कर सकता है इस वर्ष मंगल जल तत्व की राशि मीन में पांच माह तक रहेंगे ऐसे में वर्षा काल में आसामान्य रूप से अत्यधिक वर्षा और महामारी का भय रहेगा। ग्रहण के समय शनि और गुरु का मकर राशि में वक्री होना इस बात की आशंका को जन्म दे रहा है कि चीन के साथ पश्चिमी देशों के संबंध बेहद खराब हो सकते हैं।शनि, मंगल और गुरु इन तीनों ग्रहों के प्रभाव से विश्व में आर्थिक मंदी का असर एक वर्ष तक बना रहेगा।

सूर्य ग्रहण का समय
ग्रहण प्रारम्भ काल: 10:20
परमग्रास:12:02
ग्रहण समाप्ति काल:13:49
खण्डग्रास की अवधि: 03 घण्टे 28 मिनट्स 36 सेकण्ड्स
अधिकतम परिमाण: 0.95
सूर्य ग्रहण का सूतक काल
सूतक प्रारम्भ: 21:52, जून 20
सूतक समाप्त: 13:49

 

इस सूर्य ग्रहण से पूरी दुनिया प्रभावित होगी बृहस्पति /गुरु से प्रभावित यह सूर्य ग्रहण गर्मी के महीने मे  लग रहा है अतः इसका काफी उथल-पुथल करने वाला प्रभाव वातावरण व जनमानस में दिखेगा .

भारत में प्राकृतिक-आपदा आने की प्रबल संभावना होगी । इसके कारण पर्यावरण के पांच तत्वों में से अग्नि और जल तत्व का असंतुलन दिखेगा ।

शरीर के प्रमुख पंच-तत्व में से दो..जल और अग्नि तत्वों के प्रभावित होने से पूरी शरीर की क्रिया विज्ञान प्रभावित होगी ।इस ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों के सभी व्यक्तियों पर पड़ेगा ।

हमने प्रगति के कीर्तिमान स्थापित किए हैं लेकिन कीर्तिमान स्थापित हो गए हैं विनाश के भी

हमें चेतावनी देती प्राकृतिक आपदाएं ग्लोबल वार्मिंग धरती पर बढ़ता तापमान, पिघलते ग्लेशियर, बढ़ते तूफान, विलुप्त होती वनस्पतियां,जीव जंतुओं की प्रजातियां यहां तक कि वैश्विक महामारी से मानव जाति तक संकट आ चुका है यह है हमारे विकास के साथ प्रकृति के प्रति हुई लापरवाही का परिणाम है

हमारे परम श्रद्धेय गुरुवर Shri Maha Shakti Dham Shri Shri Maa Anand Ashram  की इक्षानुसार समस्त विश्व एवं जनमानस के कल्याण के लिए इस वीडियो को देख रहे सभी भाई बहनो के लिए उनकी जन्मराशि नामराशि से व्यक्तिगत लाभकारी उपायों के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी देने के लिए विशेष अभियान का प्रयोजन किया जा रहा है अगर आप भी अपना और अपने परिवार के लिए लाभकारी फलदायक उपायों के बारे मे इक्षुक  है तो video ke neeche comment section mai  जन्म विवरण और फोटो १७ जून तक भेज सकते है इसके बाद क्रमनुसार आपको व्यक्तिगत रूप से आप और आपके परिवार के लिए फलदायी उपायों को भेज दिया जायेगा जिसे पूरी श्रद्धा और विस्वास के साथ करने से अवश्य लाभदायी फल प्राप्त हो सकेंगे

हमारी प्रार्थना विश्व के सभी  प्रतिष्ठित, सम्मानित,  धर्म नेताओं, धर्म गुरु, शंकराचार्य , स्वामियों, सन्यासियों आदि से है आप पौराणिक मान्यताओं को फिर से प्रचलित, प्रचारित,प्रसारित करें सबसे बड़ा पुण्य वृक्षारोपण एवं प्रदूषण नियंत्रण को बताते हुए कुछ व्याख्यान दें समस्त पूजा-पाठ ,योग,जप,तप,दान से बढ़कर प्राचीन धार्मिक उपदेश फिर से प्रचारित प्रसारित करने का प्रयास करें

जल ,वायु ,धरती ,अग्नि, आकाश में प्रदूषण सबसे बड़ा पाप है इसका व्यापक प्रचार करें और पर्यावरण को शुद्ध रखने को प्रेरित करें यदि ऐसा न किया गया

तो धरती पर

न हिंदू बचेगा

न मुसलमान बचेगा

फ़िर चारों तरफ

सिर्फ कोहराम ही कोहराम मचेगा