दिवाली की अमावस्या पर लग रहा सूर्यग्रहण, गणेश लक्ष्मी पूजन पर क्या होगा इसका असर, किन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव

सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि को होता है और दिवाली भी अमावस्या तिथि को होती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि दीपावली का त्यौहार हर साल कार्तिक अमावस्या को होता है और कार्तिक अमावस्या 24 अक्टूबर को शाम शाम 5:29:35 से शुरू होकर अगले दिन 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 20 मिनट तक रहेगी। सूर्य ग्रहण को लेकर एक नियम है कि ग्रहण शुरू होने के 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है।

दिवाली की अमावस्या पर लग रहा सूर्यग्रहण, गणेश लक्ष्मी पूजन पर क्या होगा इसका असर, किन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव

सनातन हिन्दुओ के सबसे बड़े प्रकाश उत्सव वाले त्योहार, दिवाली आने में अब केवल कुछ ही दिन बचे हैं. और पंचांग के अनुसार इस वर्ष का पूरा कार्तिक मॉस बहुत खास रहने वाला है. सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि को होता है और दिवाली भी अमावस्या तिथि को होती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि दीपावली का त्यौहार हर साल कार्तिक अमावस्या को होता है और कार्तिक अमावस्या 24 अक्टूबर को शाम  शाम 5:29:35 से शुरू होकर अगले दिन 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 20 मिनट तक रहेगी। सूर्य ग्रहण को लेकर एक नियम है कि ग्रहण शुरू होने के 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। 

सनातन हिन्दू पंचांग के अनुसार चूँकि कार्तिक अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर शाम 5:29:35 से शुरू होगी,  इसलिए विद्वानों के सर्व समवत मतानुसार इस साल दीपावली की महालक्ष्मी की पूजा 24 अक्टूबर, सोमवार को है. इस दिन विधि- विधान से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है।  इस दिन विधि-विधान से भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना की जाती है। 

अब बात सूर्य ग्रहण की - 25 अक्टूबर को तुला राशि में सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकगा, अलबत्ता ये सूर्य ग्रहण यूरोप, अफ्रीका महाद्वीप का उत्तरपूर्वी भाग, एशिया का दक्षिण-पश्चिमी भाग अटलांटिक महासागर और उत्तरी हिंद महासागर में देखा जा सकता है। ग्रहण 4 घंटे से अधिक समय तक चलेगा, जिससे इसका प्रभाव भी सभी राशियों पर दिखाई देगा। इस ग्रहण का मोक्ष भारत में दिखाई नहीं देगा क्योंकि सूर्य ग्रहण समाप्त होने से पहले सूर्य अस्त हो जाएगा। 

कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 24 अक्टूबर 2022 शाम 5 बजकर 28 मिनट तक है इसके बाद अमावस्या लग जाएगी। और सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर, मंगलवार को शाम 04 बजकर 23 मिनट से शुरू होगा, जो कि शाम 06 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन होती है और इसी दिन सूर्य ग्रहण है।  चूंकि सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए गोवर्धन पूजा का त्‍योहार मनाने में भी भारत में कोई विघ्न नहीं होगा। 

और यही वजह है दीपावली के समय होने वाली श्री लक्ष्मी गणेश पूजन पर सूर्य ग्रहण या पहले लगने वाले सूतक काल का कोई भी प्रभाव नहीं होगा।  लेकिन दीवाली की रात साधना के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है। इस समय देवी काली की पूजा की जाती है और तंत्र का अभ्यास किया जाता है। महानिशीथ काल 24 अक्टूबर को रात 10 बजकर 55 मिनट से 25 अक्टूबर को रात 1:53 बजे तक रहेगा। दीपावली की रात को सूतक लगने से तंत्र साधना और सिद्धि के लिए यह रात बेहद खास होगी। इस रात्रि जागरण के दौरान मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी होगा।

सूर्य ग्रहण 4 राशियों के लिए ठीक नहीं है. वृषण, मिथुन, कन्‍या और तुला राशि वालों को दिवाली पर लग रहे इस सूर्य ग्रहण के दौरान संभलकर रहना चाहिए।  वृषभ राशि वालों को निवेश से जुड़े सभी नियम मानने होंगे. कहीं पर भी निवेश करते समय खास सावधानी बरतनी होगी.  वृश्चिक राशि वाले भी सूर्य ग्रहण के खराब प्रभावों से बचने के लिए बिजनेस में सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है. मिथुन राशि के लोगों को सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचने के लिए अपने पैसों के खर्चों में कटौती करनी होगी।  

वृषभ - वृषभ राशि वालों को यह सूर्य ग्रहण तनाव दे सकता है।  

मिथुन - मिथुन राशि वालों को नौकरी-व्‍यापार में समस्‍या दे सकता है।  

कन्‍या - कन्‍या राशि वालों को सूर्य ग्रहण के चलते पैसों की तंगी झेलनी पड़ सकती है।  

तुला - तुला राशि वालों को इस सूर्य ग्रहण के कारण सेहत पर बुरा असर हो सकता है। 

कृपया ध्यान दे इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।