जल्द ही योगी सरकार प्रदेशवासियों को देने जा रही है एक और तोहफा, यूपी में छह और नए एक्सप्रेसवे बनेंगे
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में छह और नए एक्सप्रेसवे बनाने जा रही है। इन एक्सप्रेस वे के बनने के बाद यूपी सर्वाधिक एक्सप्रेसवे बनाने वाला देश का पहला राज्य हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में छह और नए एक्सप्रेसवे बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी के समक्ष उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने पर्यटन भवन में बैठक के दौरान इसका प्रस्तुतीकरण किया। इन एक्सप्रेस वे के बनने के बाद यूपी सर्वाधिक एक्सप्रेसवे बनाने वाला देश का पहला राज्य हो जाएगा। प्रदेश में छह एक्सप्रेस वे का निर्माण पूरा हो चुका है और सात अन्य पर तेजी से काम चल रहा है। अब छह और को मिलाकर प्रदेश में कुल 19 एक्सप्रेसवे हो जाएंगे।
गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के तहत पहले चरण में मेरठ से प्रयागराज तक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण का काम स्वीकृत है। उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों हरिद्वार, प्रयागराज व वाराणसी को तीव्र गति से जोड़ा जाएगा। दूसरे चरण में मेरठ से हरिद्वार व प्रयागराज से वाराणसी तक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे निर्माण का प्रस्ताव है।
मंत्री नंदी ने बताया कि गंगा एक्सप्रेस वे का लाभ निकटवर्ती जिलों को भी मिलेगा। एक्सप्रेसवे पर यातायात में बढ़ोतरी के लिए गंगा एक्सप्रेसवे से शाहजहांपुर बरेली होते हुए रामपुर, रुद्रपुर उत्तराखंड सीमा में एक एक्सप्रेसवे का निर्माण कराने का प्रस्ताव है। चित्रकूट से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के मध्य बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जा चुका है, यदि चित्रकूट धाम को प्रयागराज होते हुए गंगा एक्सप्रेस वे से जोड़ दिया जाता है तो पश्चिमी व पूर्वी यूपी और बुंदेलखंड से आने वालों को काफी सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में निर्देश दिए थे कि औद्योगिक विकास के मद्देनजर दूरदराज के इलाकों को जोड़ने के लिए कुछ और एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जाना जरूरी है। इसी क्रम में औद्योगिक विकास मंत्री ने बताया कि प्रयागराज-वाराणसी, मेरठ-हरिद्वार, गंगा एक्सप्रेसवे से शाहजहांपुर बरेली होते हुए रामपुर, रुद्रपुर उत्तराखंड सीमा तक, चित्रकूट से प्रयागराज, झांसी लिंक एनएच-27 से बुंदेलखंड और विंध्य एक्सप्रेसवे चित्रकूट से मिर्जापुर का निर्माण कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मिर्जापुर को कालीन और पीतल के बर्तन के लिए जाना जाता है। विंध्याचल, अष्टभुजा और काली खोह के पवित्र मंदिर और देवरहा बाबा के आश्रम के लिए भी प्रसिद्ध है। कई झरने, पहाड़ियों जैसे कई प्राकृतिक स्थलों के बाद भी यह अत्यंत पिछड़े जिलों में शामिल है। प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के बनने से पश्चिमी यूपी व बुंदेलखंड के बीच सुगम यातायात की सुविधा हो जाएगी। बैठक में यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास अरविंद कुमार, सीईओ इंवेस्ट यूपी अभिषेक प्रकाश समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।