अजीब बीमारी: परिवार के चार सदस्यों को दिन तो दो को रात में नहीं देता दिखाई, सरकारी योजनाओं से हैं वंचित

विकास खंड हनुमानगंज अंतर्गत टकरसन गांव निवासी राम प्रवेश पासी के छह बेटे हैं।

अजीब बीमारी: परिवार के चार सदस्यों को दिन तो दो को रात में नहीं देता दिखाई, सरकारी योजनाओं से हैं वंचित

बलिया थाना क्षेत्र के टकरसन गांव में एक परिवार ऐसा है, जो आंख की अजीब बीमारी से पीड़ित है। आठ सदस्यों वाले इस परिवार के चार सदस्यों को दिन में नहीं दिखाई देता तो दो सदस्यों को रात में नहीं दिखता है। नेपाल, बिहार के छपरा और बलिया जिला अस्पताल में इलाज कराने के बाद भी समस्या जस की तस है।

विकास खंड हनुमानगंज अंतर्गत टकरसन गांव निवासी राम प्रवेश पासी के छह बेटे हैं। इनमें हरि पासी (35), रामू (27), भानू (22), जयराम (20) को दिन में नहीं दिखाई देता है। सुनीता देवी (30) पत्नी रामू पैर से विकलांग हैं।

सुनील (34) और राज बहेलिया (18) को रात में नहीं दिखाई देता। इस परिवार के पास न तो छत है और न ही राशन कार्ड। उज्ज्वला गैस, शौचालय समेत अन्य सरकारी योजनाओं की सुविधा भी अब तक इस परिवार को नहीं मिल पाई हैं। 

परिवार के लोगों ने पीड़ितों का नेपाल, छपरा और जिला अस्पताल सहित कई नेत्र अस्पतालों में इलाज कराया, लेकिन कहीं राहत नहीं मिली। परिजनों ने बताया कि पीड़ितों को बचपन से ही कम दिखाई देने लगा था। किशोरावस्था आते-आते बीमारी चरम पर पहुंच गई। परिवार के मुखिया जैसे तैसे रिक्शा चलाकर सभी का पालन पोषण करते हैं। अगर रिक्शा लेकर वह शाम को कहीं फंस जाते हैं तो घर पहुंचना किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होता। 

परिजनों ने बताया कि वे सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। कहा कि विभागीय अधिकारियों को कई बार अवगत्त कराया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। परिवार परेशान है। सरकारी मदद मिले तो जीवन आसान हो जाएगा। 

क्या बोले अधिकारी
मरीजों को देखने और जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि इतने लोगों की रोशनी कैसे चली गई। जिला अस्पताल में इलाज की बेहतर व्यवस्था है। इलाज हो सकता है। -डॉ. बीपी सिंह, नेत्र चिकित्सक, जिला अस्पताल

मेरे पास कोई भी आवेदन नहीं आया है। सचिव को भेज कर राशन कार्ड, पेंशन व आबास सहित अन्य सरकारी सुविधाएं दिलाने का प्रयास करूंगा। अगर नेत्रहीन हैं तो उनको सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। -सूर्य प्रकाश, बीडीओ, हनुमानगंज