मुख्यमंत्री बनते ही सुखविंदर सिंह बोले- पहली कैबिनेट बैठक में लागू करेंगे पुरानी पेंशन योजना
मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, हमने 10 गारंटी दी है और हम उनको लागू करेंगे। हम पारदर्शी और ईमानदार सरकार चलाएंगे। पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) को लागू किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पहली कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाएगा। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, हमने 10 गारंटी दी है और हम उनको लागू करेंगे। हम पारदर्शी और ईमानदार सरकार चलाएंगे। पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) को लागू किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का वादा किया था। राज्य में 2.5 लाख सरकारी कर्मचारी हैं, जिनमें से करीब 1.5 लाख नई पेंशन योजना में आते हैं। 1 अप्रैल 2004 से देश में पुरानी पेंशन स्कीम बंद कर दी गई थी, जिसमें सरकार पेंशन का पूरा पैसा देती है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुताबिक, पुरानी पेंशन योजना हिमाचल में कांग्रेस की सफलता में बेहद अहम रही। प्रेस कॉन्फ्रेंस में ओपीएस को गहलोत ने 'समाज के लिए जरूरी मुद्दा' बताया था। उन्होंने कहा था, 'हर शख्स को जीने का अधिकार है. ओपीएस में लोगों को पर्याप्त पेंशन मिलती है। मैं केंद्र सरकार से गुजारिश करता हूं कि पूरे देश में ऐसी स्कीम लागू करें। '
बता दे नवनियुक्त मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने वायदे के अनुसार पहली कैबिनेट में पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लागू करेगी। उन्होंने कहा कि इस बारे में अधिकारियों से चर्चा होगी। उनसे ओपीएस के लोग मिले हैं। उन्होंने कहा कि जहां कानून और नियमों को बदलने की जरूरत होगी, उन्हें बदला जाएगा और एक पारदर्शी प्रशासन देने का प्रयास होगा।
रविवार को शपथ ग्रहण करने के बाद सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पूरी कैबिनेट का विस्तार होगा। पहली कैबिनेट में सभी प्रकार की गारंटी योजनाओं को लागू करने पर फैसले लिए जाएंगे। उसके बाद ही व्यवस्थागत ढंग से गारंटी योजनाएं लागू होंगी। उन्होंने दस की दस की गारंटी दी हैं।
उन्होंने कहा कि पहाड़ में सुक्खू नहीं और अब जनता की सरकार है। वह उन लोगों मेें हैं, जो आम घरों से निकले हैं। सीएम पद की बागडोर संभालने के बाद पहले व्यवस्था को समझना पडे़गा। वे आम घरों से निकले हुए लोग हैं और सत्ता के लिए नहीं आए हैं। अभी प्रशासनिक जिम्मेवारियों को समझना होगा। उसके बाद जो भी फैसले करेंगे, वे आने वाले समय में सार्वजनिक होंगे।