SC/ST Act मामले में गिरफ्तार डॉक्टर आनंद राय को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत
मध्य प्रदेश सरकार के विरोध के बावजूद डॉ आनंद राय को जमानत मिली है. मध्य प्रदेश सरकार की ओर से SG तुषार मेहता ने कहा उनके खिलाफ व्यापम से पहले भी केस हैं. आनंद राय की ओर से कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि इन चारों मामलों में वो बरी हो चुके हैं .
SC/ST एक्ट मामले में गिरफ्तार व्यापम घोटाले के व्हिसलब्लोअर डॉ आनंद राय को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट जमानत की शर्तें तय करेगी. बता दें मध्य प्रदेश सरकार के विरोध के बावजूद डॉ आनंद राय को जमानत मिली है. मध्य प्रदेश सरकार की ओर से SG तुषार मेहता ने कहा उनके खिलाफ व्यापम से पहले भी केस हैं. आनंद राय की ओर से कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि इन चारों मामलों में वो बरी हो चुके हैं .
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट जमानत की शर्तें तय करेगा. CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने रिहाई के लिए जमानत शर्त तय करने के लिए मध्य प्रदेश की निचली अदालत को कहा है. कोर्ट ने कहा कि जिस अदालत में मुकदमा चल रहा है, जमानत की शर्तें भी वहीं से तय की जाएंगी.
बता दें कि व्यापम घोटाले में शामिल डॉक्टर आनंद राय को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने भी जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया था. इसे चुनौती देते हुए डॉक्टर आनंद राय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और याचिका दायर की थी. वहीं, मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर जमानत याचिका खारिज करने की मांग की है.
राज्य सरकार ने कहा है कि उसने याचिकाकर्ता की आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच की है. अब तक उसके नाम पर 7 FIR दर्ज की जा चुकी है. याचिकाकर्ता द्वारा 'व्यापम घोटाले का खुलासा करने का बदला लेने की बात झूठी है, क्योंकि व्यापम 2008 में प्रकाश में आया. जबकि साल 1999, 2000 और 2004 में चार FIR दर्ज होने का पता चला है. आनंद राय के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने से हुई हिंसा पर पुख्ता सबूत हैं. इनके कारण ही राज्य में शांति व्यवस्था बिगड़ी और अफसरों पर हमला हुआ था.
बता दे मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से जमानत न मिलने पर डॉक्टर आनंद राय ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की है. राय पर रतलाम में हुई हिंसा के बाद अन्य धाराओं के साथ- साथ अनुसूचित जाति जनजाति प्रताड़ना निरोधक कानून के तहत मुकदमा दर्ज किए गए हैं. पिछले साल 15 नवंबर 2022 को उनको गिरफ्तार किया गया था. तभी से वो जेल में हैं. 12 दिसंबर 2022 को मध्य प्रदेश की इंदौर बेंच ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट में आनंद राय की ओर से कपिल सिब्बल, विवेक तन्का और समीर सोंढी पेश हुए हैं.