Supreme Court का निर्देश- हल्द्वानी में फिलहाल नहीं हटाए जाएंगे 4000 परिवारों के आशियाने
उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की 78 एकड़ जमीन से 4000 परिवारों को बेदखल करने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद 4000 परिवारों के आशियानों को फिलहाल नहीं उजाड़ा जाएगा।
उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की 78 एकड़ जमीन से 4000 परिवारों को बेदखल करने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद 4000 परिवारों के आशियानों को फिलहाल नहीं उजाड़ा जाएगा। बता दें कि जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस. ओक की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ वकील कोलिन ने बहस की शुरुआत की।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 60 साल से जो लोग रह रहे है उनके लिए पुनर्वास योजना लायी जाय। सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय कौल ने कहा इस मामले में मानवीय पक्ष को भी ध्यान में रखना चाहिए। और साथ ही इस मामले को निपटने में स्थायी समाधान की जरूरत है।
रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि यह सब अचानक नहीं हो गया है, अचानक ही कोई कार्यवाही नहीं शुरू हुई है। केंद्र की तरफ से पुनर्वास योजना चल रही है लेकिन यहाँ के लोग जगह छोड़ना नहीं चाहते है।
उत्तराखंड कांग्रेस के शीर्ष नेता सुप्रीम कोर्ट में मौजूद रहे। कांग्रेस ने इस मुद्दे को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना दिया है। बुधवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, कांग्रेस विधायक दल के उपनेता भुवन कापड़ी, हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश, उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप, विजय सारस्वत दिल्ली पहुंचे थे।
इस विवाद की शुरुआत उत्तराखंड हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद हुई। इस आदेश में रेलवे स्टेशन से 2.19 किमी दूर तक अतिक्रमण हटाए जाने का फैसला दिया गया। खुद अतिक्रमण हटाने के लिए सात दिन की मोहलत दी गई थी। जारी नोटिस में कहा गया है कि हल्द्वानी रेलवे स्टेशन 82.900 किमी से 80.710 किमी के बीच रेलवे की भूमि पर सभी अनाधिकृत कब्जों को तोड़ा जाएगा।