तिरुपति मंदिर की पूजा पद्धति में हस्तक्षेप से सुप्रीम कोर्ट का इंकार चीफ जस्टिस ने कह दी ये बड़ी बात
चीफ जस्टिस ने कहा था कि मैं, मेरे भाई, मेरी बहन सब बालाजी के भक्त हैं। हम सभी पूजा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि देवस्थानम परंपराओं का ख्याल रखेगा और सभी अनुष्ठानों और रीति रिवाजों का पालन करेगा। National-news, Badi-khbar, supreme-court, cji, Tirupati, Tirupati-balaji, mandir-case, तिरुपति मंदिर की पूजा पद्धति में हस्तक्षेप से सुप्रीम कोर्ट का इंकार चीफ जस्टिस ने कह दी ये बड़ी बात,
भारत की सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति बालाजी मंदिर की पूजा पद्धति में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप करने से मना कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में पूजा कैसे हो, यह तय करना अदालत का काम नहीं है. कोर्ट ने कहा कि नारियल कैसे तोड़ें? आरती कैसे करें? ये अदालत तय नहीं कर सकती, मंदिरों के अनुष्ठानों में संवैधानिक अदालतें हस्तक्षेप नहीं दे सकतीं.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया एन वी रमन्ना ने कहा कि
यदि कोई कमी है तो हम उन्हें इसे ठीक करने के लिए कह सकते हैं. लेकिन हम दिन-प्रतिदिन पूजा करने के तरीके में हस्तक्षेप नहीं कर सकते. पूजा की रस्मों में अदालतें कैसे हस्तक्षेप कर सकती हैं?
याचिका बालाजी मंदिर के एक श्रद्धालु सिवरा दादा ने दायर की थी। 29 सितंबर को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा था कि
यह मौलिक अधिकारों का मामला है। तिरुपति मंदिर में पूजा कैसे हो रही है, यही सवाल है।
तब चीफ जस्टिस ने पूछा था कि
क्या हम पूजा में हस्तक्षेप कर सकते हैं कि इसे कैसे आयोजित किया जाए।
चीफ जस्टिस ने कहा था कि मैं, मेरे भाई, मेरी बहन सब बालाजी के भक्त हैं। हम सभी पूजा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि देवस्थानम परंपराओं का ख्याल रखेगा और सभी अनुष्ठानों और रीति रिवाजों का पालन करेगा।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में तिरुपति बालाजी मंदिर में पूजा को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई उस समय रोचक हो गई जब चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया एन वी रमन्ना ने याचिकाकर्ता से तेलूगू में बात करनी शुरु कर दी थी.
इससे पहले चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया एन वी रमन्ना ने याचिकाकर्ता सिवरा दादा से अंग्रेजी में कहा था कि
आप भगवान बालाजी के भक्त हैं. बालाजी के भक्तों में धैर्य होता है. आपके पास धैर्य नहीं है. आप बार-बार SC रजिस्ट्री से संपर्क करते हैं. हर दिन रजिस्ट्री को याचिका सूचीबद्ध करने की धमकी देते हैं, कहते हैं कि मैं मर जाऊंगा अगर केस नहीं लगाया. आप इसे इस तरह नहीं कर सकते. संस्थान की पवित्रता बनाए रखें.
चीफ जस्टिस ने कहा है कि मैं, मेरे भाई, मेरी बहन, हम सब बालाजी के भक्त हैं. हम सभी पूजा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि देवस्थानम परंपराओं का ख्याल रखेगा और सभी अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों का पालन करेगा, लेकिन ऐसा नहीं किया जाना चाहिए कि रजिस्ट्री पर दबाव बनाया जाए.