पंजाब सरकार के मंत्रियों का शपथ ग्रहण, मान मंत्रिमंडल में वकील-डॉक्टर-इंजीनियर से लेकर किसान तक

शुक्रवार रात को ही मुख्यमंत्री मान ने अपने कैबिनेट सहयोगियों की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। मान के इस मंत्रिमडंल में लगातार दूसरी बार जीते दो विधायक शामिल हैं। भगवंत मान ने होली की शाम खुद ट्वीट कर अपने मंत्रियों के नामों का एलान किया। पहली बार सीएम बने मान ने नए मंत्रिमंडल में हर वर्ग और क्षेत्र को साधा है।

पंजाब सरकार के मंत्रियों का शपथ ग्रहण, मान मंत्रिमंडल में वकील-डॉक्टर-इंजीनियर से लेकर किसान तक

पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने सिपहसालार चुन लिए हैं। पंजाब को आज नया कैबिनेट मिल रहा है। भगवंत मान ने होली की शाम खुद ट्वीट कर अपने मंत्रियों के नामों का एलान किया। पहली बार सीएम बने मान ने नए मंत्रिमंडल में हर वर्ग और क्षेत्र को साधा है। उनकी कैबिनेट में दलित, महिला और हिंदू वर्ग को जगह मिली है। भगवंत मान मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों में दो मंत्री केवल दसवीं पास हैं। 10वीं पास मंत्रियों में अजनाला से जीते कुलदीप सिंह धालीवाल और भोआ से जीते लाल चन्द शामिल हैं। चुनावी हलफनामे में धालीवाल ने खुद को किसान तो लाल चन्द को खुद को समाजसेवी बताया है। 12वीं पास मंत्रियों में पट्टी से जीते लाल जीत सिंह भुल्लर और होशियारपुर से जीते ब्रम शंकर शामिल हैं।  मुख्यमंत्री भगवंत मान भी 12वीं पास हैं।

 

कैबिनेट में शामिल 10 में से आठ मंत्री करोड़पति हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान भी करोड़पति हैं। यानी, कैबिनेट में कुल 9 करोड़पति मंत्री हैं। सिर्फ लाल चन्द और गुरमीत मीत हेयर ऐसे मंत्री हैं जो करोड़पति नहीं हैं। लाल चन्द कैबिनेट के सबसे गरीब मंत्री हैं। उनके पास केवल 6.19 लाख रुपये की संपत्ति है। वहीं गुरमीत मीत हेयर के पास 44.06 लाख की संपत्ति है। ब्रम शंकर कैबिनेट के सबसे अमीर मंत्री हैं। 56 साल के शंकर के पास 8.56 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति है। 

हरपाल सिंह चीमा - दिड़बा से लगातार दूसरी बार विधायक बने चीमा विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रहे हैं। चीमा वकील रहे हैं और आम आदमी पार्टी के साथ शुरू ही जुड़े रहे हैं। वे पार्टी के बड़े दलित नेता माने जाते हैं। 

डॉ. बलजीत कौर - डॉ. बलजीत कौर फरीदकोट से आप के पूर्व सांसद प्रो. साधु सिंह की बेटी हैं और मलोट से विधायक का चुनाव जीती हैं। वे नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं। 

हरभजन सिंह - हरभजन सिंह जंडियाला से विधायक हैं। वे 2012 में ईटीओ बने थे और 2017 में स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। 

डॉ. विजय सिंगला - मानसा से विधायक बने डॉ. सिंगला ने प्रसिद्ध पंजाबी गायक और कांग्रेस उम्मीदवार सिद्धू मूसेवाला को मात दी थी। वे पेशे से डेंटल सर्जन हैं

लालचंद कटारूचक्क - लाल चंद भोआ से विधायक का चुनाव जीते हैं। वे समाजसेवी हैं और पहली बार ही चुनाव जीते हैं। उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता जोगिंदर पाल को मात दी थी। 

गुरमीत सिंह मीत हेयर - मीत हेयर लगातार दूसरी बार बरनाला से विधायक बने हैं। वे बीटेक के बाद दिल्ली आईएएस की तैयारी करने गए थे। वहीं अन्ना हजारे आंदोलन से जुड़े और बाद में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। मीत हेयर 32 साल के हैं।

हरजोत सिंह - श्री आनंदपुर साहिब से हरजोत सिंह बैंस ने पंजाब विधानसभा स्पीकर राणा केपी सिंह को मात दी थी। लंदन से पढ़े हरजोत सिंह वकील हैं। पिछली बार वे साहनेवाल से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे। आम आदमी पार्टी की यूथ विंग के प्रधान भी हैं। 

लालजीत भुल्लर - भुल्लर ने पट्टी से आदेश प्रताप सिंह कैरों को मात दी थी। कैरों प्रकाश सिंह बादल के दामाद हैं। पट्टी की अनाज मंडी में आढ़त का काम करने वाले लालजीत सिंह भुल्लर किसी समय कैरों के करीबी होते थे। 


ब्रह्म शंकर जिम्पा - जिंपा ने होशियारपुर से मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा को मात दी थी। ब्रह्मशंकर का अपना बिजनेस है। वे छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े हुए हैं। वे 25 साल पार्षद रह चुके हैं। 

कुलदीप सिंह धालीवाल - अजनाला से विधायक बने कुलदीप सिंह धालीवाल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज है। वे बागवानी करते हैं। धालीवाल अपने गांव में हाशिम शाह मेला आयोजित करवाते रहते थे। उसमें पूरे पंजाब से कलाकार हिस्सा लेते थे। सात साल पहले वे आप से जुड़े थे। 2017 में उन्हें टिकट नहीं मिला था। 2019 में गुरदीप औजला के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन वे हार गए थे।