एक AI, तो इंडिया-अमेरिका भी है, इसमें भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई है: बोले PM मोदी, अमेरिकी संसद तालियों से गूंजी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा- 'नमस्कार! अमेरिकी संसद को संबोधित करना हमेशा गर्व की बात होती है। यह असाधारण सम्मान है। इस सम्मान के लिए मैं भारत की 1.4 अरब जनता की तरफ से आभार व्यक्त करता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा चल रही हैं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी संसद को संबोधित किया। अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र में पीएम मोदी का संबोधन हो चुका है। संबोधन के बाद अमेरिकी सांसदों और कांग्रेस स्पीकर कैविन मैक्कार्थी ने पीएम मोदी का ऑटोग्राफ लिया।
पीएम ने जय हिंद कहकर अपने संबोधन पर विराम लगाया था। संबोधन के दौरान उन्होंने उप राष्ट्रपति कमला हैरिस की भी प्रशंसा की। पीएम मोदी ने कहा कि अमेरिकी संसद को संबोधित करना हमेशा गर्व की बात होती है। यह असाधारण सम्मान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी संसद के स्पीकर कैविन मैक्कार्थी से मुलाकात की। इस दौरान अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस भी उपस्थित रही । इससे पहले पीएम मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक साथ मीडिया को संबोधित किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा- 'नमस्कार! अमेरिकी संसद को संबोधित करना हमेशा गर्व की बात होती है। यह असाधारण सम्मान है। इस सम्मान के लिए मैं भारत की 1.4 अरब जनता की तरफ से आभार व्यक्त करता हूं। मैं देख पा रहा हूं कि आप में से आधे लोग 2016 में भी थे। मैंने पुराने दोस्तों जैसी गर्मजोशी को महसूस किया। बाकी आधे लोगों में नई दोस्ती का उत्साह महसूस किया।
पीएम ने आगे कहा कि सात वर्ष पहले मैं यहां आया था। तब मैंने कहा था कि इतिहास की हिचक कभी हमारे साथ चलती थी। अब हम नई राह पर खड़े हैं। अब इस शताब्दी का नया आह्वान है। हमने लंबा सफर तय किया है। हमें दोस्ती की परख है। सात बरस पहले जब मैं आया था, तब से अब तक काफी कुछ बदला है। लेकिन भारत-अमेरिका के बीच दोस्ती बरकरार है।
पीएम मोदी ने संयुक्त संबोधन में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मामले में कई बदलाव हुए हैं। इसी के साथ-साथ एक और एआई यानी अमेरिका-इंडिया के मामले में भी बड़े पैमाने पर बदलाव हुए हैं। लोकतंत्र की खूबसूरती लोगों के साथ सतत जुड़ाव, उनकी बातें सुनने और उन्हें महसूस करने में है।
आज गुरुवार है, आप में से कई लोगों के लिए यात्रा का दिन है। मिस्टर स्पीकर, आपका काम तो बहुत मुश्किल है। मैं सब्र करने, दूसरों को मनाने और नीतियों के बीच संतुलन साधने के संघर्ष को समझ सकता हूं। मुझे खुशी हो रही है कि आप दुनिया के दो महान लोकतंत्र का जश्न मनाने के लिए आज यहां आए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अमेरिका की बुनियाद लोगों के बीच समानता पर टिकी है। आपने दुनियाभर से यहां आए लोगों को अमेरिका के सपने में समान रूप से साझेदार बनाया है। यहां पर लाखों लोग ऐसे हैं, जिनकी जड़ें भारत से हैं।
उनमें से कुछ यहां गर्व के साथ संसद में बैठे हैं। इनमें से ही एक मेरे पीछे भी खड़ी हैं (कमला हैरिस), जिन्होंने इतिहास रच दिया था। मुझे बताया गया है कि समोसा कॉकस का जायका अब संसद में नजर आता है। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही विविध भारतीय पकवान भी यहां नजर आएंगे।
इतिहास में देखें तो एक बात साफ है कि लोकतंत्र ही वह जज्बा है, जो समानता लाता है। लोकतंत्र ही चर्चा और विमर्श को बढ़ावा देता है। लोकतंत्र ही विचारों और अभिव्यक्ति को मौका देता है। भारत तो लोकतंत्र की जननी है।
एकम सत, विप्रा बहुधा वदन्ति। यानी सच एक है, बुद्धिमान लोग इसे अलग-अलग तरह से कहते हैं। भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत-अमेरिका मिलकर दुनिया को बेहतर भविष्य दे सकते हैं।
पीएम मोदी ने भारत की विविधता के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे यहां 2500 राजनीतिक दल हैं। हां, आपने सही सुना, ढाई हजार। 20 अलग-अलग दल भारत के अलग-अलग राज्यों में सत्ता में हैं। हमारे यहां 22 आधिकारिक भाषाएं हैं, हजारों बोलियां हैं। इसके बाद भी हम एक स्वर में बात करते हैं। (इस पर दोबारा मोदी-मोदी के नारे लगे) उन्होंने कहा कि हमारे यहां हर सौ मील पर खान-पान बदल जाता है। डोसा से आलू पराठा तक और श्रीखंड से संदेश तक, हम सभी का लुत्फ उठाते हैं।
पीएम मोदी ने कहा- भारत में महिलाएं बेहतर भविष्य का नेतृत्व कर रही हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा महिला पायलट भारत से हैं। ये मंगल मिशन का भी नेतृत्व कर चुकी हैं। किसी बेटी के भविष्य में निवेश करने से पूरे राष्ट्र की तस्वीर बदल सकती है। भारत पुराना राष्ट्र जरूर है और अपनी परंपराओं के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां की युवा आबादी कई मामलों में आगे है।
चीन और पाकिस्तान के बारे में उन्होंने कहा कि टकराव के काले बादल हिंद प्रशांत क्षेत्र पर भी असर डाल रहे हैं। क्षेत्र में स्थिरता हमारी साझा चिंता है। हम मिलकर खुशहाली चाहते हैं। 9/11 और 26/11 के बाद चरमपंथ एक बड़ी चिंता बन गया है। आतंकवाद इंसानियत का दुश्मन है और इससे निपटने के लिए कोई किंतु-परंतु नहीं होना चाहिए। आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले और आतंकवाद का निर्यात करने वालों के खिलाफ हमें मिलकर लड़ना चाहिए।