बचपन में अपने पिता की जान लेना चाहता था यह IPS- जानिए सुपर कॉप के नाम से मशहूर अफसर की कहानी
आईपीएस अफसर लांडे ने बताया कि वह गरीबी में पले-बढ़े और कड़े संघर्षों को पार कर आज इस पद पर पहुंचे हैं. वामनराव लांडे बिहार के तेज-तर्रार अफसरों में गिने जाते हैं. शिवदीप लांडे ने बताया कि बचपन में उनके परिवार की जो स्थिति थी वह बेहद गुस्से में आ जाते थे. इतना ही नहीं एक बार तो उन्होंने अपने पिता की हत्या कर देने तक की बात सोच डाली थी. लांडे ने कहा कि अपनी मां से प्रेरित होकर उन्होंने न केवल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, बल्कि आईपीएस बन कर आज देश की सेवा कर रहे हैं.
अकसर आपने UPSC क्रैक करने वालों के संघर्षों की कहानियां सुनी होंगी. परिवार की गरीबी, मुश्किल हालातों को पार कर कैसे उन्होंने कामयाबी का स्वाद चखा, वो जानकर ही प्रेरणा मिलती है. ऐसे ही एक आईपीएस अफसर हैं शिवदीप वामनराव लांडे, जिन्होंने अपने जीवन में बेहद मुश्किल दौर देखा. आईपीएस अफसर शिवदीप वामनराव लांडे ने रविवार को 'वूमेन बिहाइंड द लायन' किताब का विमोचन किया. शिवदीप लांडे ने बताया कि इस किताब में एक लड़के की कहानी है, जिसे बचपन में लगता था कि उसे अपने पिता की हत्या कर देनी चाहिए या घर छोड़कर भाग जाना चाहिए, और आज वो आईपीएस ऑफिसर है.
मूल रूप से महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले शिवदीप वामनराव लांडे का बचपन दुश्वारियों में गुजरा है. उनके पिता एक गरीब किसान थे. शिवदीप लांडे दो भाइयों में बड़े हैं. उनकी परवरिश बेहद मुश्किल हालातों में हुई थी. स्कॉलरशिप की मदद से शिवदीप लांडे ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और बाद में यूपीएससी टॉप किया.
शिवदीप लांडे ने बताया कि बचपन में उनके परिवार की जो स्थिति थी वह बेहद गुस्से में आ जाते थे. इतना ही नहीं एक बार तो उन्होंने अपने पिता की हत्या कर देने तक की बात सोच डाली थी. लांडे ने बेहद साफगोई के साथ कबूल किया कि उनके पिता सरकारी कर्मी थे लेकिन नशे के आदी थे. नशेड़ी होने की वजह से परिवार की स्थिति खराब थी. पिता की नौकरी छूट जाने के बाद परिवार के हालात बिगड़ते चले गए. ऐसे में शिवदीप लांडे और उनके परिवार को मां ने ही संभाला। लांडे ने कहा कि अपनी मां से प्रेरित होकर उन्होंने न केवल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, बल्कि आईपीएस बन कर आज देश की सेवा कर रहे हैं.
उन्होंने किताब में अपनी माता के समर्पण और संघर्ष का भी जिक्र किया है. आईपीएस अफसर लांडे ने बताया कि वह गरीबी में पले-बढ़े और कड़े संघर्षों को पार कर आज इस पद पर पहुंचे हैं. वामनराव लांडे बिहार के तेज-तर्रार अफसरों में गिने जाते हैं.
जानकारी के लिए बता दे कि पटना के सिटी एसपी रहते हुए शिवदीप लांडे ने खुद की सिंघम वाली इमेज बनाई। महाराष्ट्र में कुछ दिनों तक सेवा देने के बाद शिवदीप लांडे एक बार फिर से बिहार में योगदान करने लौटे तो उन्हें डीआईजी बनाया गया.
वामनराव लांडे यूं तो बिहार कैडर के आईपीएस अफसर हैं लेकिन उनकी पोस्टिंग पिछले 5 साल से महाराष्ट्र में थी. जब बिहार में वह एसटीएफ के एसपी पद पर थे तो उनका ट्रांसफर महाराष्ट्र कैडर में कर दिया गया. बिहार लौटने से पहले वह महाराष्ट्र एटीएस में डीजीआई बन चुके थे. अब उनको बतौर डीआईजी बिहार के सहरसा रेंज की जिम्मेदारी दी गई है.
शिवदीप लांडे ने अपनी पुस्तक ‘वीमेन बिहाइंड द लॉयन’ के विमोचन के समय पुस्तक के बारे में विस्तृत जानकारियां दीं. उन्होंने बताया कि इस पुस्तक में उन्होंने अपनी जीवनी, संघर्षों व इस मुकाम पर पहुंचाने वाले शख्सियत के बारे में लिखा है. लांडे ने कहा कि अपनी मां से प्रेरित होकर उन्होंने न केवल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, बल्कि आईपीएस बन कर आज देश की सेवा कर रहे हैं।