यह कवच नहीं कपट है: ओडिशा ट्रेन हादसे पर बोले अखिलेश यादव- ट्रिपल इंजन की सरकार में लड़ गईं 3 ट्रेनें
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि, ‘झूठी सरकार की झूठी तकनीकी ने कितने लोगों की जान ले ली है। इसके लिए मंत्री से लेकर कंपनी तक सब ज़िम्मेदार है।
ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार रात एक भीषण ट्रेन हादसा हो गया। तीन ट्रेनों के बीच हुई टक्कर में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है। अब्भी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इस ट्रेन हादसे के बीच रेलवे के एक सिसटम पर लगातार सवाल उठा रहा है। सवाल रेलवे की उस तकनीक पर है, जिसका डेमो कुछ समय पहले दिखाया गया था। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता अखिलेश यादव ने ट्वीट कर रेलवे के कवच सिस्टम पर सवाल उठाया है।
यह ट्रिपल इंजन की सरकार की बात करते हैं लेकिन वहां तीन ट्रेन आपस में लड़ गईं। इसकी जवाबदेही कौन देगा। इन लोगों ने तमाम नए उपकरण बनाए थे ताकि ट्रेन हादसे ना हो। यह कहा गया था कि सुरक्षा कवच बनाया गया है जिससे सिग्नल मिल जाएगा और अगर कोई ट्रेन आसपास होगी तो दूसरी ट्रेन अपने आप रुक जाएगी। लेकिन यह सिग्नल काम नहीं आया या कवच काम नहीं आया। साफ है कि जनता के साथ कपट किया गया है। उक्त बातें रविवार को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने आजमगढ़ जिले के सुराई गांव में मुबारकपुर से सपा विधायक अखिलेश यादव के आवास पर मीडिया से कहीं।
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि, ‘झूठी सरकार की झूठी तकनीकी ने कितने लोगों की जान ले ली है। इसके लिए मंत्री से लेकर कंपनी तक सब ज़िम्मेदार है। इस महाघोटाले और भ्रष्टाचार की एक आपराधिक मामले की तरह जांच करके दंडात्मक कार्रवाई हो। ये कवच नहीं, भाजपाई कपट है।’
अखिलेश यादव ने कन्नौज सांसद के द्वारा पुलिस पर हमले के आरोप पर कहा कि अब पुलिस कहां छिपने जाए। तंज कसते हुए पूछा कि क्या बुलडोजर के पीछे छिपना पड़ेगा। जब बीजेपी के ही लोग पुलिस पर हमला करने लगेंगे तो यही होगा। आरोप लगाया कि प्रदेश की कानून व्यवस्था ठप है। केवल खास समुदाय और खास लोगों को ही निशाना बनाया जा रहा है।
बीजेपी की सरकार केवल पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीबों के ही घरों पर जेसीबी चला रही है। खास वर्ग के अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गुंडे और माफिया की बात करते हैं लेकिन कभी उन्होंने अपनी चार्जशीट देखी कि उनके ऊपर कितने मुकदमे दर्ज हैं।
जानकारी के लिए बता दे बालासोर ट्रेन हादसे के बाद कवच मुख्य चर्चा बन गया, जिससे कई लोगों ने सुझाव दिया कि कवच की स्थापना से टकराव से बचा जा सकता था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया और पूछा कि ट्रेन में टक्कर रोधी प्रणाली क्यों नहीं लगाई गई।
रेलवे के अधिकारी पहले ही इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि जिन ट्रेनों में यह हादसा हुआ है, उनमें कवच नहीं था। इतना होने के बावजूद, इस बात पर अलग-अलग राय आ रही है कि क्या कवच को स्थापित करने से त्रासदी टल सकती थी।