पुलिस के लिए चुनौती बन गया ये मर्डर केस- गिरफ्त में कातिल, जुर्म किया कुबूल और बताया कारण

308 फीट गहरा एक कुआं. कुएं के इर्द-गिर्द मौजूद पुलिसवाले और खास जंप सूट पहने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान. ये मंजर देखकर किसी को भी इस कुएं में किसी बड़े हादसे के होने या फिर किसी मॉक ड्रिल का गुमान हो सकता था. लेकिन जब ये पता चले कि ये सबकुछ पुलिस एक कत्ल की पहेली यानी मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने की खातिर कर रही है, तो वाकई हैरानी होना लाजमी है.

पुलिस के लिए चुनौती बन गया ये मर्डर केस- गिरफ्त में कातिल, जुर्म किया कुबूल और बताया कारण

एक महिला अचानक गायब हो जाती है. कुछ दिन बाद उसके कत्ल की बात सामने आती है. पुलिस कातिल तक पहुंच जाती है. अब कातिल गिरफ्तार हो चुका है. कत्ल के शुरुआती सबूत सामने आ चुके हैं. और तो और कातिल अपना गुनाह कबूल कर चुका है. उसने कत्ल का मोटिव भी बता दिया है. लेकिन उस पूरे मामले में हैरानी की बात ये है कि करीब महीने भर का वक्त बीत जाने के बावजूद पुलिस मकतूल की लाश बरामद नहीं कर पा रही है. और कत्ल की ये पहेली उलझती जा रही है. सवाल है कि लाश कहां है?
राजस्थान का नागौर जिले का डेरवा गांव. चारों ओर ऊंचे-ऊंचे रेतीले टीलों से घिरा इलाका और इसी इलाके में मौजूद है 308 फीट गहरा एक कुआं. कुएं के इर्द-गिर्द मौजूद पुलिसवाले और खास जंप सूट पहने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान. ये मंजर देखकर किसी को भी इस कुएं में किसी बड़े हादसे के होने या फिर किसी मॉक ड्रिल का गुमान हो सकता था. लेकिन जब ये पता चले कि ये सबकुछ पुलिस एक कत्ल की पहेली यानी मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने की खातिर कर रही है, तो वाकई हैरानी होना लाजमी है.
असल में एक महिला की लाश एक ऐसी अबूझ पहेली बन चुकी है, जिसका हल पुलिस को ढूंढे नहीं मिल रहा है. महिला का कत्ल हुआ है. कत्ल के शुरुआती सबूत मिल चुके हैं और तो और कातिल भी गिरफ्तार किया जा चुका है, जो खुद अपनी जुबान से कत्ल करने की बात कबूल कर रहा है. लेकिन इतना सबकुछ होने के बावजूद पुलिस उसकी निशानेदही पर लाश बरामद नहीं कर पा रही. ऐसे में सवाल यही है कि आखिर बीच शहर से एक महिला की लाश गई तो कहां गई?
इसी साल 22 जनवरी को नागौर जिले के श्रीबालाजी पुलिस स्टेशन की हद में आनेवाले गांव बालासर की रहनेवाली एक महिला गुड्डी घर से नागौर में ही अपने ससुराल जाने की लिए निकली थी. लेकिन ना तो वो ससुराल पहुंची और ना ही उसका कुछ पता चला. और तो और रहस्यमयी तरीके से कुछ ही घंटों के बाद उसका मोबाइल फोन भी स्विच्ड ऑफ हो गया. 
लेकिन इससे पहले कि पुलिस गुड्डी की गुमशुदगी का सच जान पाती, तब तक पुलिस को एक अहम जानकारी मिली. गुड्डी के गांव के रहनेवाले एक शख्स ने बताया कि उसने 22 जनवरी को गुड्डी को नागौर के ही डेरवा गांव के रहनेवाले अनोपाराम नाम के साथ जाते हुए देखा था. ये एक नई जानकारी थी. अब पुलिस ने बिना देर के लिए अनोपाराम को हिरासत में ले लिया.
अनोपाराम का कहना था कि चूंकि वो दोनों शादीशुदा थे, इसलिए चोरी-छिपे एक दूसरे से मिलने के सिवाय उनके पास और कोई चारा भी नहीं था, लेकिन गुड्डी उस पर अपनी शादी तोड़कर खुद से शादी कर लेने के लिए दबाव बना रही थी और इसी के लिए चलते उसने गुड्डी की हत्या कर दी. पुलिस को अब अनोपाराम की बातों का एक-एक सच पता करना था. लेकिन इससे पहले कि पुलिस गुड्डी का कुछ पता लगा पाती, इस मामले में एक और बड़ा ट्विस्ट आ गया. इस रोज़ पुलिस को नागौर शहर में केंद्रीय विद्यालय के पीछे झाड़ियों में एक महिला के कपड़े, कुछ बाल और एक इंसानी जबड़ा मिला.
इन चीज़ों के बरामद होने के साथ ही पुलिस को इस बात का शक हो रहा था कि कहीं ये सारी चीजें श्रीबालाजी इलाके से गायब गुड्डी की तो नहीं हैं? ये सवाल अपने आप में काफी बड़ा था. अब पुलिस ने गुड्डी के घरवालों को जंगल से बरामद चीजों की शिनाख्त के लिए बुलाया. लेकिन पहले से ही किसी अनहोनी की आशंका से सहमे गुड्डी के घरवालों को तब जोर का झटका लगा, जब उन्होंने ये चीजें देखीं. जंगल से बरामद कपड़े गुड्डी के ही थे, जिन्हें पहन कर वो ससुराल के लिए निकली थी. यानी गुड्डी के कत्ल को लेकर अनोपाराम सच कह रहा था.
पुलिस ने अब सच जानने के लिए जबड़े के टुकड़े के साथ गुड्डी के घरवालों का डीएनए टेस्ट करवाया और ये जानकर हैरान रह गई कि जंगल से बरामद ये सारी चीजें गुड्डी की ही थीं. जंगल से बरामद इन चीज़ों को लेकर जब पुलिस ने गुड्डी के पेमी अनोपाराम से पूछताछ की, तो उसने उसी जंगल में गुड्डी का कत्ल कर लाश निपटा देने की बात कही. 
अनोपाराम ने कहा कि 22 जनवरी को ही जंगल में चाकू मार कर गुड्डी का क़त्ल करने के बाद वो लाश को वहीं फेंक कर चला गया था. करीब हफ्ते भर बाद वो सबूत मिटाने के लिए फिर मौके पर लौटा और उसने लाश के टुकड़े-टुकड़े कर दिए थे. आरोपी अनोपाराम इसके बाद भी नहीं रुका. उसने गुड्डी की लाश के टुकडों को जंगल से समेटा और एक बोरे में भर लिया. इसके बाद वो मौका देखकर लाश के टुकड़ों से भरी बोरी लेकर डेरवा गांव के बाहर उस कुएं पर पहुंचा और बोरी कुएं में फेंक दी.
अब पुलिस अनोपाराम की निशानदेही पर पूरे तीन दिनों तक डेरवा गांव के कुएं में लाश के टुकड़ों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाती रही. एनडीआरएफ से लेकर एसडीआरएफ से मदद ली गई, लेकिन इन सारी कोशिशों का नतीजा जीरो रहा. इसके बाद अनोपाराम पर नए सिरे से शिकंजा कसा गया. इस बार उसने एक खेत में लाश दफ्नाने की बात कही. पुलिस मजदूरों के साथ-साथ स्निफर डॉग की मदद ले लाश ढूंढती रही, लेकिन लेकिन इसका भी नतीजा सिफर रहा.
अनोपाराम ने पुलिस को बताया है कि उसने गुड्डी की लाश के टुकड़े-टुकड़े कर निपटाने से पहले दृश्यम फिल्म समेत कई मर्डर मिस्ट्रीज़ और क्राइम सीरीज़ देखी, जिसके बाद उसने लाश को ठिकाने लगाने का आइडिया मिला. फिलहाल, अनोपाराम को रिमांड पर लेकर उससे लंबी पूछताछ करने के बावजूद पुलिस गुड्डी का लाश का पता नहीं सकी है.