इस एक न्यूट्रिएंट से बच्चा बनता है लाखों में एक, प्रेगनेंसी की स्मार्ट प्लानिंग से पाए इंटेलिजेंट बच्चा
प्रेगनेंसी की शुरुवात में बच्चे के दिमाग का विकास शुरू हो जाता है। ऐसे में शिशु कितना बुद्धिमान होगा यह गर्भवती महिला की डायट पर भी बहुत हद तक निर्भर करता है। तेज दिमाग वाले शिशु की चाहत हर महिला रखती है ऐसे में प्रेग्नेंट महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान अपनी डायट में कौन-सी चीजें शामिल करनी चाहिए, इस बात की जानकारी होना बहुत जरूरी है। यह समझने के लिए आपको उस कमाल की चीज यानि कि न्यूट्रिएंट के बारे में जानना होगा कि जो बच्चे को इंटेलिजेंट बनाती है और बेहतर इम्युनिटी भी देती है। इस न्यूट्रिएंट का नाम है ‘फोलिक एसिड।’ फोलिक एसिड IQ और EQ को बूस्ट करता है। और इसके साथ ही साथ बच्चे को कई जानलेवा बीमारियों से भी बचाता है।
प्रेगनेंसी पीरियड में बच्चे के दिमाग का डेवेलपमेंट शुरू हो जाता है। ऐसे में पैदा होने वाला बच्चा कितना बुद्धिमान होगा यह गर्भवती महिला की खान पान पर भी बहुत हद तक निर्भर करता है। स्वस्थ और स्मार्ट बच्चे की चाहत हर माता पिता की होती है। जो इंटेलिजेंट होने के साथ साथ इमोशनली मजबूत भी हो। इसके लिए अभिभावक क्या-क्या जतन नहीं करते। बच्चे को अच्छा खिलाने-पिलाने से लेकर अच्छे स्कूल में पढ़ाने के लिए जी-जान लगा देते हैं। लेकिन, क्या इतना काफी होता है? अगर आप भी ‘स्मार्ट बेबी’ चाहते हैं, तो इसके लिए प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले तैयारी शुरू करनी पड़ेगी।
यह समझने के लिए आपको उस कमाल की चीज यानि कि न्यूट्रिएंट के बारे में जानना होगा कि जो बच्चे को इंटेलिजेंट बनाती है और बेहतर इम्युनिटी भी देती है। इस कमाल की चीज या न्यूट्रिएंट का नाम है ‘फोलिक एसिड।’ फोलिक एसिड IQ (इंटेलिजेंस कोशंट यानी बौद्धिक स्तर) और EQ (इमोशनल कोशंट या इमोशनल इंटेलिजेंस) को बूस्ट करता है। और इसके साथ ही साथ बच्चे को कई जानलेवा बीमारियों से भी बचाता है।
क्या है फोलिक एसिड?
यह विटामिन-B9 का ही एक रूप है जिसे फ्लोट भी कहा जाता है। यह ब्रेन, नर्वस सिस्टम और रीढ़ की हड्डी में तरल पदार्थ के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। गर्भवती महिलाओं के लिए फोलिक एसिड इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह भ्रूण में होने वाले जन्मजात विकार जैसे स्पिना बिफिडा का खतरा कम करता है। इस बीमारी के कारण बच्चे कि पीठ में ठीक से जोड़ विकसित नहीं हो पाता।इसकी वजह से विकलांगता पैदा हो सकती है। साथ ही मां और बच्चे को एनिमिया भी हो सकता है।
फोलिक एसिड न मिलने से बच्चे के ब्रेन पर क्या असर पड़ सकता है-
दुनिया में लाखों बच्चे ऐसे जन्म लेते हैं जिनका दिमाग कमजोर होता है। या फिर बच्चा अविकसित मस्तिष्क के साथ जन्म लेता है। कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जिनका जन्म के समय ब्रेन होता ही नहीं है। देखने में ऐसे बच्चों का सिर टेढ़ा या चपटा होता है। जन्म लेने के कुछ समय बाद ही उनकी मृत्यु हो जाती है या फिर वे जिंदगी भर रीढ़ से जुड़ी और दूसरी कई बीमारियों से जूझते रहते हैं। यह समस्या तब खड़ी होती है जब प्रेग्नेंट महिला को फोलिक एसिड नहीं दिया जाता।
क्यों जरूरी है फोलिक एसिड
आपने ध्यान दिया होगा कि प्रेग्नेंसी का पता चलते ही डॉक्टर प्रेग्नेंट महिला को सबसे पहले आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां देते हैं। यह फोलिक एसिड उन्हें इसीलिए दिया जाता है, ताकि बच्चे की ‘न्यूरल ट्यूब’ में किसी तरह की कोई कमी ना उत्पन्न हो और बच्चा बीमारियों से बचा रहे। बच्चा कम वजन का न हो और समय से पहले जन्म भी न ले। इस तरह यह फोलिक एसिड की गोलियां न सिर्फ मां के लिए खतरा कम करती है, बल्कि बच्चे को तंदरुस्त और बुद्धिमान भी बनाती हैं। प्रेग्नेंसी प्लान करने वाली महिलाओं को इसीलिए डॉक्टर कम से कम 4 हफ्ते पहले से ही फोलिक एसिड देना शुरू कर देते हैं और गर्भ के 12वें हफ्ते तक इसे देना जारी रखते हैं।
प्रेग्नेंसी का पहला महीना। इस दौरान मां को अक्सर पता ही नहीं चल पाता कि वह प्रेग्नेंट है, लेकिन गर्भ में भ्रूण के विकास की शुरुआत हो चुकी होती है। इसी महीने में भ्रूण में एक ट्यूब बनती है, जिसे ‘न्यूरल ट्यूब’ कहते हैं। कोशिकाओं से बनने वाली इसी ट्यूब से एक नई जिंदगी की ‘समझदार’ शुरूआत होती है, और यही ट्यूब बच्चे के हेल्दी नर्वस सिस्टम को बनाती है। इसी ट्यूब का ऊपरी हिस्सा आगे विकसित होकर ब्रेन बनता है और बाकी के निचले हिस्से से रीढ़ की हड्डी (बैकबोन) बनती है।
इस ब्रेन और रीढ़ की हड्डी के बूते पर हम इंसान धरती के सबसे अनूठे, ताकतवर और बुद्धिमान जीव बन पाए। लेकिन, हमें इतना ताकतवर बनाने वाली इस ट्यूब में प्रेग्नेंसी के दौरान केवल एक केमिकल की कमी से कई बड़ी गड़बड़ियां हो सकती हैं।
फोलिक एसिड लेने के फायदे -
अब आप ये जानिए कि जो महिलाएं पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान फोलिक एसिड लेती हैं, उनके बच्चों में इमोशनल इंटेलिजेंस और रोगों से उबरने की क्षमता ज्यादा होती है। आयरलैंड की अल्स्टर यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने पूरे प्रेग्नेंसी पीरियड में फोलिक एसिड खाने वाली और न खाने वाली महिलाओं और उनके बच्चों पर एक रिसर्च की।जिसमें सामने आया कि जिन महिलाओं ने प्रेग्नेंसी में फोलिक एसिड नहीं लिया, उन्होंने इमोशनली कमजोर बच्चे को जन्म दिया। ये रिपोर्ट 2019 में मेडिकल जर्नल वेबसाइट ‘बीएमसी मेडिसिन’ पर भी प्रकाशित हुई। ‘ब्रिटिश साइकोलॉजिकल सोसायटी’ में पेश की गई इस रिपोर्ट में बताया गया कि पूरी गर्भावस्था में फोलिक एसिड खाने वाली मांओं के बच्चों का साइकोलॉजिकल डेवलपमेंट भी बेहतर होता है।
आयरलैंड की अल्सटर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ही एक और रिसर्च की। जिसमें उन्होंने पाया कि अगर गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही में भी गर्भवती को फोलिक एसिड दिया जाए, तो इससे बच्चे के ‘न्यूरोकॉग्निटिव डेवलपमेंट’ में भी फायदा होता है। यानी बच्चे का दिमाग अच्छी तरह से विकसित होता है। उसके सोचने, समझने और सीखने की क्षमताएं बेहतर होती हैं। भाषाएं सीखने और बोलने, याददाश्त और आसपास के लोगों से व्यवहार करने की क्षमता पर भी इसका अच्छा असर पड़ता है।
फोलिक एसिड के लिए क्या खाना चाहिए -
डॉक्टर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान फोलिक एसिड लेने की सलाह देता है लेकिन आपको खाने में फोलेट भी शामिल करना चाहिए। फोलेट के कई प्रकार होते हैं। फोलेट का ही प्रकार फोलिक एसिड भी है। आपको फोलेट के लिए पालक का सेवन करना चाहिए। फोलेट का उपयोग डीऑक्सी न्यूक्लिक एसिड यानी डीएनए के साथ ही कोशिका के डेवलपमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पालक में प्रोटीन के साथ ही मिनिरल्स भी होते हैं। माइंड के डेवलपमेंट के लिए इसे खाने में जरूर शामिल करना चाहिए।
प्रेगनेंसी में सबसे बैस्ट डाइट है हरी सब्जियां। आयरन, एंटीऑक्सीडेंट और फोलिक एसिड से भरपूर ये सब्जियां प्रजनन अंगों के लिए फायदेमंद होती है। रोजाना पालक या मूली के पत्तों का सेवन करें। अपनी डाइट में मकई, ब्रोकली,शलगम,सलाद, सरसों का साग और भिंडी आदि शामिल करें। फलों से आप आसानी से फोलिक एसिड ले सकते हैं। दिन में एक गिलास संतरे का जूस पीएं। अंगूर में विटामिन ए, फोलेट, पोटैशियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम और सोडियम होता है जो कि प्रेगनेंसी में फायदेमंद है। साबुत अनाज भी फोलिक एसिड का अच्छा स्त्रोत है। नाश्ते में दलिया और होल ग्रेन ब्रैड लें। आप चाहें तो होल वीट पास्ता भी खा सकते है। ओट्स में फाइबर,विटामिन बी,आयरन और कई खनिज पाए जाते हैं। दिन में एक कटोरी ओट्स का सेवन जरूर करें।
अंकुरित अनाज में विटामिन सी के अलावा फाइबर, विटामिन बी-1 और फॉलिक एसिड भी पाया जाता है। अपनी डाइट में इसे जरूर शामिल करें।
फॉलिक एसिड गर्भावस्था में शिशु के विकास में अत्यधिक अनिवार्य है। इसकी पूर्ति गहरे हरे रंग की साग-सब्जियों से हो सकती है। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर फॉलिक एसिड की दवा भी दे सकते हैं। अपनी मर्जी से दवाओं का सेवन न करें।
अगर आप प्रेग्नेंसी की प्लानिंग कर रही हैं तो करीब दो से तीन महीने पहले डॉक्टर फोलिक एसिड की गोलियां लेने की सलाह दे सकते हैं। अगर महिला को स्वस्थ्य और तेज दिमाग वाला बच्चा चाहिए तो प्रेग्नेंसी प्लानिंग के पहले ही ध्यान देना बहुत जरूरी हो जाता है। डॉक्टर शारीरिक जांच के बाद अन्य सप्लीमेंट लेने की सलाह भी दे सकता है। अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
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