MBBS की पढ़ाई 33 साल बाद पूरी करेगा ये छात्र, लखनऊ KGMU ने 37 छात्रों को दिया आखिरी मौका

केजीएमयू ने ऐसे कई स्टूडेंट्स को लेटर लिखा है जो किसी वजह से अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए थे. इसी के साथ केजीएमयू ने पढ़ाई बीच में अधूरी छोड़ने वाले स्टूडेंट्स को मौका दिया है. मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने का दोबारा मिलने से पूर्व छात्र काफी खुश हैं.

MBBS की पढ़ाई 33 साल बाद पूरी करेगा ये छात्र, लखनऊ KGMU ने 37 छात्रों को दिया आखिरी मौका

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ने एक छात्र को 33 साल बाद अपनी MBBS की डिग्री पूरी करने का मौका दिया है. इस शख्स का नाम कुलवंत है और उसको केजीएमयू की तरफ से पढ़ाई पूरी करने की अनुमति मिल गई है. कुलवंत सिंह सुल्तानपुर के रहने वाले हैं और अब किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की तरफ से मिले मौके से वे बहुत खुश हैं. बता दें कुलवंत की तरह ऐसे अन्य 37 स्टूडेंट भी हैं जिनको केजीएमयू में अपनी पढ़ाई पूरी करने का मौका मिला है. कुलवंत सिंह और अन्य दो पूर्व छात्रों का इसपर जवाब आ चुका है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केजीएमयू ने ऐसे कई स्टूडेंट्स को लेटर लिखा है जो किसी वजह से अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए थे. इसी के साथ केजीएमयू ने पढ़ाई बीच में अधूरी छोड़ने वाले स्टूडेंट्स को मौका दिया है. मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने का दोबारा मिलने से पूर्व छात्र काफी खुश हैं.


किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डीन डॉक्टर एके त्रिपाठी के मुताबिक, यूनिवर्सिटी की तरफ से छात्रों को दोबारा एडमिशन का मौका दिया जा रहा है. अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने का स्टूडेंट्स के पास ये आखिरी अवसर होगा. अगर वे अपनी डिग्री पूरी करना चाहते हैं तो दोबारा दाखिला ले सकते हैं.
जान लें कि अगर पूर्व छात्र केजीएमयू में दोबारा एडमिशन लेंगे तो उनको नए नियमों के तहत पढ़ाई करनी होगी. छात्रों को नया सिलेबस पढ़ना होगा. यह फैसला नेशनल मेडिकल काउंसिल के रूल्स को ध्यान में रखकर लिया गया है.
गौरतलब है कि केजीएमयू की तरफ से दिए गए अंतिम मौके का लाभ पूर्व छात्र उठा सकते हैं. वह अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर सकते हैं. दाखिले की अनुमति उनको दे दी गई है. 
जानकारी के लिए बता दे पिछले साल केजीएमयू के कुलपति डा. बिपिन पुरी ने इन सभी छात्रों को एक और मौका देने के बाद एडमिशन रद्द करने का निर्णय लिया है. कुलपति ने कहा कि फेल होने वाले छात्रों में ज्यादातर की शादी हो चुकी है. उनके बच्चे भी हैं जो स्कूल जाने लगे हैं.

छात्र अभी भी एमबीबीएस की परीक्षा पास नहीं कर पा रहे हैं. इन छात्रों की पढ़ाई में मदद करवाने के लिए किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में प्रशासन की ओर से एक समिति का गठन भी किया गया था जिस पर उनकी काउंसलिंग की गई.
उनके लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगाई गई और उनके सत्र से जुड़े हुए कई अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने की कोशिश भी की गई. सभी प्रयासों का कोई असर दिखाई नहीं पड़ रहा है. इसके लिए हम अब इन सभी छात्रों को एक मौका और देने के बाद बाहर का रास्ता दिखाने को मजबूर हैं.