मुकेश अम्बानी को फिर दी गयी धमकी, कहा गया - तीन घंटे में पूरे परिवार को खत्म कर देंगे
रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल के डिस्प्ले नंबर पर धमकी भरे आठ फोन कॉल किए गए। कॉलर ने उनके पूरे परिवार को तीन घंटे में खत्म करने की धमकी दी। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के परिवार को फिर जान से मारने की धमकी मिली है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के परिवार को फिर जान से मारने की धमकी मिली है। सूत्रों के मुताबिक, रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल के डिस्प्ले नंबर पर धमकी भरे आठ फोन कॉल किए गए। कॉलर ने उनके पूरे परिवार को तीन घंटे में खत्म करने की धमकी दी। इसके बाद हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने DB मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। कथित तौर पर फोन करने वाले ने कुछ घंटों में बड़ी घटना होने का दावा किया है। फिलहाल, हालात की गंभीरता के मद्देनजर पुलिस भी सतर्क हो गई है। इससे पहले भी मनसुख हिरण मामले में इसी तरह की घटना सामने आई थी। पुलिस भी शिकायत मिलते ही एक्शन में आ गई है। खबर है कि फिलहाल, बयान दर्ज किए जा रहे हैं। साथ ही कॉलर को भी ट्रेस करने की कोशिशें जारी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि अस्पताल की सुरक्षा में भी इजाफा किया जा सकता है। हालांकि, उद्योगपति को पहले ही सरकार की तरफ से कड़ी सुरक्षा हासिल है।
किसी अज्ञात व्यक्ति ने आज सुबह 10:30 बजे के करीब कॉल किया। कॉल करके उस अज्ञात व्यक्ति ने अंबानी परिवार को धमकी दी। मामले की सूचना मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. गूगल पर रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल का जो नंबर मौजूद है उसी नंबर पर यह धमकी वाला कॉल आया था। गिरगांव के एच एन रिलायंस अस्पताल में तीन से चार बार किया गया कॉल किया था। अस्पताल के रिसेप्शन पर 10:30 बजे के आसपास कॉल आया. पुलिस के मुताबिक कॉलर कोई सिरफिरा हो सकता है. मामले में डीबी मार्ग पुलिस स्टेशन की टीम जांच कर रही है। यहां अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज की गई। वहीं पुलिस अधिकारी ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि हमें अस्पताल से शिकायत मिली है और हम इसकी जांच शुरू कर रहे हैं। मुंबई पुलिस कमिश्नर को इस मामले की जानकारी दी गई है। केस की जांच के लिए मुंबई पुलिस की तीन टीमें बना दी गई हैं।
बता दे कुछ समय पहले, त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने साहा की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर 31 मई और 21 जून को दो अंतरिम आदेश जारी किए थे और केंद्र सरकार को अंबानी, उनकी पत्नी और बच्चों की जान को खतरे से संबंधित वह मूल फाइल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था, जिसके आधार पर उन सभी को सुरक्षा प्रदान की गयी थी। गौरतलब है कि देश के दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी को Z+ सुरक्षा प्रदान की गई है। लेकिन विकास साहा नाम के एक शख्स ने त्रिपुरा हाईकोर्ट में अंबानी की Z+ सिक्योरिटी के खिलाफ जनहित याचिका दायर कर दी थी। जिस पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया. इधर, केन्द्र सरकार ने इस याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय पहले देश के जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों को केंद्र सरकार द्वारा मुंबई में दी गई सुरक्षा को जारी रखने का आदेश दिया था । प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने एक जनहित याचिका पर त्रिपुरा उच्च न्यायालय के निर्देश को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की अपील स्वीकार की थी।
मुकेश अंबानी को साल 2013 में हिजबुल मुजाहिद्दीन से धमकी मिलने के बाद तत्कालीन मनमोहन सिंह की सरकार ने Z+ सिक्योरिटी मुहैया कराई थी। उनकी पत्नी नीता अंबानी को 2016 में केंद्र सरकार ने Y+ सिक्योरिटी प्रदान की थी। उनके बच्चों को भी महाराष्ट्र सरकार की ओर से ग्रेडेड सुरक्षा दी जाती है।
चलते चलते जानकारी के लिए बता दे, फरवरी 2021 में एंटीलिया के बाहर से विस्फोटक से लदी एक SUV बरामद की गई थी, जिसमें 20 जिलेटिन की छड़ें और एक चिट्ठी मिली थी। चिट्ठी में मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी को धमकी दी गई थी। इस केस में मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वझे का नाम आया था। अभी NIA इस केस की जांच कर रही है।